नई दिल्ली, 10 सितम्बर, दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और उनकी मां सोनिया गांधी की उस याचिका को खारिज कर दिया जिसमें उन्होंने वित्तीय वर्ष 2011-12 के लिए आयकर विभाग द्वारा कर पुनर्मूल्यांकन करने की नोटिस को चुनौती दी थी। पीठ ने यह आदेश राहुल, सोनिया गांधी और पार्टी कार्यकर्ता ऑस्कर फर्नाडिस की मार्च में आईटी की ओर से कर पुनर्मूल्यांकन नोटिस के विरुद्ध याचिका की सुनवाई करते हुए दिया। उन्होंने कथित रूप से 2011-12 में यंग इंडिया प्राइवेट लिमिटेड(वाईआई) से अर्जित आय का खुलासा नहीं किया है। आयकर विभाग ने अदालत से कहा कि उन्होंने कर से बचने के लिए तथ्यों को छुपाया। राहुल गांधी और सोनिया गांधी यंग इंडिया के बड़े शेयरधारक हैं, जिसने एसोसिएट जर्नल्स लिमिटेड(एजीएल) का अधिग्रहण किया था। नेशनल हेराल्ड अखबार की मालिकाना कंपनी एजीएल है। इससे पहले मार्च में, यंग इंडिया ने अदालत से 27 दिसंबर 2017 के नोटिस के अंतर्गत आयकर अधिनियम की धारा 156 के तहत वित्तीय वर्ष 2011-12 के लिए कर व 249.15 करोड़ रुपये के ब्याज वसूलने पर रोक लगाने की मांग की थी। कंपनी ने कहा था कि यह चैरीटेबल कंपनी है और कंपनी के पास कोई आय नहीं है और आयकर अधिकारियों ने 2011-12 के लिए गलत तरीके से 249 करोड़ रुपये की मांग की है। दिल्ली उच्च न्यायालय ने 19 मार्च को यंग इंडिया के खिलाफ 249.15 करोड़ रुपये के आयकर मामले में 10 करोड़ रुपये जमा कराने के निर्देश दिए थे। भारतीय जनता पार्टी के नेता सुब्रमण्यमन स्वामी ने एजीएल के अधिग्रहण के मामले में 'धोखाधड़ी' की शिकायत दर्ज कराई थी। मामले में अन्य आरोपी मोतीलाल वोरा, सुमन दुबे, सैम पित्रोदा हैं।
मंगलवार, 11 सितंबर 2018
आयकर नोटिस के खिलाफ सोनिया, राहुल की याचिका खारिज
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