बिहार : भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी का भारत बंद का बिहार में व्यापक असर रहा - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

सोमवार, 10 सितंबर 2018

बिहार : भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी का भारत बंद का बिहार में व्यापक असर रहा

cpi-bharat-band-in-bihar-sucsessfull
पटना (आर्यावर्त डेस्क) 10 सितम्बर, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव सत्यनारायण सिंह ने कहा कि वामदलों के आह्वान पर पेट्रोलियम पदार्थों एवं रुपए के अवमूल्यन के खिलाफ सोमवार को आयोजित भारत बंद का बिहार में व्यापक असर रहा। वामदलों के कार्यकर्ता सुबह से ही सड़कों पर उतर कर यातायात को बाधित किया। राज्य के कई हिस्सों में ट्रेन रोकी गई और राष्ट्रीय राजमार्ग जाम किया गया। निजी प्रतिष्ठान बंद कराए गए और सरकारी कार्यालय में कम उपस्थित रही। बन्द को लोगों का व्यापक जनसमर्थन मिला। भकपा के 25 हजार से ज्यादा कार्यकर्ता ने गिरफ्तारी दी। उन्होंने कहा कि इसके साथ ही मोदी सरकार के उल्टी गिनती शुरू हो गई है। केंद्र की मोदी और बिहार की नीतीश सरकार का विदाई का एलान हो चुका है। मोदी सरकार में पेट्रोल की कीमत प्रति लीटर 87, डीजल76 रुपये और घरेलू गैस की कीमत 917 रुपये प्रति सिलिंडर हो गया है। उन्होंने कहा कि बंद में भाकपा माकपा भाकपा माले अखिल भारतीय फॉरवर्ड 11ब्लॉक आरएसपी एसयूसीआई शामिल थे साथियों विपक्षी दलों के लोगों ने भी बंद में बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया बंद की सफलता से साफ हो गया है कि मोदी सरकार के खिलाफ लोगों में गुस्सा है इसका परिणाम अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव में देखने को मिलेगा जिस मोदी सरकार ने महंगाई कम करने पेट्रोलियम पदार्थों की कीमत कम करने काला धन विदेशों से वापस लाने और बेरोजगारों को साल में दो करोड़ रोजगार उपलब्ध कराने के नारे के साथ सत्ता में आई थी उसमें से एक भी वादे मोदी सरकार पूरे नहीं कर पाई उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाजपा राष्ट्रीय कार्यकारिणी में दिए गए बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि नरेंद्र मोदी या भूल जाते हैं यह देश नेता नहीं नीति के आधार पर चलता है। 1977,1989,1991,1996 और 2004 में हुए लोकसभा चुनाव में कोई नेता नहीं था उन्होंने कहा कि यह देश नीति के आधार पर चलेगी नेता के आधार पर लोकसभा चुनाव के बाद राजनीतिक पार्टियां बैठकर अपना नेता चुन लेगी। पटना में राज्य सचिव सत्यनारायण सिंह, राज्य सचिव मण्डल सदस्य रामनरेश पांडेय, जानकी पासवान, कपिलदेव यादव, पटना जिला सचिव रामलला सिंह, राज्य कार्यकारिणी सदस्य रविन्द्र नाथ राय, किसान नेता अशोक प्रसाद सिंह, बिहार महिला समाज की राजश्री किरण, इरफान अहमद, एआईवाईएफ के प्रदेश अध्यक्ष सुधीर कुमार, एआईएसएफ के राज्य अध्यक्ष रंजीत पंडित, राज्य सचिव सुशील कुमार आदि शामिल थे।बेगूसराय खगड़िया मधुबनी दरभंगा पूर्वी चंपारण पश्चिमी चंपारण भागलपुर समस्तीपुर अरवल जहानाबाद बक्सर गाया बांका जमुई पटना सहित बिहार के सभी 38 जिलों में भारतीय कमुनिस्ट पार्टी के कार्यकर्ताओं ने बढ़ चढ़कर भारत में भाग लिया। देश की जनता पर बढ़ते असहनीय आर्थिक बोझ चिंता का विषय है। पेट्रोल, डीजल, घरेलू गैस की कीमत की गई बेतहासा वृद्धि के खिलाफ भारत बंद की घोषणा की गई है। पेट्रोलियम पदार्थों की कीमतों से दैनिक जरूरत की सभी वस्तुएं महंगी हो गई है । जिंदगी दूभर बन गया है। कीमत में की गई बढ़ोतरी का नकारात्मक असर जीवन के हर छेत्र में देखने को मिल रहा है। देश के किसान पहले से ही अपनी समस्याओं से जुझ रहे हैं। पेट्रोलियम पदार्थों की कीमत में बढ़ोतरी से खेती पर भी नकारात्मक असर पड़ा है।इस मूल्य बढ़ोतरी का असर चहुमुंखी है। इसका आर्थिक विकास पर नारात्मक असर पड़ा है। नौकरी लगातार ख़त्म की जा रही है।नये रोजगार पैदा नहीं किये जा रहे हैं।नए रोजगार पैदा नहीं होना गम्भीर सन्देश दे रहा है।ऊपर से रुपये की लगातार अवमूल्यन मोदी सरकार की गलत आर्थिक नीति की ही परिणीति है। देश के किसान कृषि लागत में कम करने, लाभकारी मूल्य की प्राप्ति एवं सभी तरह के कर्ज की माफी के लिए आंदोलन करते हैं। उन्हें राहत तो नहीं मिलती है, लेकिन लाठी एवं मुकदमे जरूर झेलने पड़ते हैं। दूसरी ओर यही सरकार कारपोरेट घरानों के द्वारा लिए गए लाखों रुपये का कर्ज एनपीए में डाल रही है।मोदी सरकार ने कारपोरेट घरानों की चार लाख करोड़ रुपये की कर्ज चार सालों में माफ् की है। लाखों करोड़ रुपये कारपोरेट घरानों ने एनपीए के नाम पर डकार चुके हैं।इससे सार्वजनिक बैंकों को बुरी स्थिति में पहुँचा दिया है। उन्होंने कहा कि राफेल लड़ाकू विमान खरीद घोटाला एवं अन्य सौदों में क्रोनी पूंजीवाद अपना असर दिखा रहा है। किसी तरह की जांच से सीधा इनकार करना घोटाले पर सीधा पर्दा डाल देना है। कालाधन लाने का आश्वाशन था,कालाधन आया तो नहीं, लेकिन इसकी कानूनी मान्यता मिल गई। जनता को जीवन से रूबरू समस्याओं से ध्यान भटकाने के लिए, अपनी असफलता के अंबार को ढकने के लिए हिंसा और घृणा समाज में फैलाया जा रहा है।कार्यकर्ताओं, बुद्धिजीवियों की हत्या, पिटाई, या गिरफ्तारी बढ़ती जा रही है।फासीवादी ताकते कई संवैधानिक पदों पर बैठ कर अपनी कुटिल चाल चल रहा है।लेकिन हम उनकी कुटिलताओं को सफल नहीं होने देंगे। ऐसी परिस्थितियों का प्रतिरोध करने हेतु वामपंथी पार्टियों ने10 सितम्बर को राष्ट्रव्यापी हड़ताल का आह्वान किया था। बिहार में तमाम गरीब हितैसी योजनाएं भ्रष्टाचार की शिकार है।जिससे बिहार के किसानों, मजदूरों एवं सभी तबके के श्रमजीवी जनता पर केंद्र सरकार की जनविरोधी नीतियों का गम्भीर असर पड़ रहा है और उनका जीवन दूभर हो गया है।

कोई टिप्पणी नहीं: