राजकोट (गुजरात), 30 सितंबर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कहा कि स्वच्छता महात्मा गांधी के जीवन का महत्वपूर्ण पहलू था और वह संयुक्त राष्ट्र के ‘‘चैंपियन्स ऑफ द अर्थ’’ सम्मान के सबसे बड़े हकदार थे। मोदी और फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों को संयुक्त राष्ट्र का यह सर्वोच्च पर्यावरण सम्मान संयुक्त रूप से प्रदान किया गया है। अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन के लिए काम करने और पर्यावरण पर सहयोग के नये क्षेत्रों को बढ़ावा देने की दिशा में योगदान के लिए उन्हें सम्मानित किया गया है। प्रधानमंत्री ने यहां महात्मा गांधी को समर्पित एक संग्रहालय का उद्घाटन करने के बाद उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘स्वच्छता गांधीजी के जीवन का महत्वपूर्ण पहलू था और वह कहा करते थे कि अगर उन्हें सफाई और आजादी में से एक चीज को चुनना पड़े तो वह पहले सफाई को चुनेंगे। सफाई को लेकर उनकी इस तरह की प्रतिबद्धता थी।’’ मोदी ने कहा कि प्रत्येक भारतीय को अपने दिल में यह बात रखनी चाहिए कि एक बैरिस्टर ने देश के लिए सबकुछ छोड़ दिया था और देश को विदेशी शासन के पंजों से मुक्त कराया। प्रधानमंत्री ने इस बात पर भी जोर दिया कि उनके चार साल के शासन में स्वच्छता का दायरा कई गुना बढ़ गया है। उन्होंने कहा कि 2014 से पहले स्वच्छता का दायरा महज 35 प्रतिशत था जो राजग सरकार के चार साल के शासन में 95 प्रतिशत तक बढ़ गया है। मोदी ने कहा, ‘‘संयुक्त राष्ट्र ने कहा है कि स्वच्छता अभियान से तीन लाख बच्चों को बचाया गया। इससे बड़ा मानवता का कार्य क्या हो सकता है।’’ प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्हें ‘चैंपियन्स ऑफ द अर्थ’ पुरस्कार मिलने पर लोगों ने ताली बजाकर अभिनंदन किया लेकिन इस सम्मान के सबसे बड़े हकदार महात्मा गांधी और इस देश के 125 करोड़ नागरिक हैं।
रविवार, 30 सितंबर 2018
UN के शीर्ष पर्यावरण पुरस्कार के सबसे बड़े हकदार थे गांधीजी : प्रधानमंत्री
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