- पी.एम.नरेंद्र मोदी और केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के पाले में गेंद
चार दिन सत्याग्रह कर इंतजार करेंगे
पांचवे दिन दिल्ली कूच कर जाएंगे
कुर्सेला (कटिहार) : ऐतिहासिक जनांदोलन 2018 की उल्टी गिनती शुरू हो गयी है.विश्व विख्यात एकता परिषद एवं समान विचारधारा के लोगों के बीच गठबधंन वाले अहिंसात्माक आंदोलन में शामिल होने के लिए वंचित समुदाय के लोग देर शाम 1अक्टूबर तक पलवल, हरियाणा पहुंच जाएंगे. देश के विभिन्न राज्य में संवाद यात्रा के माध्यम से जनांदोलन 2018 को लोगों को रू-ब-रू करवाने वाले भी पहुंच जाएंगे.अभी जन-जन से संवाद कर रहे हैं.बता दें कि महाराष्ट्र से दलित यात्रा, झारखंड से आदिवासी यात्रा, गुजरात से भूमिहीन यात्रा, केरल से महिला भूमि संवाद यात्रा और पंजाब से किसान यात्रा शुरू हो चुकी है.सब अपने उद्देश्य में लगे हैं. इस बीच कुर्सेला प्रखंड में है दक्षिणी मुरादपुर ग्रान पंचायत.इस पंचायत में है महादलित टोला तिनघरिया. यहां पर आवासीय भूमि अधिग्रहण मोर्चा गठित है. इस मोर्चा के अध्यक्ष अनिल राम हैं.जो जनांदोलन 2018 के दस्ता नायक हैं. बता दें कि इस आंदोलन के दल नायक हैं प्रदीप कुमार. मोर्चा के सभी सदस्यों को बताया कि जनांदोलन की उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है.आज से महज 30 दिन बाद यानी 2 अक्टूबर से जनांदोलन 2018 शुरू होगा.इस आन्दोलन के महानायक गांधीवादी चिंतक डॉ.पी.व्ही.राजगोपाल जी हैं.इनके नेतृत्व में 25 हजार वंचित समुदाय के लोग हरियाणा के पलवल में 4 दिनों तक सत्याग्रह करेंगे. इस दरम्यान केंद्र सरकार की ओर पहल नहीं की गयी तो हरियाणा से पांव-पांव 60किलोमीटर चलकर दिल्ली पहुंच जाएंगे. अब गेंद पी.एम.नरेंद्र मोदी और केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के पास है जो 6 सूत्री मांग को पूर्ण कर दें. एकता परिषद के उपाध्यक्ष प्रदीप प्रियदर्शी ने कहा कि हमलोगों ने 2007 में जनादेश 2007 और 2012 में जन सत्याग्रह 2012 सत्याग्रह पदयात्रा किए थे.2007 में 25 हजार की संख्या को पूर्व केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री डॉ.रद्युवंश प्रसाद सिंह ने संबोधित किए और सभी मांगों को एकसिरे मान लिए.फिर 2012 में 80 हजार की संख्या को पूर्व केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश ने संबोधित किए.मौके पर इंदिरा आवास योजना की राशि में बढ़ोतरी कर 70 हजार कर दिए. आगे उपाध्यक्ष श्री प्रियदर्शी ने कहा कि 2007 और 2012 की मांग को लद्यु बनाकर 6 सूत्री कर दी गयी है जो इस प्रकार से है:- राष्ट्रीय आवासीय भूमि अधिकार कानून की द्योषणा एवं क्रियान्वयन, राष्ट्रीय कृषक हकदारी कानून की द्योषणा एवं क्रियान्वयन,राष्ट्रीय भूमि नीति की द्योषणा व क्रियान्वयन, भारत सरकार द्वारा पूर्व में गठित राष्ट्रीय भूमि सुधार परिषद और राष्ट्रीय भूमि सुधार कार्यबल समिति को सक्रिय करना,वनाधिकार कानून -2006 और पंचायत (विस्तार उपबन्ध) अधिनियम -1996 के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए राष्ट्रीय व प्रांतीय स्तर पर निगरानी तंत्र की स्थापना और भूमि संबंधी विवादों के शीघ्र समाधान के लिए त्वरित न्यायालयों का संचालन हो.
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