केरल प्रदेश के तिरूवनंतपुरूम से 16 अगस्त से शुरू हुई थी संवाद यात्रा, अब खुद को एकता परिषद व समान विचारधाराओं शंखनाद जनांदोलन 2018 में झोंक देगी
ग्वालियर: एकता महिला मंच,बिहार की संयोजिका मंजू डुंगडुंग ने कहा कि महिलाओं के किसान एवं भूमि अधिकारों संबंधित समस्याओं को राष्ट्रीय क्षितिज पर लाने का प्रयास है.भारत में हमलोग यानी 75 प्रतिशत महिलाएं कृषि की गतिविधियों में हिस्सेदार हैं.यह उल्लेखनीय है कि भारत में कृषि महिलाओं की सहभागिता के बिना असंभव है.महिलाएं औसतन पुरूषों से लगभग 1500 घंटे सालाना किसानी करने के साथ-साथ पशु पालन,सब्जी की खेती,चारे का संग्रहण एवं घरेलु पोल्ट्री में भी अहम भूमिका निभाती हैं. मंच की बिहार की संयोजिका मंजू डुंगडुंग ने कहा कि महिला किसान भू-यात्रा 16अगस्त को केरल प्रदेश के तिरूवनंतपुरूम से शुरू होगी.12 राज्य यथा केरल,तमिलनाडु ,कनार्टक, आंध्र प्रदेश , तेलंगाना , उड़ीसा, झारखंड, छत्तीसगढ़,बिहार, उत्तर प्रदेश,राजस्थान होकर ग्वालियर पहुंची हैं. संपति में महिलाओं के हिस्सेदारी के लिए.महिलाओं को कृषक का दर्जा दिलाने के लिए.महिलाओं को आवास और वन भूमि का अधिकार मिले.मालिकाना हक के कागजों पर महिलाओं के भी नाम हो.सामुदायिक जमीन पर महिलाओं के उपयोग के लिए उपलब्ध हो.महिलाओं को कृषि एवं अन्य ऋण मिले.मंडी पंचायत एवं उत्पादक संस्थाओं में महिलाओं को सदस्यता मिले.समस्त शासकीय एवं अर्धशासकीय योजनाओं में महिलाओं की समान भागीदारी हो. अन्तर्राष्ट्रीय एकता महिला मंच की अध्यक्ष जिल कार हैरिज, श्रर्द्धा कश्चयप ,कस्तूरी पटेल,शोभा तिवारी,कोमल आदि वीरांगनाओं का स्वागत किया.उनका भव्य स्वागत लोगों ने किया. मौके पर एकता परिषद के संस्थापक राजगोपाल पी.व्ही.ने कहा कि 2007 और 2012 के सत्याग्रह पदयात्रा में सरकार ने जनशक्ति की इच्छाओं को पूरी नहीं की है.इस बार शक्ति के बल पर 6 सूत्री मांग लेकर रहेंगे.
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