गाजियाबाद, दो अक्टूबर, हरिद्वार से दिल्ली के लिए निकली किसान क्रांति यात्रा को दिल्ली की सीमा पर रोके जाने के साथ किसानों ने यूपी गेट पर कब्जा कर लिया और ‘‘जय जवान जय किसान’’ के नारे के साथ साथ सरकार विरोधी नारे लगाते हुए अपने आक्रामक तेवर भी दिखाए। किसानों ने आरोप लगाया कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार और उत्तर प्रदेश की आदित्यानाथ योगी सरकार अपने वायदों पर खरी नहीं उतरी जिसकी वजह से देश भर के किसानों को सड़क पर उतरना पडा है। कड़ी सुरक्षा के चलते यूपी गेट और आस-पास के इलाके पुलिस छावनी में तब्दील हो गए हैं। खुद एडीजी कानून व्यवस्था, मेरठ मंडलायुक्त तथा पुलिस प्रशासन के आला अधिकारी दिल्ली पुलिस के आला अधिकारियों के साथ यूपी गेट पर डेरा डाले हुए हैं। यूपी गेट पर दो बार टकराव के हालात हुए जब किसान ट्रैक्टर ट्राली लेकर दिल्ली की सीमा पर पर पहुंच गए और आगे जाने का प्रयास किया। लेकिन वहां अर्द्ध सैनिक बलों की तैनाती और अवरोध के चलते किसान आगे नहीं बढ़ पाए। वहीं दूसरी ओर पुलिस ने दमकल वाहन को सीमा पर सड़क के बीचोंबीच लगाने का प्रयास किया तो किसानों ने उसे पीछे करने के लिए विवश कर दिया। सुबह से ही पुलिस कप्तान वैभव कृष्ण यूपी गेट पर भारी पुलिस बल के साथ जमे हुए थे और किसानों की भीड़ यूपी गेट की तरफ बढ़ रही थी। किसानों की संख्या बढ़ने के साथ ही आरपीएफ और दूसरे सैन्य बलों को बुला लिया गया। इस बीच, किसान नेताओं ने कहा कि आंदोलन में शामिल किसान आतंकवादी नहीं हैं जो उन्हें अपने ही देश की राजधानी दिल्ली में जाने से रोका जा रहा है। उनका आंदोलन हिंसक भी नहीं है। किसानों के बडी संख्या में डाबर पर पहुंचने के साथ महाराजपुर एवं यूपी गेट तथा आसपास के तमाम रास्ते बंद कर दिए गए। किसान नेता राजवीर सिंह ने बताया कि आज दोपहर केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह के साथ उनकी बैठक है जिसके बाद आगे की रूपरेखा के बारे में फैसला किया जाएगा।
मंगलवार, 2 अक्तूबर 2018
यूपी गेट पर किसानों का कब्जा
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