- देश में लगातार हो रहे घुसपैठ पर हमला बोलते हुए कहा कि इससे सामाजिक ताना बाना बिखरने के कगार पर है- इसका जीता जागता प्रमाण पश्चिम बंगाल व असम में देखने को मिल रहा है और अब बारी बिहार की है
पूर्णिया : असम में एनआरसी मसलन राष्ट्रीय नागरिक पंजी कानून लागू हाेने के बाद जहां एक तबके के द्वारा विरोध किया जा रहा है वहीं दूसरी ओर बिहार प्रदेश में भी एनआरसी को लागू करने की मुहिम शुरू कर दी गई है। इसी कड़ी में शहर के श्रीराम गोकुल सिंह ठाकुरबाड़ी में प्रेसवार्ता का आयोजन बिहार बचाओ संघर्ष मोर्चा के बैनर तले संयोजक व पूर्व विधायक किशोर कुमार मुन्ना द्वारा किया गया। उन्होंने देश में लगातार हो रहे घुसपैठ पर हमला बोलते हुए कहा कि इससे सामाजिक ताना बाना बिखरने के कगार पर है। इसका जीता जागता प्रमाण पश्चिम बंगाल व असम में देखने को मिल रहा है और अब बारी बिहार की है। जहां की सामाजिक समरसता खतरे में है और इंडो नेपाल बॉर्डर के रास्ते लगातार हो रहे घुसपैठ से यहां की सामाजिक, राजनीतिक, आर्थिक स्थिति प्रभावित हो रही है। यही नहीं अवैध कार्यों में भी बढ़ोत्तरी दर्ज की जा रही है और लगातार सूबे के कई हिस्सों से आग्नेयास्त्र जहां बरामद किए जा रहे हैं वहीं एंटी नेशनल गतिविधियों को भी अंजाम दिया जा रहा है।
...24 अक्टूबर से फूंका जाएगा बिगुल :
देश की अखंडता व एकता को बनाए रखने के लिए केंद्र सरकार से पूरे देश में एनआरसी को लागू करने की अपील की जाएगी। इस संबंध में किशोर कुमार मुन्ना ने कहा कि 24 अक्टूबर से जिला मुख्यालय समेत सभी हिस्सों में बिहार बचाओ संघर्ष मोर्चा के बैनर तले धरना प्रदर्शन किया जाएगा। ताकि ससमय इसे लागू किया जा सके। वहीं राजीव श्रीवास्तव ने कहा कि 1951 में ही देश में एनआरसी लागू किया गया था लेकिन राजनीतिक कारणों से इसे अबतक पूरे देश में लागू नहीं किया गया और सुप्रीम कोर्ट ने भी इस दिशा में पहल की है। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश की सरकार पूर्व में 1.5 करोड़ लोगों को अपना नागरिक नहीं मानती है और येन केन प्रकारेण ऐसे लोग हमारे देश में घुसपैठ कर रहे हैं और यहां की संरचना बिगड़ रही है। उन्होंने कहा कि देश एनआरसी को लागू करने के लिए मुस्लिम समुदाय के संभ्रांत लोगों को भी आगे आने की जरूरत है ताकि सामुुहिक रूप से इसे लागू किए जाने में मदद मिल सके।
...देशहित में है यह फैसला :
असम में एनआरसी लागू होने पर प्रसन्नता प्रकट करते हुए पूर्व विधायक ने कहा कि देश में बांग्लादेशी व रोहिंग्या के आने से सामाजिक समरसता बिगड़ने के कगार पर है। ऐसे घुसपैठिये अवैध तरीके से हथियारों की तस्करी, जाली नोट, नशीले पदार्थों की तस्करी, जनसंख्या असंतुलन, अनैतिक गतिविधियों, श्रद्धा के केंद्र पर हमला समेत ऐसी कई अन्य गतिविधियों में शामिल रहते हैं। उन्होंने कहा कि खुफिया विभाग की रिपोर्ट के अनुसार 36 संदिग्ध आतंकियों की सूची एंटी टेररिस्ट सेल को सौंपी गई है। जो किसी भी वक्त देश के किसी भी हिस्से को दहला सकते हैं। हाल ही में मुंगेर जिले में मो इमरान, मो शमशेर, इमरान की बहन रिजवान और हजारीबाग से तौफिक आलम की निशानदेही पर सूबाई पुलिस ने 20 एके 47 राइफल बरामद करने में सफलता प्राप्त की। जिसे आतंकी कनेक्शन मानकर एनआईए ने जांच शुरू कर दी है। उन्होंने कहा कि देश के नौकरशाह भी ऐसे लोगों को पनाह देने में अहम भूमिका निभाते हैं और गलत तरीके से आधार, वोटर कार्ड, जन्म प्रमाण पत्र समेत कई अन्य दस्तावेज मुहैया करा देते हैं। जिसके बाद ऐसे घुसपैठिये खुद को भारतीय होने का दावा करते हैं। वहीं संत मुरारी दास ने केंद्र सरकार से पूरे देश में एनआरसी को लागू करने की मांग की है। ताकि देश की अखंडता, सुरक्षा व सामाजिक समरसता पर कोई ठेस न पहुंचे।
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