नयी दिल्ली एक अक्टूबर, दिल्ली की एक अदालत ने सोमवार को एयरसेल-मैक्सिस करार केस में पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम और अन्य सेवारत या पूर्व लोक सेवकों पर मुकदमा चलाने की इजाजत हासिल करने के लिए सीबीआई को सात हफ्ते की मोहलत दी। अदालत ने बगैर उचित मंजूरी के आरोप-पत्र दाखिल करने के लिए एजेंसी की खिंचाई की और सीबीआई से कहा कि यदि अगली सुनवाई की तारीख 26 नवंबर तक जरूरी दस्तावेज दाखिल नहीं किए गए तो अदालत उचित कार्रवाई कर सकती है। विशेष न्यायाधीश ओ.पी.सैनी ने कहा, ‘‘आपको (सीबीआई को) आरोप-पत्र नहीं दाखिल करना चाहिए था। इससे अदालत में लंबित मामलों की संख्या बढ़ रही है। इसके कारण अदालत का काफी वक्त बर्बाद होता है।’’ सीबीआई ने 19 जुलाई को कांग्रेस नेता चिदंबरम, उनके बेटे कार्ति, लोक सेवकों सहित 10 अन्य लोगों और छह कंपनियों के खिलाफ आरोप-पत्र दायर किया था। न्यायाधीश ने कुछ और मोहलत दिए जाने की सीबीआई की गुजारिश तब स्वीकार की जब जांच एजेंसी की वकील सोनिया माथुर ने न्यायाधीश को सूचित किया कि मंजूरी का इंतजार किया जा रहा है।अदालत ने कहा, ‘‘यदि मंजूरी नहीं हासिल की गई तो उचित कार्रवाई की जाएगी।’’ चिदंबरम का नाम उन लोगों में शामिल है जिनके खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी का इंतजार है।
सोमवार, 1 अक्तूबर 2018
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एयरसेल-मैक्सिस केस: चिदंबरम पर मुकदमे की मंजूरी लेने के लिए सीबीआई को मिली सात हफ्ते की मोहलत
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