नई दिल्ली, 24 नवंबर, बिहार के उद्योग मंत्री जय कुमार सिंह ने शनिवार को कहा कि राज्य में निवेश का बेहतर माहौल है और सालाना औद्योगिक विकास दर 15 फीसदी प्राप्त करने का लक्ष्य रखा गया है। उद्योग मंत्री यहां प्रगति मैदान में चल रहे भारतीय अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेला-2018 में बिहार दिवस पर आयोजित एक कार्यक्रम में बोल रहे थे। इससे पहले उन्होंने मेले में फीता काटकर बिहार पैविलियन का उद्घाटन किया और दीप प्रज्ज्वलित बिहार दिवस समारोह का शुभारंभ किया। सिंह ने सभी स्टॉल पर जाकर बिहार के स्टार्ट-अप एवं कला-संस्कृति की प्रदर्शनी का मुआयना करने के बाद प्रेसवार्ता को संबोधित किया। उद्योग मंत्री ने कहा कि इस बार आइआइटीएफ-2018 का थीम 'भारत में ग्रामीण उद्योग' रखा गया है, जिसके अनुसार, बिहार पवेलियन को सजाया-संवारा गया है। उन्होंने कहा, "पवेलियन में मधुबनी पेंटिंग, मंजुषा पेंटिग, सिक्की आर्ट, टेराकोटा, टिकुलीआर्ट की प्रदर्शनी लगाई गई है, जिसमें स्वयं सहायता समूह के कार्यो का निरुपण किया गया है। इसके अलावा हैंडलूम सिल्क के स्टॉल भी हैं।"
बिहार पवेलियन में मधुबनी पेंटिंग, टेराकोटा, टिकुलीआर्ट का लाइट डेमो मंडप का मुख्य आकर्षण है। सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार सरकार राज्य के समावेशी आर्थिक विकास के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा, "राज्य में निवेश का वातावरण बनाने के लिए राज्य सरकार द्वारा अनेक पहलें की गई हैं और 15 प्रतिशत वार्षिक औद्योगिक विकास दर लक्षित किया गया है।" उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय उत्पादकता नीति एवं 'मेक इन इंडिया' पहल के अनुरूप राज्य के सकल घरेलू उत्पाद मंे द्वितीयक क्षेत्र का योगदान 25 प्रतिशत ज्यादा करने का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने कहा कि बिहार देश में सबसे तेजी से विकास कर रहे राज्यों में शुमार है और वर्ष 2005-06 से 2014-15 तक की अवधि मंे बिहार के जीएसडीपी में लगातार 10.5 प्रतिशत सालाना दर से वृद्धि हुई है। सिंह ने कहा, "बिहार में पिछले कुल वर्षो में आर्थिक बदलाव की रफ्तार व पैमाने में प्रगति हुई है, जो सरकार द्वारा शुरू की गई व्यापक घरेलू सुधार कार्यक्रम का परिणाम है। इसमें सार्वजनिक वित्त का प्रबंधन, बुनियादी ढांचा निर्माण और कानून-व्यवस्था में सुधार सबसे महत्वपूर्ण है। इन बदलावों से राज्य मंे निजी निवेश और अधिक से अधिक अद्योग प्रतिबद्धता के लिए अनुकूल वातावरण का निर्माण हुआ है।"
उन्होंने कहा कि वर्तमान औद्योगिक नीति के माध्यम से राज्य में उद्योगों के लिए अनुकूल माहौल बनाने एवं महत्वपूर्ण क्षेत्र में अधिकतम निवेश करने के लिए कार्यक्रम चलाए गए हैं, जिनमें खाद्य प्रसंस्करण, पर्यटन, छोटी मशीनरी उत्पादन, आईटी, आईटीईएस और इलेक्ट्रिकल एवं इलेक्ट्रॉनिक हार्डवेयर विनिर्माण, वस्त्र, प्लास्टिक एवं रबर, अक्षर ऊर्जा, चमड़ा एवं तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र शामिल हैं। सिंह ने कहा, "बिहार सरकार ने बिहार औद्योगिक प्रोत्साहन नीति, 2016 लागू किया है, जिसके तहत अभी तक राज्य निवेश प्रोत्साहन परिषद से 880 प्रस्ताव अनुमोदित हो चुके हैं। इनमें 12,265.96 करोड़ रुपये की राशि के निवेश का प्रस्ताव हैं। वितीय प्रोत्साहन क्लियरेंस के लिए 243 प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं, जिनमें से 201 प्रस्ताव पर सहमति दी गई है। इनमें 1855.24 करोड़ रुपये की प्रस्तावित पूंजी निवेश है।" सिंह ने कहा कि बिहार सरकार ने बिहार स्टार्ट-अप नीति, 2017 लागू किया है, जिसके तहत अब तक 5,442 आवेदन पत्र ऑन-लाइन प्राप्त हुए हैं। सिंह ने कहा कि बिहार सरकार ने मुख्यमंत्री अनुजाति/जनजाति उद्यमी योजना का शुभारंभ किया है जिसके तहत 18,575 आवेदन प्राप्त हुए हैं। इनमें 425 को प्रशिक्षण दिया जा चुका है।
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