पेटोल-डीजल-रसोई गैस के दाम में बेतहाशा बढ़ोतरी के खिलाफ हड़ताल-बंद को ऐतिहासिक बनाने की अपील
पटना 9 सितंबर 2018, वाम दलों के आह्वान पर 10 सितंबर को आयोजित राष्ट्रव्यापी हड़ताल-भारत बंद की तैयारी पूरी कर ली गई है. कल के कार्यक्रम सफल बनाने के लिए आज राजधानी पटना सहित कई जिलों में प्रचार वाहन निकला तथा नुक्कड़ सभाओं का आयोजन किया गया. हड़ताल-बंद को लेकर जनता के विभिन्न हिस्सों में व्यापक समर्थन देखा जा रहा है. लोग मोदी सरकार से आहत हैं और सरकार द्वारा किए गए विश्वासघात से उनके मन में गहरा आक्रोश है. पेट्रो पदार्थों के दाम में अब तक की अभूतपूर्व बढ़ोतरी हुई है. पेट्रोल का दाम 90 रु. प्रति लिटर होने को है. ़ महंगाई बेलगाम है. रुपये के मूल्य में भारी अवमूल्यन हुआ है और लोकतंत्र पर निरंतर हमला हो रहा है. इन वजहों से आम लोग मोदी सरकार के खिलाफ गोलबंद हो रहे हैं और कल इस आक्रोश की अभिव्यक्ति होगी. व्यापारियों, मजदूर-किसानों, परिवहन चालकों आदि समुदाय से बंद को व्यापक समर्थन मिल रहा है. वाम दलों ने समाज के विभिन्न तबकों से कल के आयोजन को ऐतिहासिक बनाने की अपील की है ताकि मोदी सरकार पीछे हटने के लिए मजबूर हो जाए. आकस्मि सेवायें हड़ताल-बंद से मुक्त रखी गई हैं. वाम नेताओं ने कहा कि साढ़े चार साल पहले पेट्रो पदार्थों की बढ़ती कीमत और कमरतोड़ महंगाई पर रोक मोदी सरकार का एक प्रमुख वादा था. लेकिन पेट्रोल की कीमत आज पुराने सारे रिकार्ड तोड़ गई है. जिसका असर जीवन के हर क्षेत्र में देखा जा रहा है. इस बेतहाशा मूल्य बढ़ोतरी ने पहले से ही कई प्रकार की समस्याओं का सामना कर रहे किसानों का संकट और बढ़ा दिया है. रुपये का भारी अवमूल्यन हुआ है. रुपये के अवमूल्यन ने जन जीवन को संकट में डाल दिया है. 2 करोड़ रोजगार का वादा था, लेकिन रोजगार कहीं नजर नहीं आ रहा है. विकास के वादों की तरह पेट्रोल-डीजल-गैस सिलिंडेर के दाम करने का भाजपा का वादा भी बाकी वादों की तरह जुमला साबित हो रहा है. उलटे आज महंगाई सातवें आसमान पर है.एलपीजी के दाम में बढ़ोतरी से घरेलू अर्थव्यवस्था चरमरा गई है. इसलिए देश की जनता ने नारा दिया है - बहुत हुआ महंगाई की मार-अब नहीं मोदी सरकार!
भ्रष्टाचार भी अपने चरम पर है. राफेल डील में भारी घोटाले की जांच से सरकार ने सीधा इंकार कर दिया है. इसलिए देश की जनता ने दूसरा नारा दिया है: राफेल चोर - गद्दी छोड़! एक तरफ राफेल डील, नोटबंदी आदि की आड़ में बड़े-बड़े घोटाले हो रहे हैं, तो दूसरी ओर मानवाधिकार कार्यकर्ताओ, पत्रकारों, सामाजिक-राजनीतिक कार्यकर्ताओं, बुद्धिजीवियों और सरकार से असहमति रखने वाली आवाजों भिन्न-भिन्न तरीकों सेे प्रताड़ित किया जा रहा है. लोगों की पटी-पीट कर हत्या कर दी जा रही है. और इस तरह आज देश में फासीवादी ताकतें इस देश के लोकतंत्र को पूरी तरह से तहस-नहस कर देने पर आमदा है. ऐसी ही स्थिति में वाम दलों ने 10 सितंबर को अखिल भारतीय हड़ताल व बंद का आह्वान किया है. बिहार में भी तमाम गरीबपक्षी योजनाएं भ्रष्टाचार की शिकार हैं. बच्चों एवं महिलाओं की कल्याणकारी योजनाओं के तहत चलने वाले बालिका गृह मामले में न केवल संस्थाबद्ध भ्रष्टाचार को अंजाम दिया गया बल्कि बच्चियों की जिंदगी के साथ कू्रूर मजाक किया गया. इन काली करतूतों से आज पूरे देश में बिहार शर्मसार हुआ है. विश्वासघाती और घोर जनविरोधी मोदी सरकार के खिलाफ कल विपक्ष की सभी पार्टियां एक साथ सड़कों पर उतरेगीं और घोर जनविरोधी मोदी सरकार को सबक सिखाने का संकल्प लेंगी. हड़ताल-बंद के समर्थन में टेंपो यूनियन व अन्य संगठनों से समर्थन मांगा गया है. जनता के विभिन्न हिस्सों का व्यापक समर्थन बंद को मिल रहा है. संवाददाता सम्मेलन में भाकपा-माले के राज्य सचिव कुणाल व पोलित ब्यूरो सदस्य धीरेन्द्र झा, सीपीआई-एम के राज्य सचिव अवधेश कुमार व गणेश शंकर सिंह, सीपीआई के कपिलदेव यादव, राजश्री किरण व इरफान अहमद, एसयूसीआईसी के सूर्यंकर जितेन्द्र व साधना मिश्रा, एआईएफबी के अशोक कुमार व अमेरिका महतो शामिल थे.
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