पटना, 31 अगस्त, केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा ने लोकसभा चुनाव के लिए बिहार में सीट बंटवारे के लिए अब तक कोई बातचीत नहीं होने का जिक्र करते हुए आज दावा किया कि राजग में कुछ लोग, जो नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री के रूप में नहीं देखना चाहते हैं वे गुमराह करने वाली खबरें फैला रहे हैं। मीडिया के धड़े में हाल ही में यह खबर आई थी कि भाजपा और इसके सहयोगी दलों के बीच 2019 के चुनाव के लिए एक इंतजाम किया गया है। खबरों में सूत्रों के हवाले से बताया गया था कि भाजपा बिहार में 40 में 20 सीटों पर चुनाव लड़ेगी, जबकि इसके सहयोगी दल जदयू, लोजपा और रालोसपा तथा रालोसपा से टूट कर अलग हुआ एक गुट क्रमश: 12, पांच, दो और एक सीटों पर चुनाव लड़ेंगे। इन खबरों को खारिज करते हुए राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) प्रमुख कुशवाहा ने कहा, ‘‘बिहार में सीट बंटवारे को लेकर कोई बातचीत नहीं हुई है। मैंने जो खबरें पढ़ी हैं उनमें भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी और लोजपा ने यह स्पष्ट कर दिया है कि बातचीत अब तक लंबित है।’’
बिहार के उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने भी कल एक ट्वीट कर सीट बंटवारे के बारे में आई इन खबरों का खंडन किया था। उन्होंने कहा कि 2019 के लिए सीट बंटवारे को लेकर न तो कोई फैसला हुआ है ना ही कोई विवाद है। ‘‘हम सभी 40 सीटें जीतने का लक्ष्य रख रहे हैं और यह राजग के सभी घटक दलों का एक साझा लक्ष्य है। ’’ कुशवाहा ने कहा कि मीडिया में खबरें बगैर किसी आधार के प्रकाशित की गई हैं। उन्होंने दावा किया, ‘‘सब कुछ (सीट बंटवारे के बारे में) बेबुनियाद दिख रहा है। एक चीज मैं आपसे पूरी जिम्मेदारी के साथ कह सकता हूं कि राजग में ऐसे लोग हैं जो नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री के रूप में नहीं देखना चाहते हैं। वे लोग गुमराह करने वाली खबरें फैला रहे हैं।’’ हालांकि, जब मीडियाकर्मियों ने यह जानना चाहा कि गुमराह करने वाली खबरें फैलाने वाले इनमें से कुछ लोग क्या बिहार से हैं? इस पर वह जवाब टाल गए। उन्होंने कहा, ‘‘यह एक अंदरूनी विषय है और मैं इस पर बाहर (गठबंधन के) चर्चा नहीं करना चाहता। मैंने कह दिया है जो मुझे कहना था।’’ यह पूछे जाने पर कि क्या राजद और कांग्रेस के महागठबंधन ने रालोसपा को पांच सीटों की पेशकश की है, कुशवाहा ने कहा, ‘‘हम उन लोगों में हैं जो खीर बनाना जानते हैं ना कि ख्याली पुलाव पकाते हैं। मैं उनमें से एक हूं जो नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री के रूप में देखना चाहता हूं। ’’ पार्टी के लिए अपनी योजना को साझा करते हुए रालोसपा प्रमुख ने कहा कि वह दो सामाजिक एवं राजनीतिक कार्यक्रम शुरू करेंगे -- ‘‘ 25 सितंबर से पैगाम ए खीर और अक्तूबर में दलित अतिपिछड़ा अधिकार सम्मेलन । ’’ गौरतलब है कि इस सप्ताह की शुरूआत में कुशवाहा ने यह कह कर राजनीतिक अटकलबाजियां शुरू करा दीं कि स्वादिष्ट खीर यादवों से दूध और कुशवाहा समुदाय के लोगों से चावल लेकर पकाई जा सकती है। हालांकि, उन्होंने बाद में स्पष्ट किया था कि यह राजद की ओर संकेत नहीं है। उन्होंने खीर की अपनी पाक - कला आज फिर से दोहराते हुए कहा कि वह यदुवंशियों से दूध लेंगे, कुशवाहा समुदाय से चावल लेंगे, चीनी या गुड़ ब्रह्मरिषी से, पंचमेव आर्थिक रूप से पिछड़े वर्गों से , दलितों से तुलसी लेंगे और दस्तरखान (भोजन की थाली के नीचे रखा जाना वाला कपड़ा) मुसलमानों से लेंगे।
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