मोदी, ओली की मुलाकात, दोनों देशों के बीच रक्सौल-काठमांडो रेलमार्ग को लेकर समझौता - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शनिवार, 1 सितंबर 2018

मोदी, ओली की मुलाकात, दोनों देशों के बीच रक्सौल-काठमांडो रेलमार्ग को लेकर समझौता

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काठमांडो, 31 अगस्त , भारत और नेपाल ने दोनों देशों के बीच रणनीतिक महत्व के रक्सौल-काठमांडो रेलमार्ग को विकसित करने के लिए सहमति ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। यह रेलमार्ग बिहार के रक्सौल शहर को नेपाल की राजधानी काठमांडो से जोड़ेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज चौथे बिम्सटेक शिखर सम्मेलन के दौरान नेपाल के प्रधानमंत्री के. पीँ शर्मा ओली से द्विपक्षीय मुलाकात की। दोनों नेताओं ने आर्थिक और व्यापार संबंधों को और मजबूत बनाने समेत द्विपक्षीय रिश्तों से जुड़ी सभी पहलुओं की विस्तृत समीक्षा भी की।  दोनों नेताओं की इस साल यह तीसरी बैठक थी। इससे पहले ओली की अप्रैल में भारत यात्रा के दौरान मोदी से मुलाकात हुई थी। उसके बाद प्रधानमंत्री मोदी की मई में नेपाल यात्रा के दौरान दोनों नेता मिले थे। बैठक के बाद मोदी ने कहा, ‘‘विभिन्न मुद्दों पर व्यापक चर्चा हुई। इसमें भारत-नेपाल संबंधों से जुड़ी विभिन्न पहलुएं शामिल हैं।’’ 

उन्होंने कहा, ‘‘हमने आर्थिक, व्यापार तथा सांस्कृतिक संबंधों को आगे और मजबूत बनाने के उपायों पर चर्चा की। हमारे देशों के बीच संपर्क मजबूत बनाने पर भी चर्चा हुई।’’  विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा कि दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय रिश्तों की सभी पहलुओं की विस्तृत समीक्षा की। कुमार ने कहा, ‘‘दोनों नेता गर्मजोशी से मिले।’’  कुमार ने ट्वीट किया, ‘‘बैठक के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और नेपाल के प्रधानमंत्री के. पी. शर्मा ओली की मौजूदगी में भारत सरकार और नेपाल सरकार के बीच सहमति ज्ञापन पर हस्ताक्षर हुए। यह समझौता रक्सौल (भारत) और काठमांडो (नेपाल) के बीच ब्रॉडगेज रेलवे लाइन के आरंभिक इंजीनियरिंग एवं यातायात सर्वेक्षण के लिए किया गया है।’’  इस सहमति ज्ञापन पर भारत की ओर से राजदूत मंजीव सिंह पुरी और नेपाल की ओर से वहां के भौगोलिक ढांचा एवं निर्माण मंत्रालय के सचिव मधुसुदन अधिकारी ने हस्ताक्षर किए। रक्सौल-काठमांडो रेलमार्ग से दोनों देशों के लोगों के बीच संपर्क बढ़ेगा और थोक में सामान की आवाजाही सरल हो सकेगी। इस रेल लाइन के लिए सर्वेक्षण कार्य भारत की कंपनी कोंकण रेल कार्पोशन करेगा।  यह समझौता इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि दो साल पहले ही चीन ने तिब्बत से नेपाल के बीच रेलमार्ग स्थापित करने पर सहमति जतायी थी। भारत और नेपाल के बीच तीन और रेलमार्ग स्थापित करने की योजना है। इनमें न्यू जलपाईगुड़ी-काकरभित्ता, नौटवाना-भैराह्वा और नेपालगंज रोड-नेपालगंज रेलमार्ग शामिल हैं। इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी ने चौथे बिम्स्टेक (बंगाल की खाड़ी बहु-क्षेत्रीय तकनीकी एवं आर्थिक सहयोग पहल) शिखर सम्मेलन के दौरान थाईलैंड और बांग्लादेश के प्रधानमंत्रियों के साथ भी द्विपक्षीय बैठक और चर्चा हुई। उन्होंने श्रीलंका और म्यांमा के राष्ट्रपतियों के साथ भी बैठकें की।

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