कन्हैया कुमार के व्यक्तित्व पर चोट करने वाला, राज्य सचिव की सुरक्षा खतरे में।
पटना:- मिडिया के माध्यम से एवं एम्स में भत्र्ती ए.आई.एस.एफ. के राज्य सचिव सुषील कुमार से ज्ञात हुआ कि एम्स पटना के जूनियर डाॅक्टर रवि सिंह के द्वारा धमकी भरे शब्दों में आज सुबह वार्ड में आकर बोले की ‘‘आज से तुम्हारा कोई इलाज नहीं होगा और आज ही तुमको डिस्चार्य किया जायेगा जो तुमको करना है वो तुम कर लांे; और फिर बोला की हमारे डूयूटी में कन्हैया कुमार को भेज दो हम उसको समझा देंगे, उसकी औकात क्या है और हमारी औकात क्या है’’। ज्ञात हो कि यह पूरा विवाद ए.आई.एस.एफ. के राज्य सचिव सुषील कुमार जो पिछले 6 अक्टूबर से भर्ती है और बीते 10 अक्टूबर को उनका दाये हाथ का आॅपरेषन हुआ है जिनको कल दिनांक 14 अक्टूबर को जे.एन.यू.एस.यू. के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार ए.आई.एस.एफ. के राज्य सचिव सुषील कुमार को देखने पहुँचे तो उन्हें एंटीनेषनल लीडर (देषद्रोही) कह कर मिलने से रोका गया और पक्षपात पूर्ण तरीके से मानसिक, समाजिक तौर पर प्रताड़ित किया गया जिसका विरोध करने पर जूनियर डाॅक्टरों ने हंगामा किया और सुषील कुमार को धमकी दिया। हमलोगों ने जब पूरे मामले की अपने स्तर से छानबीन की तो स्पष्ट हुआ कि सुषील कुमार एवं उनसे मिलने आने वाले तमाम परिजनों के साथ दूव्र्यवहार एवं पक्षपातक्षपूर्ण व्यवहार लगातार किया जाता रहा है। यह उस समय और स्पष्ट होता है कि जब कन्हैया कुमार उन से मिलने गये जबकि रामकृपाल यादव पाटलिपुत्रा के सांसद जब जबकि किसी को देखने गये तो सारे लोगों को सम्मान के साथ मरीज से मिलवाया गया। एक तरफ कन्हैया कुमार को देषद्रोही कहा जाता है और सुषील कुमार के साथ पक्षपातपूर्ण इलाज किया जाता है। यह साफ तौर पर स्पष्ट करता है कि डा॰ अष्वनी पाण्डेय एवं डा॰ रवि सिंह का व्यवहार राजनीतिक तौर पर प्रेरित है और भाजपा सांसद एवं मंत्री अष्वनी चैवे के सह पर किया गया है। ऐसे व्यवहार से राज्य सचिव सुषील कुमार की सुरक्षा खतरे में आ गई है और इसके लिए एम्स प्रषासन जिम्मेवार है। पूरे मामले को लेकर ए.आई.एस.एफ. ने 16-17 अक्टूबर को राज्यव्यापी प्रतिरोध दिवस मनाने का फैसला किया है।
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