नई दिल्ली 1 अक्टूबर 2018, राजधानी दिल्ली के लगभग चार सौ वर्ष प्राचीन अतिशयकारी श्री पाश्र्वनाथ दिगम्बर जैन मंदिर दिल्ली में श्री सन्मति धर्मयोग चातुर्मास समिति पटपड़गंज द्वारा धर्मयोगी डाॅ. श्री योगभूषणजी महाराज के सान्निध्य में राष्ट्रीय क्षमावाणी पर्व एवं कल्पवृक्ष अभियान का शुभारंभ भव्य रूप में आयोजित हुआ। विश्वमैत्री धर्म योग महोत्सव के रूप में आयोजित इस समारोह में योगभूषणजी महाराज ने क्षमावाणी पर्व को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मनाने हेतु इसे अंतर्राष्ट्रीय दिवस घोषित किये जाने का भारत सरकार से निवेदन करते हुए कहा कि क्षमा एक मानवीय गुण है। जिसके माध्यम से संपूर्ण विश्व में आपसी द्वेष, नफरत, युद्ध एवं आतंक की स्थितियों को नियंत्रित करके मैत्री एवं शांति स्थापित की जा सकती है। श्री योगभूषणजी महाराज ने जैन समाज के सर्वोपरि आध्यात्मिक पर्व पर्युषण एवं दसलक्षण महापर्व के समापन पर आयोजित क्षमापना दिवस पर कहा कि भारत की संस्कृति में जैन धर्म का महत्वपूर्ण स्थान है। मानवीय गुणों से जुड़े इस धर्म में प्राणीमात्र के कल्याण व उत्थान की बात की गई है। परस्पर एक दूसरे के प्रति उपकार की भावना, जीओ और जीने दो आदि अहिंसक सिद्धांतों पर चलने वाले इस धर्म में प्राणीमात्र अपनी गलतियों की क्षमायाचना करता है जिससे परस्पर सभी जीवों में नफरत, द्वेष एवं बैर भावना समाप्त होकर मैत्री, प्रेम, सौहार्द की भावना जागृत होती है। सर्वधर्म सद्भावना की इस आयोजना में आदिवासी जैन संत एवं सुखी परिवार अभियान के प्रणेता गणि राजेन्द्र विजयजी, आचार्य सुशील मुनि आश्रम के प्रधान विवेक मुनिजी, ज्योतिषाचार्य एवं तंत्र गुरु आचार्य शैलेष तिवारी, भारतीय आध्यात्मिक राजदूत देवीश्री निधि सारस्वत, भगवद्गीता की कथाकार देवी नेहा सारस्वत, बौद्ध धर्मगुरु स्वामी अनंत निराकार, वल्र्ड पीस आर्गनाइजेशन के सचिव मौलाना एम.ए.आर. शाहीन, विश्व हिंदू परिषद के संगठन मंत्री महामंडलेश्वर श्री नवलकिशोर दासजी, अंक ज्योतिषाचार्य श्री सुनील मग्गो, पत्रकार एवं लेखक श्री ललित गर्ग, न्यायाधीश श्री संजय जैन, योगांशी धर्मयोगी, आकाशवाणी की श्रीमती इंदु जैन, पूर्वी दिल्ली के मेयर श्री विपिन बिहारीजी, भाजपा उत्तराखंड के प्रदेश उपाध्यक्ष श्री विनय रोहिल्ला आदि ने इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि जैन समाज के सिद्धांत संपूर्ण मानवता के कल्याण के लिए उपयोगी है। भगवान महावीर के अहिंसा, अनेकांत व अपरिग्रह का सिद्धांत विश्वशांति एवं अमन के लिए उपयोगी है। अहिंसा विश्वभारती के संस्थापक आचार्य डाॅ. लोकेश मुनि का वीडियो संदेश सुनाया गया। इस अवसर पर योगभूषणजी महाराज की पुस्तक ‘मंत्र शक्ति जागरण’ का लोकार्पण किया गया। यह पुस्तक मंत्र शक्ति पर एक उपयोग एवं पठनीय पुस्तक है जिसके माध्यम से व्यक्ति सुखी, समृद्ध एवं खुशहाली का जीवन जी सकता है। पूर्वी दिल्ली के मेयर श्री विपिन बिहारी ने 1008 पौधे वितरित कर ‘संस्कृति से प्रकृति की ओर-कल्पवृक्ष अभियान’ का शुभारंभ किया और कहा कि धर्मयोग फांउडेशन के अभिनव उपक्रम से पर्यावरण एवं प्रकृति को अक्षुण्ण रखने का प्रयास किया जाएगा। गणि राजेन्द्र विजय ने इस अभियान की प्रशंसा करते हुए कहा कि हम आदिवासी लोगों का जीवन जल, जंगल और जमीन की रक्षा के लिए ही नियोजित है। उन्होंने कहा कि विश्वमैत्री दिवस का उद्देश्य समाज में साम्प्रदायिक सौहार्द एवं आपसी भाईचारा निर्मित करना है। यह भी अहिंसा की साधना का एक विशिष्ट उपक्रम है। आज हिंसा, युद्ध, आतंकवाद, सांप्रदायिक विद्वेष एवं अराजकता के वर्तमान दौर में अहिंसा एवं राष्ट्रीय एकता के मूल्यों को स्थापित करने में जैन समाज की महत्वपूर्ण भूमिका है। इस अवसर पर पर्युषण दसलक्षण के दौरान कठोर तपस्या करने वाले साधकों का प्रतीक चिन्ह देकर सम्मान किया गया। पटपड़गंज क्षेत्र के प्रतिभाशाली छात्रों को भी सम्मानित किया गया। इस समारोह में देश भर से लोगों ने भाग लिया, जिनमें इंदौर के श्री रवींद्र काला, श्री आर. के. जैन, श्री संजीव जैन आदि हैं।
सोमवार, 1 अक्तूबर 2018
क्षमावाणी को अंतर्राष्ट्रीय दिवस घोषित किये जाने की जरूरत: योगभूषण महाराज
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