2 अक्टूबर से जन आंदोलन 2018 में 25 हजार की संख्या में शिरकत करेंगे वंचित समुदाय सम्मान समारोह में बोले रनसिंह परमार
ग्वालियर: विश्वभर के लोगों का ध्यान केंद्रित स्थल ग्वालियर बन गया है। मध्य प्रदेश के ग्वालियर के लोग चश्मदीह गवाह हैं कि 2007 में जनादेश 2007, 2012 में जन सत्याग्रह 2012 और अब 2018 में जन आंदोलन 2018 की तैयारी करने में जुटे हैं। बताते हुए अति प्रसन्नता हो रही है कि एकता परिषद और साथी संगठनों के द्वारा देश में भूमि सुधार से जुड़े विभिन्न मुद्दों को हल करने के लिए जन आंदोलन पदयात्रा (4 अक्टूबर 18 को ग्वालियर से दिल्ली) की जा रही है, जिसका नेतृत्व एकता परिषद के संस्थापक श्री राजगोपाल पी.व्ही. करेंगे। इस आंदोलन की प्रमुख मांग इस प्रकार है-
राष्ट्रीय आवासीय भूमि अधिकार कानून, महिला कृषक हकदारी कानून तथा राष्ट्रीय भूमि सुधार नीति की घोषणा एवं क्रियांवयन।
भारत सरकार द्वारा पूर्व में गठित राष्ट्रीय भूमि सुधार परिषद और राष्ट्रीय भूमि सुधार कार्यबल को सक्रिय करना।
वनाधिकार कानून 2006 और पंचायत विस्तार उपबंध अधिनियम 1996 के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए राष्ट्रीय व प्रांतीय स्तर पर निगरानी तंत्र की स्थापना।
भूमि संबंधी विवादों के शीघ्र समाधान के लिए त्वरित न्यायालयों का संचालन।
जनांदोलन से जुडी गतिविधियां इस प्रकार हैं-
1 अक्टूबर- को देश के 17 राज्यों के 25 हजार लोग जिसमें भूमिहीन, आवासीय भूमिहीन, मजदूर, किसान, सामाजिक कार्यकर्ता, पत्रकार, बुद्विजीवी इत्यादि पूरे देश से मेला मैदान, ग्वालियर पहुँचेंगे
2 अक्टूबर-को राष्ट्रीय भूमि जनसंसद की जायेगी जिसमें भूमि समस्याओं की जटिलता और उसके समाधान के प्रस्ताव पर परिचर्चा होगी
3 अक्टूबर-को सत्याग्रह जनांदोलन की आम सभा होगी, और
4 अक्टूबर-को 25 हजार लोगों की सत्याग्रह पदयात्रा ग्वालियर से दिल्ली की ओर कूच करेगी
मध्यप्रदेश में पदयात्रा के पड़ाव इस प्रकार हैं-
4 अक्टूबर की सुबह मेला मैदान ग्वालियर - गोले का मंदिर- अटल द्वार तिराहा-रायरू - श्रीराम कालेज बानमोर पहले दिन का पड़ाव रायरू से श्रीराम कालेज बानमोर के बीच
5 अक्टूबर- श्रीराम कालेज बानमोर -नूराबाद- जडेरूआ- तिलहन संघ तक और दूसरे दिन का पड़ाव जडेरूआ से तिलहन संघ के बीच
6 अक्टूबर- तिलहन संघ-छौंदा- बैरियर-मुरैना स्टेडियम, 12 बजे स्टेडियम में पहुॅंचकर आमसभा
भूमि अधिकार विशेषकर इस देश के भूमिहीनों और आवासीय भूमिहीनों के मुद्दों के समाधान के लिए इस आंदोलन में भागीदार बनें और वंचितों की आवाज को उठाने में मदद करें। यह बाते रनसिंह परमार,राष्ट्रीय अध्यक्ष, एकता परिषद् ने की है.
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें