कर्तव्यों का पालन करें, स्वयं होगी अधिकारों की रक्षा : मोदी - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

रविवार, 25 नवंबर 2018

कर्तव्यों का पालन करें, स्वयं होगी अधिकारों की रक्षा : मोदी

follow-duties-protect-yourself-from-rights-modi
नयी दिल्ली 25 नवंबर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संविधान दिवस की पूर्व संध्या पर देशवासियों से संवैधानिक मूल्यों को आगे बढ़ाने की अपील करते हुये रविवार को कहा कि यदि हम संविधान में दिये गये कर्तव्यों का पालन करें तो अधिकारों की रक्षा अपने-आप हो जायेगी। श्री मोदी ने आकाशवाणी पर ‘मन की बात’ के 50 वें अंक में कहा “हमारे संविधान में खास बात यही है कि अधिकार और कर्तव्य के बारे में इसमें विस्तार से वर्णन किया गया है। नागरिक के जीवन में इन्हीं दोनों का तालमेल देश को आगे ले जायेगा। यदि हम दूसरों के अधिकार का सम्मान करेंगे तो हमारे अधिकारों की रक्षा अपने आप हो जायेगी। यदि हम संविधान में दिये अपने कर्तव्यों का पालन करेंगे तो हमारे अधिकारों की रक्षा अपने-आप हो जायेगी।” उन्होंने कहा,“ वर्ष 2020 में एक गणतंत्र के रूप में हम 70 साल पूरे करेंगे और 2022 में हमारी आज़ादी के 75 वर्ष पूरे हो जायेंगे। हम सभी अपने संविधान के मूल्यों को आगे बढ़ाएँ और देश में शांति, उन्नति और समृद्धि सुनिश्चित करें।” प्रधानमंत्री ने कहा कि संविधान दिवस उन महान विभूतियों को याद करने का दिन है जिन्होंने भारत का संविधान बनाया। संविधान को 26 नवम्बर 1949 को अपनाया गया था। संविधान का प्रारूप करने के ऐतिहासिक कार्य को पूरा करने में दो साल, 11 महीने और 17 दिन लगे। जिस असाधारण गति से उन विभूतियों ने संविधान का निर्माण किया वह आज भी समय प्रबंधन और उत्पादकता का एक उदाहरण है। श्री मोदी ने कहा,“यह हमें भी अपने दायित्वों को रिकॉर्ड समय में पूरा करने के लिए प्रेरित करता है।” श्री मोदी ने डॉ. भीमराव अम्बेडकर को याद करते हुये कहा कि 06 दिसम्बर को उनका महा-परिनिर्वाण दिवस है और वह सभी देशवासियों की ओर से बाबा साहब को नमन करते हैं। लोकतंत्र बाबा साहब के स्वभाव में रचा-बसा था। वह कहते थे ,“हम भारतीय भले ही अलग-अलग पृष्ठभूमि के हों, लेकिन हमें देशहित को सभी चीज़ों से ऊपर रखना होगा।”

कोई टिप्पणी नहीं: