54 करोड़ में 12 करोड़ तो ऊँट के मुँह में जीरा की तरह कहावर्त है, सिविल सर्जन कार्यालय परिसर में धरना जारी , बिहार चिकित्सा एवं स्वास्थ्य कर्मचारी संघ
पटना।क्या सचमुच असैनिक शल्य चिकित्सक सह मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डाक्टर प्रमोद कुमार सिंह डरपोक हैं? यह सवाल उठना लाजमी है.24 सितंबर को वेतन से वंचित स्वास्थ्यकर्मियों ने सिविल सर्जन कार्यालय में वेतन भुगतान को लेकर ज्ञापन दिया था.उस पर 28 सितंबर तक कोई कार्रवाई नहीं की गई.
जब चार घंटे तक सिविल सर्जन कुलबुलाते रहे
वाह सिविल सर्जन साहब,आपका कोई जवाब नहीं.आपके कार्यालय परिसर में पटना जिले के स्वास्थ्यकर्मी सत्याग्रह कर रहे हैं.आपके कार्यक्षेत्र व आपके नेतृत्व में संचालित किसी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में सात, आठ,नौ,दस, ग्यारह, बारह, तेरह,चौदह,पंद्रह माह से वेतन भुगतान नहीं हो रहा है और आप कार्यालय से निकलना चाह रहे हैं.वाहन से फुर्र होकर पिंड छुड़ाना चाह रहे हैं.मगर ऐसा होने नहीं दिया गया. वेतन भुगतान को लेकर सत्याग्रह करने वालों ने सिविल सर्जन डाक्टर प्रमाेद कुमार सिंह को घेर लिया.इसके बाद कार्यालय में चले गए.फिर कुछ घंटों के बाद पैदल चलकर भागने का प्रयास किए तो बुरे फंस गए.इस बार सत्याग्रहियों ने चार घंटे तक घेर कर रखा.तब जाकर सच्चाई सामने आयी कि 24 सितंबर को प्रेषित ज्ञापन पर किसी तरह की कार्रवाई नहीं की गई.
इस बार चुपके से निकलने वाले सिविल सर्जन को चुप नहीं रहने दिया
कई माह से वेतन भुगतान नहीं हो होने के कारण पटना जिले के स्वास्थ्यकर्मी असैनिक शल्य चिकित्सक सह मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी के कार्यालय परिसर में 24 सितंबर से धरना (सत्याग्रह ) दे रहे हैं. इनको वेतनादि में 54 करोड़ रूपए की आवश्यकता है. इस आशय के मैसेज स्वास्थ्य सचिव के पास अग्रसारित किया गया.वहां से जवाबी मैसेज आया कि 12 करोड़ रू.आवंटित किया जा रहा है.
54 करोड़ के बदले 12 करोड़ रू.ही
स्वास्थ्यकर्मियों का कहना है कि हमलोगों के लिए कहावत बनायी गयी है कि 'ऊँट के मुँह में जीरा '.कई माह से वेतन भुगतान नहीं हो रहा है.यह 12 करोड़ में एक माह का वेतन भी नहीं होगा. मोकामा, बाढ़, बख्तियारपुर, फतुहा, पटना, दानापुर, नौबतपुर,विक्रम, दुल्हिन बाजार, पालीगंज और मनेर पीएचसी है.बता दें कि पहले वेतन बढ़ोतरी करने की मांग को लेकर धरना-प्रदर्शन किया जाता था,अब तो विलम्ब से वेतन भुगतान करने से नाराज होकर सत्याग्रह करने को मजबूर होना पड़ रहा है.दूसरों को सूई देने वाली ए.एन.एम.दीदी बेहाल हैं. राजेश्वर प्रसाद,शशि भूषण कुमार, सत्येंद्र प्रसाद,अमित कुमार मिश्रा, बालकृष्ण मेहता,मो.आशिक, जर्नादन प्रसाद सिंह, श्यामदेव प्रसाद ,अशोक कुमार रविदास,दशरथ साह, मुरारी प्रसाद, शैलेंद्र कुमार आदि ने मांग की है कि शेष माह का भुगतान एक साथ हो.
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