मात्र: 2 दिनों के बाद जन आंदोलन 2018 शुरू - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

शुक्रवार, 28 सितंबर 2018

मात्र: 2 दिनों के बाद जन आंदोलन 2018 शुरू

आम चुनाव 2009 के पहले जनादेश 2007आम चुनाव 2014 के पहले  जन सत्याग्रह 2012आम चुनाव 2019 के पहले  जन आंदोलन 2018युवाओं को नेतृत्व करने का गुर सिखाते
kta-parishad-jan-andolan-after-two-days
ग्वालियर  : लगातार तीसरी बार महानायक बने राजगोपाल पी.व्ही.युवाओं को नेतृत्व का गुर सिखा रहे हैं. ऐतिहासिक जन आंदोलन 2 अक्टूबर से शुरू होगा. तीसरी बार ग्वालियर मेजबानी करने को तैयार है. पहली बार 2007 में जनादेश 2007 सत्याग्रह किया गया.इसमें  25 हजार वंचित समुदाय हिस्सेदारी दिए. ग्वालियर से दिल्ली तक पदयात्रा किए. दूसरी बार 2012 में जन सत्याग्रह 2012 में सत्याग्रह किया गया. 80 हजार अधिक लोग चले.दिल्ली जाने के पहले ही आगरा में ही समझौता हो गयी.अब तीसरी बार 2018 में जन आंदोलन होने वाला है.25 हजार वंचित समुदाय तैयार हैं आंदोलन में कूदने को.

इन मांगों को लेकर जनादेश 2007 सत्याग्रह पदयात्रा
> राष्ट्रीय भूमि प्राधिकार की स्थापना
>समस्त भूमिहीनों को भूमि का अधिकार
>वनभूमि पर काबिजों को मालिकाना हक
>ग्रामीण बेरोजगार उन्मूलन रोजगार नीति को कानून के दायरे में लाना
>सीमांत कृषक समर्थित कृषि नीति
>आदिवासी -दलित और वंचित समर्थित जन -अधिकार नीति
>किसान समर्थित उत्पादन आधारित मूल्य निर्धारित 
>महिला ,दलित व आदिवासियों के साथ विभिन्न सरकारी विभागों ,अधिकारियों ,कर्मचारियों विशेषकर वन विभाग और पुलिस के द्वारा किये जा रहे उत्पीड़न की समाप्ति 
>भूमि सुधार की प्रक्रिया को सभी राज्यों में लागू करना
>कृषि योग्य भूमि का गैर कृषि कार्यों के लिए उपयोग पर पूर्ण पांबदी. पूर्व केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री डॉ.रद्युवंश प्रसाद सिंह थे.प्रधानमंत्री डॉ.मनमोहन सिंह.राष्ट्रीय भूमि सुधार नीति नहीं बना सकें.राष्ट्रीय भूमि सुधार परिषद तो बनाएं पर बैठक नहीं बुलाएं.

सत्ता में द्वितीय बार यूपीए सरकार
वर्ष 2009 आम चुनाव में फतह कर प्रधानमंत्री डॉ.मनमोहन सिंह कुर्सी पर आसीन हुए.केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश बने.अपने कार्यकाल में राज्य सरकारों को एडवाइजरी प्रेषित किया.भूमि संबंधी कार्य व मसले को सटलाने का सुझाव था.मगर अंतिम कार्य राष्ट्रीय भूमि सुधार नीति नहीं बना सकें.

2014 में पूर्ण बहुमत से एनडीए सत्तासीन
बहुप्रचारित और बहुआयामी नरेंद्र भाई मोदी प्रधानमंत्री बने.केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर है.उनको जन आंदोलन 2018 झेलना है.वहीं एनडीए सरकार की उपलब्धि गिनाना है.मुरैना में आमसभा रख दी गयी.वहीं पर आरपार की जंग होगी.फोटो में दाहिनी और डॉ.रद्युवंश प्रसाद सिंह और बायीं ओर जयराम रमेश हैं.दोनों सत्ता से बाहर होने पर पटना में मिले थे.ऊपर में नरेंद्र सिंह तोमर हैं.इनको 6 सूत्री मांग पूर्ण करने की जिम्मेवारी है. इस बाबत एकता परिषद के उपाध्यक्ष प्रदीप प्रियदर्शी का कहना है कि प्रथम और द्वितीय आंदोलनों की मांग को लद्यु बना दिया है.हां एकता परिषद व सम्मान विचार वाले जन संगठनों ने 6 सूत्री मांग रखेंगे है. जो इस प्रकार है राष्ट्रीय आवासीय भूमि अधिकार कानून की द्योषणा एवं क्रियान्वयन, राष्ट्रीय कृषक हकदारी कानून की द्योषणा एवं क्रियान्वयन,राष्ट्रीय भूमि नीति की द्योषणा व क्रियान्वयन, भारत सरकार द्वारा पूर्व में गठित राष्ट्रीय भूमि सुधार परिषद और राष्ट्रीय भूमि सुधार कार्यबल समिति को सक्रिय करना,वनाधिकार कानून -2006 और पंचायत (विस्तार उपबन्ध) अधिनियम -1996 के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए राष्ट्रीय  व प्रांतीय स्तर पर निगरानी तंत्र की स्थापना और भूमि संबंधी विवादों के शीघ्र समाधान के लिए त्वरित न्यायालयों का संचालन हो.

कोई टिप्पणी नहीं: