बिहार : फीस वृद्धि के खिलाफ पी.जी काउंसिल के बैनर तले छात्रों ने निकाला आक्रोश मार्च - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शनिवार, 22 सितंबर 2018

बिहार : फीस वृद्धि के खिलाफ पी.जी काउंसिल के बैनर तले छात्रों ने निकाला आक्रोश मार्च

आक्रोशित छात्र विश्वविद्यालय में अंदर तक पहुंचे, प्रभारी कुलपति ने वार्ता कर शुल्क वृद्धि वापसी का किया ऐलान,छात्र संघर्षों कि हुई जीत,छात्र संघ चुनाव छुट्टियों के बाद कराने की मांग. 
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पटना, 22 सितम्बर , पी. जी. शुल्क वृद्धि से आक्रोशित छात्रों ने आज पटना विश्वविद्यालय मुख्यालय पर रोषपूर्ण प्रदर्शन किया. काफी देर तक किसी पदाधिकारी द्वारा वार्ता नहीं करने पर आक्रोशित छात्र पहले पोर्टीको और पुनः विश्वविद्यालय कार्यालय पहुंच गए. छात्र जब अंदर पहुंच गए तब वार्ता के लिए पहल कदमी हुई. गौरतलब है कि पी. जी. शुल्क वृद्धि के खिलाफ छात्र काफी गुस्से में हैं.19 सितम्बर को मानविकी संकाय काउंसिलर अभिषेक राज के नेतृत्व में छात्रों ने प्रतिकुलपति से मिलकर लिखित शिकायत की थी. लगातार विश्वविद्यालय प्रशासन पर दबाब बना रहे थे कि सत्र के बीच में जहाँ भाषा और गैर प्रयोगिक विषय के छात्रों का फिस बढ़ा कर 1620₹ के जगह 4040 कर दिया गया था वहीं प्रायोगिक विषय (कला)  के फिस को 2120 के जगह 5320₹ कर दिया गया था जिसके खिलाफ छात्रों में  आक्रोश था. जिसे व्यक्त करने के लिए छात्रों ने पी.जी काउंसिल के बैनर तले आज आक्रोश मार्च निकाला. आक्रोश मार्च दरभंगा हाऊस से वाणिज्या महाविद्यालय , पटना काॅलेज होते हुए विश्वविद्यालय पहुंचे. ऑफिस के बाहर वाले गेट बंद होने और विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा वार्ता में  बिलंब  होते देख प्रदर्शनकारी छात्रों में  मानविकी संकाय काउंसिलर अभिषेक राज, एम.एड काउंसिलर अरविंद कुमार, तथा पटना कॉलेज राजनीति विज्ञान के छात्र वरूण कुमार ऑफिस के पिछले दरवाजे से विश्वविद्यालय ऑफिस में  घुस नारेबाजी  करने लगे, तब विश्वविद्यालय प्रशासन ने छात्रों के प्रतिनिधि मंडल को वार्ता के लिए बुलाया. वार्ता के दौरान प्रभारी कुलपति डॉली सिन्हा ने कहा कि आपके शिकायतों की जांच के क्रम में पाया गया कि शुल्क वृद्धि का कोई निर्णय नहीं लिया गया है. गलतफहमी में पैसा लिया जा रहा था. प्रभारी कुलपति ने कहा कि पी जी द्वितीय वर्ष  के जिन विद्यार्थियों से अधिक पैसे लिए गए हैं उनके पैसे वापस किए जाएंगे. इस संबंध में कुलपति से भी उनकी फोन से बात हुई है. 24 को कुलपति के आने के बाद इसका लिखित निर्देश विभागों को भेजा जाएगा. प्रतिनिधिमंडल ने 25 सितंबर तक पी. जी. द्वितीय वर्ष के नामांकन की अवधि को विस्तारित करने की मांग की.  प्रभारी कुलपति ने वार्ता के क्रम में छात्र संघ चुनाव की चर्चा की. जिस पर छात्र नेताओं ने कहा कि छुट्टियों के नजदीक चुनाव कराने से चुनाव का मकसद हीं पूरा नहीं होगा. जब देश के सभी विश्वविद्यालयों JNU, दिल्ली विश्वविद्यालय, पंजाब और राजस्थान विश्वविद्यालय में सितंबर मध्य तक हो गए. उसी समय पटना यूनिवर्सिटी में भी हो जाना चाहिए था. जल्दबाजी में चुनाव से फिर गड़बड़ी हो सकती है. वैसी स्थिति में बेहतर होगा कि छुट्टियों के बाद चुनाव कराएं जाएँ. प्रतिनिधि मंडल में  मानविकी संकाय काउंसिलर अभिषेक राज, एम.एड काउंसिलर अरविन्द कुमार, आशुतोष कुमार, कुमार गौरव, गौरव कुमार, रामलाला तथा ए.आई.एस.एफ की  ओर से समर्थन में  आये ए.आई.एस.एफ के राज्य सचिव सुशील कुमार मौजूद थे. प्रदर्शन में  जन्मेजय कुमार, सुभाष पासवान, अभिमन्यु कुमार, राहुल कुमार, वरुण कुमार सुनिल कुमार, प्रणव आनन्द , अनुज कुमार, मनीष कुमार, माधवी कुमारी, गुलशन कुमार अशोक कुमार समेत दर्जनों छात्र मौजूद थे. प्रदर्शन के बाद मानविकी संकाय काउंसिलर अभिषेक राज तथा एम.एड काउंसिलर अरविन्द कुमार ने संयुक्त रूप से बयान जारी कर कहा है कि एक तरफ विश्वविद्यालय प्रशासन क्वालिटी इडुकेस्न और सीबीसीएस  का  हवाला देते हुए स्नातक तथा स्नात्कोतर प्रथम और द्वितीय वर्ष के छात्रों का फिस को मनमाफीक बढ़ा दिया है  वहीं शिक्षकों के कमी झेल रहे पटना विश्वविद्यालय में  लेक्चरर के प्रतिक्लाश फिस जिसे कुछ दिन पहले बढ़ाया था उसे पुन: वापस कर लिया गया. 1952 के श्रृजित  पद से संचालित विश्वविद्यालय में  गेस्ट फैक्लटी का वेतन जबतक सम्मानजनक नहीं रखा जायेगा तो क्वालिटी बेस्ड शिक्षा का बात करना हीं बेमानी  है. एक तरफ विश्वविद्यालय समारोहों में तथा अपने चहेते नेताओं को बुलाने में  लाखों रूपये खर्च कर रहा तो दूसरी तरफ गेस्ट फैकल्टी का अपमान और शोषन कर रहा है. पी.जी काउंसिल पटना विश्वविद्यालय छात्र संघ अपने शिक्षकों का अपमान नहीं सहेगा. यदि विश्वविद्यालय प्रशासन गेस्ट फैकल्टी का वेतन सम्मानजनक नहीं करता है तो हम सभी वोकेश्नल और पारंपरिक विषय के छात्रों के साथ आंदोलन की  रूप रेखा तैयार कर आंदोलन में जायेंगे।

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