पटना: कई दशक से सिसिल साह काँग्रेस की सेवा तत्परता से करने में लगे हैं. इसका परिणाम सामने आया बिहार प्रदेश काँग्रेस कमिटी की अल्पसंख्यक विभाग के संयोजक मनोनीत हुए.इसके नोवेल पुरस्कार से सम्मानित मदर टेरेसा की जन्म दिवस मनाने के सिलसिले में एक प्रस्ताव पारित किया गया कि पटना सिटी में स्थित पादरी की हवेली (संत मेरी चर्च) को पर्यटक स्थल घोषित हो. अभी अल्पसंख्यक विभाग के उपाध्यक्ष हैं. इनका प्रयास रंग बिखेरा आज पादरी की हवेली पर्यटन स्थल में शुमार है :-
अगमकुआँ : अशोक कालीन भग्नावषेश का हिस्सा रहा इस कुआँ का पानी कभी ख़तम नहीं हुआ.
तख़्त हरमंदिर साहिब : सिखों के दसवें गुरु श्री गोविन्द सिंह जी का जन्म स्थल है. 1666 ई. में जन्मे गुरु साहब के आरम्भिक दिनों से जुडी कई स्थल आज भी देखे जा सकते हैं.गुरुद्वारा पटना साहेब का निर्माण महाराजा रंजित सिंह ने करवाया था.
पटना अजायबघर : यह एक समृद्ध प्राचीन कलाकृतियों का संग्रहालय है जो 1917 में बना बिहार का सबसे पुराना मुजियम है जो ऐतिहासिक धरोहरों से भरा है.
पत्थर की मस्जिद : 1621 ई. का यह मस्जिद जहागीर का बेटा परवेजशाह ने बनवाया था जो तब बिहार का गवर्नर था.
पादरी की हवेली : यह 1772 ई. में वेटिकन वास्तुकार टिर्रेतो द्वारा बनाया यह बिहार का सबसे पुराना चर्च है.
तारा मंडल : यह अधुनिक खगौल विज्ञान और आकाशीय पिंडो कि जानकारी देता है.
श्री कृष्ण विज्ञान केंद्र : यहाँ विज्ञान आधारित सिधान्तो का व्यवहारिक पक्ष यन्त्रो और माडलों के द्वारा दर्शाया गया है.
संजय गाँधी जैविक उद्यान: पटना के बेली रोड पर स्थित यह उद्यान पक्षी, जानवरों एवं फुल-फल के पौधों-पेड़ो के भरा पूरा है जो देश विदेश के कई हिस्सों से लाये गये है . यहाँ के कृत्रिम झील में नौकायन किया जा सकता है साथ ही खिलौना रेल से उद्यान के विभिन्न भाग को देखा जा सकता है.
गोलघर : अंग्रेजो द्वारा अंनाज संग्रह के लिए इसे बिहार के भीषण आकाल के बाद बनवाया गया था किन्तु इसका पूरा उपयोग नहीं हो पाया.
इको पार्क : पटना के मध्य यह एक अत्यंत मनोरम बाग है जिसमे कई तरह के पेड़-पौधे और घास के मैदान है.बाग में एक झील भी हा और टहलने वालो के लिए ट्रैक भी है.
बुद्ध स्मृति पार्क : पटना स्टेसन के पर बनाये गये इस सुरम्य बाग में एक बुद्ध स्तूप है और एक तरफ विपसना केंद्र भी है. यहाँ ऐतहासिक गौरव पर आधारित लेजर द्वारा दृश्य श्रव्य कार्यक्रम भी होता है.
अल्पसंख्यक विभाग के उपाध्यक्ष सिसिल साह कहते हैं उस समय पटना सिटी के पल्ली पुरोहित फादर जेरूम थें.इनका भी भरपूर साथ मिला. पर्यटन स्थल घोषित हो इसको लेकर 2008 से लगे रहे.तब जाकर 2013 में टूरिस्ट सेन्टर में पत्र आया. कहते हैं कि 2008 से बराबर मुख्यमंत्री एवं अपने काँग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी, सलमान खुर्शीद जी , उस समय केंद्रीय अल्पसंख्यक मंत्री से संपर्क करते रहे व पर्यटन में लाने हेतु आग्रह करते रहे. पहले पत्र राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग द्वारा जो कि बिहार सरकार को उचित कारवाई हेतु भेजा, अन्त में बिहार सरकार ,18 नवंबर 2013 के पत्रांक 3692 द्वारा इसे पर्यटक में लाया गया. प्रदेश कांग्रेस अल्पसंख्यक विभाग के उपाध्यक्ष सिसिल साह पादरी की हवेली चर्च पहुंचे, जहां चर्च के रख-रखाव के लिए सरकार से अनुदान देने की मांग की. उपाध्यक्ष ने कहा कि पादरी की हवेली चर्च को पर्यटन विभाग ने पर्यटन स्थल घोषित कर दिया है. इसके बावजूद इसके रख-रखाव व सौंदर्यीकरण के लिए सरकार की ओर से अनुदान नहीं मिल रहा है. उन्होंने फादर सुरेश खाखा से चर्च की स्थिति के बारे में जानकारी ली. उनके साथ आलोक कुमार, शारिफ अहमद रंगरेज व हर्षवर्धन थे.
आयुक्त ने चर्च के विकास की बात कहीं
प्रमंडलीय आयुक्त राबर्ट एल चोंग्थू ने महागिरजाघर परिसर में संचालित अनाथालय में चल रहे मदर टेरेसा के कार्य स्थली कक्ष का निरीक्षण किया.उन्होंने सिस्टर और पल्ली पुरोहित फादर से बात की.हर संभव सहयोग देने का आश्वासन दिया.
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें