कभी नंगे पांव दौड़ने वाली सरिता अब स्वर्ण पदक विजेता - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

शनिवार, 1 सितंबर 2018

कभी नंगे पांव दौड़ने वाली सरिता अब स्वर्ण पदक विजेता

sarita-won-gold
अहमदाबाद, 31 अगस्त, एशियाई खेलों में महिलाओं के चार गुणा 400 मीटर रिले टीम दौड़ में स्वर्ण पदक जीतने वाली टीम की सदस्य सरिता कभी नंगे पांव दौड़ती थी। सरिता गुजरात के आदिवासी बहुल डांग जिले से है। स्वर्ण पदक विजेता टीम का हिस्सा इस खिलाड़ी को गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने एक करोड़ रूपये की इनामी राशि देने की घोषणा की है। सरिता के पिता ने कहा कि उन्हें अपनी बेटी पर गर्व है। उन्होंने कहा, ‘‘ मेरे पास खुशी बयां करने के लिए शब्द नहीं है। उसने गांव और पूरे देश को गौरवान्वित किया है। उसे बचपन से ही दौड़ना पसंद था। अब पूरा देश उसे जानता है।’’ उनके कोच अजिमोन के एस ने कहा कि सरिता ने उस वक्त सबका ध्यान अपनी तरफ खिंचा जब उसने अपनी दौड़ एक मिनट से कुछ अधिक समय में पूरी की। अजिमोन ने कहा, ‘‘ उसने 400 मीटर की दौड़ को एक मिनट एक सेकंड में पूरा किया। वह आदिवासी बहुल डांग जिले से है और वह हिन्दी भी नहीं बोल सकती है। मैंने गुजराती कोच की मदद से उसे नादियाद अकादमी से जुड़ने के लिए तैयार किया।’’ 

कोई टिप्पणी नहीं: