जम्मू 22 नवंबर, जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्य पाल मलिक ने गुरुवार को कहा कि उन्हें विधायकों की खरीद-फरोख्त होने तथा उन्हें धमकाये जाने की शिकायतें मिल रही थीं जिसके बाद उन्होंने विधानसभा भंग कर दी। श्री मलिक ने यहां राज भवन में संवाददाता सम्मेलन में कहा,“ मुझे पिछले 15 दिनों से विधायकों की खरीद-फरोख्त होने और विधायकों को धमकी दिये जाने की शिकायतें मिल रही हैं।” उन्होंने कहा, “ सुश्री महबूबा मुफ्ती ने खुद शिकायत की कि उनके विधायकों को धमकी दी जा रही है। दूसरी पार्टी ने कहा कि पैसे के वितरण की योजना है। इसलिए मैं इसे होने की इजाजत नहीं दे सकता।” उन्होंने कहा, “ मैं नियुक्ति के दिन से राज्यपाल के रूप में कह रहा हूं कि मैं राज्य में दल-बदल और खरीद- फरोख्त के तहत गठित किसी भी सरकार के पक्ष में नहीं हूं।” उन्होंने कहा, “मैं चाहता हूं कि चुनाव कराये जाएं और चुनी गयी पार्टी का राज्य पर शासन हो।” नेशनल कांफ्रेंस, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी और कांग्रेस का नाम लिये बगैर राज्यपाल ने कहा, “ये वे शक्तियां हैं जो राज्य में जमीनी स्तर का लोकतंत्र नहीं चाहती हैं।” उन्होंने कहा, “ खुद को असहाय महसूस करने तथा यह देखते हुए कि स्थिति उनके हाथों से निकल रही है और उनके अनुसार कुछ भी नहीं हो रहा है तो उन्होंने ‘अपवित्र’ गठबंधन की पहल शुरू की। ” राज्यपाल ने कहा, “मैंने किसी के साथ पक्षपात नहीं किया है और लोगों के हितों को ध्यान में रखते हुए विधानसभा भंग करने का कदम उठाया है।” बुधवार को राजभवन में किसी भी फैक्स को स्वीकार नहीं करने के सुश्री मुफ्ती के आरोपों के जवाब में श्री मलिक ने कहा, “ ईद की वजह से मेरा कार्यालय बंद कर दिया गया था, इसलिए मुझे सुश्री महबूबा मुफ्ती से कोई संदेश नहीं मिला। वह एक दिन पहले मुझसे संपर्क कर सकती थीं। छुट्टी के दिन कोई भी फ़ैक्स मशीन के बगल में बैठा नहीं था।” राज्यपाल ने जम्मू-कश्मीर की विधानसभा को तत्काल प्रभाव से भंग करने का बुधवार की रात को आदेश जारी किया। आदेश में कहा गया कि राज्यपाल कई स्रोतों से उपलब्ध सामग्री तथा जानकारियों के आधार पर इस निष्कर्ष पर पहुंचे हैं।
गुरुवार, 22 नवंबर 2018
विधायकों की खरीद-फरोख्त की शिकायतों के बाद भंग की विधानसभा : मलिक
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