पूर्णिया : भट्‌ठा दुर्गाबाड़ी मंदिर सज धजकर तैयार, अष्टमी को पुलाव व नवमी को खिचड़ी का भोग - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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रविवार, 14 अक्तूबर 2018

पूर्णिया : भट्‌ठा दुर्गाबाड़ी मंदिर सज धजकर तैयार, अष्टमी को पुलाव व नवमी को खिचड़ी का भोग

- 100 वर्ष पुराना है मंदिर का इतिहास, नवरात्र के अवसर पर होता है सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन- सुरक्षा व्यवस्था के लिए लगाए गए 13 सीसीटीवी कैमरे
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पूर्णिया : शहर के भट्‌ठा बाजार स्थित दुर्गाबाड़ी सार्वजनिक दुर्गा मंदिर का 100 वर्ष पुराना इतिहास है। मंदिर की स्थापना वर्ष 1916 में हुई थी। मंदिर में हर वर्ष धूमधाम से दुर्गा पूजा का आयोजन होता है। खासकर मंदिर का सौ वर्ष पूरा होने पर विशेष तैयारी के साथ दुर्गा पूजा का आयोजन किया गया और अबकी बार भी विशेष तैयारी की जा रही है। लोगों का कहना है कि मंदिर में हर फरियादियों की मुरादें पूरी होती है। मंदिर की खासियत यह है कि यहां शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्र से आए लोग मत्था टेकते हैं और माता का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। मंदिर के चारों तरफ खूबसूरत पंडाल का निर्माण कर फूलों से सजाया गया है। साथ ही रंग बिरंगी लाइटें रात्रि प्रहर चार चांद लगा रही हैं। माता के दर्शन के लिए आने वाले महिला पुरूष श्रद्धालुओं के लिए अलग अलग व्यवस्था है। 

...खिचड़ी व पुलाव का लगाया जाएगा भोग : 
मंदिर में प्रत्येक दिन चारों प्रहर पूजा अर्चना होती है और चार बार प्रसाद के रूप में भोग लगाए जाने की परंपरा है। खासकर नवरात्र में बंगाली पद्धति से पूजा पाठ का आयोजन होता है। वैसे नवरात्र के समय प्रत्येक दिन माता का भोग लगाया जाता है। लेकिन अष्टमी और नवमी को विशेष रूप से तैयारी की जाती है। अष्टमी को शुद्ध घी में बने पुलाव और नवमी को खिचड़ी के प्रसाद का भोग लगाया जाता है। भोग के बाद श्रद्धालुओं के बीच प्रसाद का वितरण किया जाता है।

...13 सीसीटीवी से लैस है मंदिर परिसर : 
मंदिर परिसर में किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना न हो इसके लिए 13 जगहों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। मंदिर परिसर में आने जाने वारे हर किसी पर नजर रखी जा रही है। इसके लिए पुलिस बल की भी तैनाती की गई है और मंदिर कमेटी के स्वयंसेवक खुद भी नजर बनाए हुए हैं। 

...सांस्कृतिक कार्यक्रम का होता है आयोजन : 
मंदिर के सौ वर्ष पूरा होने पर मंदिर कमेटी के द्वारा मंदिर परिसर में ही सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। कार्यक्रम में जिले से लेकर अन्य जिले के कलाकार भाग ले रहे हैं। जिसमें तबला वादन, शास्त्रीय संगीत, लोक नृत्य, वाक प्रतियोगिता, हाजिर जवाब प्रतियोगिता, कला प्रदर्शनी शामिल है।

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