नयी दिल्ली, 30 सितंबर, स्वस्थ समाज के लिये उत्तम लोकतांत्रिक मूल्यों के महत्व को रेखांकित करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को कहा कि एक समाज के रूप में सभी को मानव अधिकारों के महत्व को समझने और आचरण में लाने की आवश्यकता है और यही सरकार के ‘सबका साथ - सबका विकास’ सिद्धांत का आधार है। प्रधानमंत्री ने कहा कि संस्कृत की एक उक्ति है ‘न्यायमूलं स्वराज्यं स्यात्’ अर्थात् स्वराज के मूल में न्याय होता है जब न्याय की चर्चा होती है, तो मानव अधिकार का भाव उसमें पूरी तरह से समाहित रहता है। शोषित, पीड़ित और वंचित जनों की स्वतन्त्रता, शांति और उन्हें न्याय सुनिश्चित कराने के लिए - यह विशेष रूप से अनिवार्य है। यह टिप्पणियां प्रधानमंत्री मोदी ने अपने मासिक कार्यक्रम ‘मन की बात’ के दौरान राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की भूमिका के संदर्भ में कीं। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग अगले माह 25 साल पूरे करने जा रहा है। उन्होंने कहा कि डॉ० बाबा साहब अम्बेडकर द्वारा दिए गए संविधान में ग़रीबों के मूल अधिकारों की रक्षा के लिए कई प्रावधान किये गए हैं। उन्हीं के विजन से प्रेरित होकर 12 अक्तूबर 1993 को ‘राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग’ यानी ‘नेशनल ह्यूमन राइट्स कमीशन’ (NHRC) का गठन किया गया था। मोदी ने कहा कि कुछ ही दिनों बाद एनएचआरसी के 25 वर्ष पूरे होने वाले हैं। एनएचआरसी ने न सिर्फ़ मानव अधिकारों की रक्षा की बल्कि मानवीय गरिमा को भी बढ़ाया है। हमारे प्राण-प्रिय नेता, पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने स्पष्ट रूप से कहा था कि मानव अधिकार हमारे लिए कोई परायी अवधारणा नहीं है। उन्होंने कहा ‘‘हमारे राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग के प्रतीक चिन्ह में वैदिक काल का आदर्श सूत्र “सर्वे भवन्तु सुखिनः” अंकित है। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने मानव अधिकारों को लेकर व्यापक जागरूकता पैदा की है, साथ ही इसके दुरुपयोग को रोकने में भी सराहनीय भूमिका निभाई है। प्रधानमंत्री ने कहा ‘‘25 साल की इस यात्रा में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने देशवासियों में एक आशा, एक विश्वास का वातावरण पैदा किया है। एक स्वस्थ समाज के लिए, उत्तम लोकतान्त्रिक मूल्यों के लिए मैं समझता हूँ, यह एक बहुत बड़ी आशावादी घटना है। राष्ट्रीय स्तर पर मानव अधिकार आयोग तो है ही, साथ ही 26 राज्य मानव अधिकार आयोग भी कार्य कर रहे हैं। एक समाज के रूप में हमें मानव अधिकारों के महत्व को समझने और आचरण में लाने की आवश्यकता है - ये ही ‘सब का साथ - सब का विकास’ का आधार हैं।’’ प्रधानमंत्री ने 31 अक्तूबर को सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती पर ‘‘रन फॉर यूनिटी’’ (एकता के लिए दौड़) आयोजन में हिस्सा लेने के लिए देशवासियों से अपील की। उन्होंने लोगों को दुर्गापूजा और विजयादशमी पर्व के लिए शुभकामनाएं भी दीं।
रविवार, 30 सितंबर 2018
समाज को मानवाधिकारों का महत्व समझने की जरूरत : प्रधानमंत्री
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