बिहार : नये और पुराने में विभक्त कर देने से वेतन भुगतान नहीं - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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मंगलवार, 9 अक्तूबर 2018

बिहार : नये और पुराने में विभक्त कर देने से वेतन भुगतान नहीं

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पटना: ऐसा प्रतीत हो रहा है कि गाँधी के देश में सत्याग्रह करने वालों के साथ भी छल किया जा रहा है.उनको वेतन भुगतान करने का झूठा आश्वासन देकर सत्याग्रह समाप्त करवा दिया.इसका अव्वल  शिकार स्वास्थ्यकर्मी हुए.

वेतन भुगतान को लेकर सत्याग्रह
असैनिक शल्य चिकित्सक सह मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डाक्टर प्रमोद कुमार सिंह हैं. इनके कार्यालय परिसर में वेतन भुगतान को लेकर 24 सितंबर से सत्याग्रह किया गया.उनको वेतन से वंचित स्वास्थ्यकर्मियों ने ज्ञापन दिया. बता दे कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में  सात, आठ, नौ,दस, ग्यारह, बारह, तेरह,चौदह,पंद्रह माह से वेतन भुगतान नहीं हो रहा है. डाक्टर प्रमाेद कुमार सिंह को  घेरना फायदेमंद नहीं हुआ.इसके बाद कार्यालय में चले गए.फिर कुछ घंटों के बाद पैदल चलकर भागने का प्रयास किए तो बुरे फंस गए.इस बार सत्याग्रहियों ने चार घंटे तक घेर कर रखा.तब जाकर सच्चाई सामने आयी कि 24 सितंबर को प्रेषित ज्ञापन पर किसी तरह की कार्रवाई नहीं की गई. स्वास्थ्यकर्मी असैनिक शल्य चिकित्सक सह मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी के कार्यालय परिसर में 24 सितंबर से धरना (सत्याग्रह ) दिया. इनको वेतनादि में 54 करोड़ रूपए की आवश्यकता है. इस आशय के मैसेज स्वास्थ्य सचिव के पास अग्रसारित किया गया.वहां से जवाबी मैसेज आया कि 12 करोड़ रू.आवंटित किया जा रहा है.

54 करोड़ के बदले 12 करोड़ रू.
स्वास्थ्यकर्मियों का कहना है कि हमलोगों के लिए कहावत बनायी गयी है कि 'ऊँट के मुँह में जीरा '.कई माह से वेतन भुगतान नहीं हो रहा है.यह 12 करोड़ में एक माह का वेतन भी नहीं होगा. मोकामा, बाढ़, बख्तियारपुर, फतुहा, पटना, दानापुर, नौबतपुर,विक्रम, दुल्हिन बाजार, पालीगंज और मनेर पीएचसी है.बता दें कि पहले वेतन बढ़ोतरी करने की मांग को लेकर धरना-प्रदर्शन किया जाता था,अब तो विलम्ब से वेतन भुगतान करने से नाराज होकर सत्याग्रह करने को मजबूर होना पड़ रहा है.दूसरों को सूई देने वाली ए.एन.एम.दीदी बेहाल हैं

धरना- प्रदर्शन करने वालों को आश्वासन 
तीन माह का वेतन भुगतान का आश्वासन के बाद भी  स्वास्थ्य कर्मियों को महापूजा के अवसर पर वेतन भुगतान नहीं होगा? स्वास्थ्य विभाग के द्वारा जरूरत के अनुसार राशि आंवटित  नहीं  की जा रही है.इसके कारण स्थिति गंभीर बन गई है.54 करोड़ के बदले 12 करोड़ देंगे.9  करोड़ ही विमुक्त की गई है.इस राशि को बांटने के बाद 18 लाख रूपये पीएचसी, धनरूआ  को प्राप्त हुआ है.यह राशि खाता न.2211 में जमा है.पहले इस खाता से नये व पुराने स्वास्थ्यकर्मियों  को वेतन मिलता था.अब दो भाग में बांट दी गयी है.इससे नये स्वास्थ्यकर्मियों को वेतन भुगतान होगा और पुराने मुंह ताकते रह जाएंगे.

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