मुंबई 19 नवंबर, सरकार के साथ चुनाव के बीच सोमवार को भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के केन्द्रीय निदेशक मंडल की बैठक में केन्द्रीय बैंक के इकोनाॅमिक कैपिटल फ्रेमवर्क के अध्ययन के लिए विशेषज्ञ समिति बनाने का निर्णय लिया गया है। करीब नौ घंटे तक चली इस मैराथन बैठक में आरबीआई बोर्ड ने बेसल फ्रेमवर्क सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों के जोखिम में फंसे ऋण पुनर्गठन और प्रॉन्प्ट करेक्टिव एक्शन के तहत बैंकों की वित्तीय स्थिति पर चर्चा की गई। बैठक के बाद देर शाम जारी बयान में आरबीआई ने कहा कि निदेशक मंडल में इकोनाॅमिक कैपिटल फ्रेमवर्क के अध्ययन के लिए विशेषज्ञ समिति बनाने, समिति के सदस्यों और समिति के कार्य क्षेत्र पर सरकार तथा आरबीआई दोनों ने मिलकर काम करने का निर्णय लिया है। बोर्ड ने आरबीआई को एमएसएमई के जोखिम में फंसे नींद के पुनर्गठन स्कीम पर भी विचार करने के लिए कहा है। इसके तहत आरबीआई सिर्फ 25 करोड़ रुपए के ऋण पर ही विचार करेगा। बयान में कहा गया है कि प्रॉन्प्ट करेक्टिव एक्शन के तहत आए बैंकों के मामले का केन्द्रीय बैंक का फाइनेंशियल सुपर विजन बोर्ड परीक्षण करेगा। आरबीआई बोर्ड में कुल 18 सदस्य हैं जिनमें श्री पटेल के अतिरिक्त उनके चार डिप्टी भी शामिल हैं। श्री पटेल के अलावा किसी भी डिप्टी गवर्नर को मतदान करने का अधिकार नहीं है। बोर्ड में दो सरकारी अधिकारी और सरकार द्वारा मनोनीत सात स्वतंत्र निदेशक हैं।
मंगलवार, 20 नवंबर 2018
RBI के इकोनाॅमिक कैपिटल फ्रेमवर्क परीक्षण के लिए विशेषज्ञ समिति बनाने का निर्णय
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