बिहार : संविधान दिवस 26 नवम्बर को, सिविल सोसायटी के प्रतिनिधियों का जमावाड़ा पटना में - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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सोमवार, 19 नवंबर 2018

बिहार : संविधान दिवस 26 नवम्बर को, सिविल सोसायटी के प्रतिनिधियों का जमावाड़ा पटना में

  • मिलकर प्रेषित जन घोषणा-पत्र को अंतिम रूप देंगे
  • राजनैतिक दलों पर दबाव डालकर जन घोषणा -पत्र को मैनिफेस्टो में शामिल करवाएंगे
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पटना, 19 नवम्बर। लोकतांत्रिक न्याय मंच के बैनर तले असंगठित क्षेत्र कामगार संगठन, दलित अधिकार मंच, भोजन का अधिकार अभियान (बिहार), लोक मंच, एकता परिषद्, शहरी गरीब विकास संगठन, बिहार सर्वोदय मंडल, बिहार घरेलु कामगार यूनियन आदि संस्था-संगठनों का जमावाड़ा 26 नवम्बर को संविधान दिवस के अवसर पर होने जा रहा है. इसमें लोकसभा चुनाव 2019 के मद्देनजर जन घोषणा-पत्र तैयार किया जाएगा. बताया गया कि 26 नवम्बर संविधान दिवस के अवसर पर विभिन्न जन संगठनों द्वारा राज्यस्तरीय परिचर्चा का आयोजन किया जा रहा है. कहा गया कि हम सब जानते हैं कि भारतीय संविधान देश के सभी नागरिकों को मुलभुत सुविधाओं, सेवाओं की उपलब्धता की गारंटी देता है. इसलिए राज्य का यह कर्तव्य है की नागरिकों के अधिकारों की सुरक्षा के लिए कानूनों और नीतियों का निर्माण करे तथा उसे ईमानदारीपूर्वक लागू करे. भारतीय संविधान के प्रस्तावना में उल्लेखित धर्मनिरपेक्षता, न्याय, स्वतंत्रता, समानता तथा बंधुत्व के तहत देश व राज्य की सामाजिक, आर्थिक व राजनैतिक परिस्थितियां विपरीत बनी हुई हैं. राज्य का नागरिकों के प्रति संवैधानिक प्रतिबद्धता तथा उसकी नीतियों और नियत में विसंगतियों को सामने लाने और उस संदर्भ जन मुद्दा बनाने के लिए दिनांक 26 नवम्बर, 11 बजे दिन से 3 बजे तक भारतीय नृत्यकला मंदिर के सभागार में विभिन्न संगठनों की तरफ से एक परिचर्चा का आयोजन किया जा रहा है. इस परिचर्चा में विभिन्न संगठनों के वर्षों की संघर्षों से निकले मुद्दों को एक मंच पर संयुक्त रूप से राजनैतिक पार्टियों व जन संगठनों के प्रतिनिधियों का विमर्श, संकल्प एवं एकजुटता इजहार किया जायेगा.  

आम चुनाव के लिए सभी पार्टियाँ अपना घोषणापत्र जारी करती है और उसके आधार पर जनता से वोट मांगती है. इसे अवसर मानते हुए विभिन्न सामाजिक संगठनों, सिविल सोसाइटी संस्थाओं, कार्यकताओं, अभियानों के तरफ से एक जन घोषणा-पत्र तैयार करने का प्रस्ताव परिचर्चा के दौरान रखा जायेगा. एक जन घोषणा-पत्र के एक ड्राफ्ट भेजा जा रहा है, इसपर आपका सलाह अपेक्षित है ताकि इस परिचर्चा के दौरान जारी किया जा सके. आप अपना अभियान अथवा संगठन का नाम साझा करें ताकि घोषणापत्र में शामिल किया जा सके और आप इस कार्यक्रम के आयोजक हों. सर्वश्री रुपेश, विजय कान्त, सौरभ कुमार, कपिलेश्वर राम,पंकज श्वेताभ, निवेदिता आदि मिलकर ड्राफ्ट तैयार किए हैं. जो इस प्रकार है. जन घोषणा-पत्रः लोकसभा चुनाव 2019 अभियानों की साझा पहल. बिहार में विस्थापन से संबंधित घोषणायें

कोशी त्रासदीः
 विश्व बैंक से आए राशि के बावजूद पुनर्वास कार्य के देरी के कारणों और देरी करने वाले पदाधिकारियों 
पर सरकार क्या कार्रवाई कर रही है, इस मुद्दे पर सरकार श्वेत पत्र जारी करें.
 पुनर्वास को अविलम्ब पूरा किया जाए.
 जिन पंचायतों में खाते खुले हैं उनमें तत्काल धन राशि अवमुक्त किया जाए.
 मुरलीगंज और बीरपुर नगर पंचायतों को भी सामान रुप से कार्यक्रम में जोड़ा जाए.
 बढ़ी महंगाई के मद्दे  नजर पुनर्वास की राशि को बढ़ाया जाए (यह गृह निर्माण लायक हो- कम से कम 
1.5 लाख रुपये).
 कोशी त्रासदी के समय भ्रष्टाचार के कारण अनेक लोग सूची में छूट गये थे, उनको भी शामिल करने 
के लिये पंचायत स्तर पर जनसुनवाई आयोजित कर नाम सम्मिलित कराये जायें.
 गड्ढे भरने, बालू हटाने इत्यादि राहत कार्य अधूरे हैं उनको विशेष अभियान चलाकर पूरे कराये जायें.
 गांव के संपर्क हेतु मार्ग और डाइवर्जन बनाकर जहां निर्माण कार्य अधूरे हैं उनको वर्षा के पहले पूरा 
किया जाये.
 कोशी तटबंध के अंदर सुपौल जिला अंतर्गत भरौना प्रखंड की सुखनाहा, मंटोला समेत अनेक गांव के लोगों को 1965 में पुनर्वास में मिली जमीन पर विद्यमान अवैध कब्जों को अविलम्ब हटाया जाए.

कोशी तटबंध के गांवः
 कोशी तटबंध पर निर्मित होने वाले पुलों पर शून्य अवरोध की मानक का अनुपालन हो.
 कोशी तटबंध के अंदर के अनेक गांव में इंदिरा आवास की पहली किस्त तो मिली है परन्तु  दूसरी 
किस्त वर्षों से नहीं मिली है उसे दिलाया जाये.
 गंडक, कोशी, गंगा इत्यादि सभी नदियों के कटाव पीडि़तों को सरकार पुनर्वासित करने की गारंटी करे, 
उन्हें जमीन के बदली जमीन दे.
 बागमती अधवारा समूह की नदियां व महानंदा नदी पर विरोध के बावजूद तटबंध का निर्माण कार्य 
अपराधी गंडों ठेकेदारों के बल पर कराने की कोशिश हो रही है जिसे अविलम्ब रोका जाए.
यह केवल एक प्रारूप है.हर क्षेत्र को छुआ गया है.

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