पूर्णिया में हाईकोर्ट बेंच स्थापित किए जाने को ले आयुक्त को अधिवक्ताओं ने सौंपा मांग पत्र - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

शुक्रवार, 12 अक्तूबर 2018

पूर्णिया में हाईकोर्ट बेंच स्थापित किए जाने को ले आयुक्त को अधिवक्ताओं ने सौंपा मांग पत्र

demand-high-court-bench-in-purnia
पूर्णिया ( कुमार गौरव)  उच्च न्यायालय खंडपीठ निर्माण संघर्ष समिति के सदस्यों ने पूर्णिया में पटना उच्च न्यायालय की बेंच स्थापित करने के मामले को लेकर राज्यपाल के नाम आयुक्त को पत्र समर्पित किया। इस संबंध में समिति के संयोजक नंदकिशोर सिंह ने कहा कि पूर्णिया सूबे का सबसे पुराना जिला है और 1770 में यह अस्तित्व में आया। जिले में न्याय सुविधा को मद्देनजर रखते हुए 1765 में दीवानी व कौंसिल मामले में मुख्यालय बना था। पूर्णिया कलेक्टर काे 1781 में फौजदारी पॉवर दिया गया था। वहीं 1840 में पहली बार जिला जज नियुक्त किए गए थे। पूर्णिया जिला की 100 किलोमीटर की परिधि में सूबे के नौ जिले जिनमें पूर्णिया, कटिहार, किशनगंज, अररिया, सहरसा, सुपौल, मधेपुरा, भागलपुर व खगड़िया जिला शामिल था। पूर्णिया से पटना की दूरी 300 किमी है व अन्य जिलों से करीब 300-400 किमी है। ऐसे में कोर्ट के कार्यों से आने जाने में लोगों की परेशानी काफी बढ़ जाती है और लोग न्यायिक सेवाओं से वंचित रह जाते हैं। ऐसे में कोसी और सीमांचल के लोगों के लिए पूर्णिया में हाईकोर्ट की बेंच मील का पत्थर साबित होगी। साथ ही उन्हें आर्थिक तंगी के बाद भी न्यायिक सुविधा पूर्णिया में ही मिल जाएगी। न्याय अंतिम पंक्ति में बैठे लोगों को सुलभ, सस्ता व ससमय प्राप्त होगा। उन्होंने कहा कि कर्नाटक राज्य की आबादी लगभग 8 करोड़ है और इस राज्य में धाखाड़ व गुलबर्गा में बैंगलोर उच्च न्यायालय के दो सर्किट बेंच कार्यरत हैं। पश्चिम बंगाल की आबादी 12 करोड़ है और इस राज्य में जलपाईगुड़ी में कोलकाता उच्च न्यायालय की बेंच की घोषणा हो चुकी है। हिमाचल प्रदेश की आबादी डेढ़ करोड़ है और इस राज्य में धर्मशाला में शिमला उच्च न्यायालय की बेंच की शुरूअात करने का फैसला सरकार ले चुकी है। महाराष्ट्र की आबादी 13 करोड़ है और इस राज्य में बांबे उच्च न्यायालय के दो सर्किट बेंच नागपुर व औरंगाबाद में कार्यरत है। सरकार ने कोल्हापुर में भी बेंच खोलने का निर्णय लिया है। इस प्रकार महाराष्ट्र में तीन बेंच कार्य करेंगे। वहीं बिहार की आबादी 12 करोड़ से अधिक है और पटना उच्च न्यायालय का एक भी सर्किट बेंच नहीं है। इसलिए पूर्णिया में हाईकोर्ट का बेंच खोला जाना हरेक दृष्टिकोण से फायदेमंद होगा। उन्होंने कहा कि पूर्णिया में हाईकोर्ट के लिए पर्याप्त संसाधन उपलब्ध है और अब तो हाईकोर्ट बेंच की मांग आमजनों की मांग हो चुकी है। बता दें कि पिछले तीन दशक से पूर्णिया में हाईकोर्ट बेंच की मांग की जा रही है। आयुक्त को मांग पत्र सौंपने वालों में सुदीप राय, गौतम वर्मा, दिलीप कुमार दीपक, बिलास कुमार झा, सुमन जी प्रकाश, जयप्रकाश शामिल हैं।

कोई टिप्पणी नहीं: