बिहार : राशि आवंटन नहीं होने से स्वास्थ्यकर्मियों को वेतन नहीं मिल रहा है - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शुक्रवार, 30 नवंबर 2018

बिहार : राशि आवंटन नहीं होने से स्वास्थ्यकर्मियों को वेतन नहीं मिल रहा है

इस प्रदेश में सत्याग्रह करने वाले राज्यकर्मियों को तीन माह का वेतन भुगतान का झूठा आश्वासन देकर सत्याग्रह तोड़वायायह सब गाँधी के देश में हो रहा है.यह तो सत्याग्रहियों के साथ सरासर छल किया गयापेश है सुशासन सरकार के कर्मियों की परेशानी
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बिहार की राजधानी पटना है. यहां के जिलाधिकारी कुमार रवि हैं. यहां के असैनिक शल्य चिकित्सक सह मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी प्रमोद कुमार सिंह हैं। इनके अधीन कार्यरत स्वास्थ्यकर्मियों को वेतनादि समय पर नहीं मिल रहा है.यूं कहे कि बिना अपराध के ही वेतन बंद है. प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र,मसौढ़ी में कार्यरत कर्मियों को 19 माह से वेतन नहीं मिल रहा है. प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, पालीगंज में कार्यरत कर्मियों को 11 माह से वेतन नहीं मिला है.इनका वर्ष 2017 के माह फरवरी, नवम्बर व दिसम्बर, का भी वेतन नहीं मिला है. फिर चालू वर्ष 2018 के माह जनवरी, फरवरी, जून, जुलाई, अगस्त, सितम्बर व अक्टूबर, नवम्बर का भी वेतन नहीं मिला हैं. उसी तरह प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, धनरूआ में कार्यरत कर्मियों को 10 माह से वेतन नहीं मिल रहा है. वर्ष 2017 के दिसम्बर का वेतन नहीं मिला है.वर्ष 2018 के जनवरी, फरवरी, मई, जून, जुलाई, अगस्त, सितम्बर, अक्टूबर और नवम्बर का वेतन नहीं मिला है. प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र,पटना सदर में कार्यरत कर्मियों को 10 माह से वेतन नहीं मिला है. इसी तरह प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र,मोकामा, बाढ़, बख्तियारपुर, फतुहा, दानापुर, नौबतपुर,विक्रम,पुनपुन और मनेर का है.

इनलोगों की समस्याओं को समेटकर बिहार स्वास्थ्य एवं जन स्वास्थ्य कर्मचारी संघ, जिला शाखा-पटना के बैनर तले पटना जिले के असैनिक शल्य चिकित्सक सह मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डाक्टर प्रमोद कुमार सिंह  के समक्ष सत्याग्रह किया गया. इनके समक्ष वेतनादि भुगतान करने की मांग को लेकर 24 सितंबर से सत्याग्रह किया गया. असैनिक शल्य चिकित्सक सह मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डाक्टर प्रमोद कुमार सिंह को वेतनादि से वंचित स्वास्थ्यकर्मियों ने ज्ञापन दिया. प्रेषित ज्ञापन पर डाक्टर प्रमोद कुमार सिंह ने किसी तरह की कार्रवाई नहीं की. जब स्वास्थ्यकर्मियों ने असैनिक शल्य चिकित्सक सह मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी के साथ जोर जबर्दस्ती किया. तो उन्होंने स्वास्थ्य सचिव के पास मैसेज अग्रसारित किया कि वेतनादि देने में 54 करोड़ रूपए की आवश्यकता है. इस मैसेज के जवाब में स्वास्थ्य सचिव से मैसेज आया कि 12 करोड़ रू.आवंटित किया जा रहा है. इसे स्वास्थ्यकर्मियों ने ‘ ऊँट के मुँह में जीरा‘ करार दिया. यह तो एक माह का वेतन भी नहीं होगा. इनलोगों का कोषागार हेड 2211 है।

स्वास्थ्यकर्मियों का कहना है कि तीन माह का वेतनादि का भुगतान कर देने का आश्वासन दिया गया था.जो भुगतान नहीं किया गया. कहा गया कि स्वास्थ्य विभाग ने जरूरत के अनुसार राशि आंवटित ही नहीं किया.इसके कारण स्थिति गंभीर बन गई है. कहा गया था कि 54 करोड़ के बदले 12 करोड़ देंगे. फिर उसमें कटौती कर 9 करोड़ ही विमुक्त की गई है. असैनिक शल्य चिकित्सक सह मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डाक्टर प्रमोद कुमार सिंह के कार्यालय के द्वारा पटना जिले के सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में 12 करोड़ वितरण करने के बाद 18 लाख रूपये प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, धनरूआ को प्राप्त हुआ.यह राशि खाता न.2211 में जमा है.इस खाते से वेतनादि भुगतान नहीं किया गया.  इस इस बीच पालीगंज अनुमंडल के दुल्हिन बाजार के प्राथमिक स्वास्थ्य कर्मियों ने लंबित वेतन के अविलम्ब भुगतान की मांग को लेकर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के मुख्य गेट का ताला लगा कर विरोध जताया. इस दौरान नाराज स्वास्थ्य कर्मियों ने डॉक्टर सहित सभी को अंदर जाने से रोक दिया. ओपीडी की सेवा को लंबित कर सभी स्वास्थ्य कर्मी 10 माह की बकाया वेतन का अविलंब भुगतान करने की मांग कर रहे थें. सब का कहना है कि दस माह से वेतन न मिलने के कारण सबकी माली हालत ठीक नहीं है. वे लोग खाने को मोहताज हैं. इसलिए अब विरोध करने को मजबूर हो गए हैं. आक्रोशित स्वास्थ्य कर्मियों ने चिकित्सा प्रभारी शिव लाल चैधरी को भी स्वास्थ्य केंद्र में जाने से रोक दिया.  

स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत राज्यकर्मियों ने मन बना लिए है कि नियमित वेतन भुगतान नहीं करने वाली  राज्य सरकार को न्यायालय में घसीटा जाएं.इससे अच्छा है कि हुजूर जल्द से जल्द वेतन भुगतान करने का आदेश निर्गत कर दें.नियमित वेतन भुगतान नहीं होने के कारण राज्यकर्मी परेशान हैं. बैंक से कर्ज लेने वालों को बैंक से राशि भुगतान करने की नोटिस आने लगी है.बिजली बिल भुगतान नहीं करने से बिजली लाइन काट दी गयी है.पटना नगर निगम को होल्डिंग टेक्स देना है.बनिया भी टोका-टोकी करना शुरू कर दिया है.कुल मिलाकर राज्यकर्मी कर्ज से डूबते जा रहे हैं.एकमात्र वेतन नहीं भुगतान नहीं करने परेशानी बढ़ती जा रही है. राज्यकर्मियों को नियमित वेतन नहीं मिलने से उनके घरों में अराजक स्थिति बन गयी है. बता दें कि सातवीं वेतनमान  व 2 प्रतिशत डी.ए.बढ़ोतरी करके 9 प्रतिशत डी.ए.हो जाने से राज्यकर्मियों में उमंग नहीं है. उल्टे बैंक वालों से नोटिस मिलने की खबर से परेशान  हैं.वेतन भुगतान में विलम्ब होने के  संदर्भ में जानकारी मिली है कि यह सिर्फ एक जिले पटना की ही बात नहीं है वरण समूचे बिहार के 38 जिले कमोबेश वेतन न मिलने के दंश झेल रहे हैं.दूसरों को ‘सूई‘ देकर दर्द बढ़ाने वाली ए.एन.एम.दीदियों को सरकार वेतन न देकर पीड़ा बढ़ाते चली जा रही है.

राज्यकर्मियों को नियमित वेतन नहीं मिलने से उनके घरों में अराजक स्थिति बन गयी है. जानकार सूत्रों का कहना है कि सरकार ने जरूर ही नए ए.एन. एम.दीदियों को बहाली कर ली है मगर मगर नौकरशाहों ने उनका अलग से वेतन आवंटन नहीं  किया जा रहा है. जिसके कारण नए और पुराने दीदियों को वेतन मिलने में दिक्कत हो रही है.पुराने ए.एन.एम.दीदियों की आवंटित होने वाली राशि में से ही 50-50 राशि विभक्त कर नवनियुक्त दीदियों को वेतन भुगतान किया जाता है.इस तरह की जोड़तोड़ से दीदी लोग बेहाल हैं.वेतन भुगतान में विलम्ब होने के  संदर्भ में जानकारी मिली है कि यह सिर्फ एक जिले पटना की ही बात नहीं है वरण समूचे बिहार के 38 जिले कमोबेश वेतन न मिलने के दंश झेल रहे हैं.  यह गंभीर सवाल उछल रहा है कि आखिरकार सरकार राज्यकर्मियों को नियमित वेतनादि भुगतान करने में विलम्ब क्यों कर रही है. क्या बिहार में पूर्ण नषा उन्मूलन का प्रभाव है. एक सरकारी अधिकारी ने कहा कि सरकार की ओर से राशि आवंटन का मसला ‘नशा उन्मूलन‘ से जोड़ा नहीं जा सकता है। यह अलग मसला है. बेशक वेतन भुगतान न होने से राज्यकर्मियों की दिक्कते बढ़ी है. इसका मुख्य कारण ए.एन.एम.की बहाली है.सरकार ने बहाली कर दी है मगर नौकरशाहों ने उनका अलग से वेतन भुगतान का आवंटन नहीं किया.राशि में बढ़ोतरी नहीं होने के  कारण पुरानी दीदियों के ही आवंटित राशि से नयी दीदियों को भी वेतन भुगतान होने लगा.ऐसा करने से नयी और पुरानी दीदियों को परेशान होना पड़ रहा है.

अल्पसंख्यक समुदाय की तरह ही ईसाई समुदाय भी दूरिया बनाकर रखना चाहते हैं भारतीय जनता पार्टी से। जब से बीजेपी के अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रदेश मंत्री राजन क्लेमेंट साह बने हैं तब से ईसाई समुदाय की नजरिया बदला-बदला दिखायी दे रहे हैं। प्रदेश मंत्री राजन सबका साथ सबका विकास करने में लगे हैं। हरदम ईसाई समुदाय की समस्याओं का समाधान करने को लेकर प्रत्यनशील रहते हैं। आज बहुसंख्यक और अल्पसंख्यक समुदाय का वेतनादि नहीं मिलने की समस्या को लेकर स्वास्थ्य मंत्री मंगल पाण्डेय से मिले।  बताते चले कि अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रदेश मंत्री राजन क्लेमेंट साह ने स्वास्थ्य मंत्री मंगल पाण्डेय से मिलकर कहा कि पटना जिले के विभिन्न प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में बहुसंख्यक और अल्पसंख्यक कार्यरत हैं। इनको 2211 हेड से वेतनादि मिलता है। इस हेड में राशि आवंटित न होने के कारण से स्वास्थ्यकर्मियों को नियमित वेतनादि नहीं मिल रहा है। जिसके कारण कर्मियों की आर्थिक स्थिति खराब हो गयी है। तब स्वास्थ्य मंत्री मंगल पाण्डेय ने आष्वासन दिया कि हेड को देखकर राशि आंवटित करवा दूंगा।  इस समय प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र की स्थिति यह है कि कर्मियों को नियमित वेतनादि नहीं मिल रहा है। किसी केन्द्र कर्मियों को 10 महीने तो किसी को 19 माह से वेतनादि नहीं मिल रहा है। आवंटन के अभाव में नियमित वेतनादि नहीं मिल रहा है। जिसके कारण परिवार की माली हालत चरमरा गयी है। 

अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रदेश मंत्री राजन क्लेमेंट साह ने कहा कि आवेदन में पटना जिले में स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में कार्यरत कर्मियों को आवंटन के अभाव में नियमित वेतन नहीं मिलने की मसला उठाया गया है। बच्चों को स्कूल,काॅलेज,प्रशिक्षण आदि की फीस जमा नहीं हो पा रही है।आवासीय स्थल में रहने वाले बच्चों को खासा परेशानी है। किराया पर रहने वालों को मकान मालिक के द्वारा मकान खाली करने का धमकी मिल रहा है। किस तरह से समझाकर मकान में रहा जा रहा है। जो बैंक से ऋण लेकर मकान आदि निर्माण किये हैं ऐसे लोग नियमित किस्त नहीं दे पा रहे हैं। प्रत्येक माह लाइन कटने की धमकी के साथ अल्प बिजली बिल भुगतान कर रहे हैं। पटना नगर निगम के द्वारा निर्धारित टैक्स नहीं दे पा रहे हैं। आंवटन नहीं होने के कारण वेतनादि नहीं मिलने से लोकल दुकानदारों से दाल-रोटी खाने के लिए समान उधार लिया जाता है। दुकानदार भी उधार नहीं देने पर अमादा है। बहुसंख्यक और अल्पसंख्यक कर्मियों ने पर्व-त्योहारों को सूखा-सूखी मना रहे हैं। अभी 25 दिसम्बर को क्रिसमस और 1 जनवरी को नूतन वर्ष आने वाला है। ऐसा प्रतीक हो रहा है। वह भी सूखा-सूखी ही चला जाएगा। आसन्न ठंड मौसम में गर्म कपड़े खरीदने से वंचित होना पड़ रहा है। पेट में अन्न नहीं है और अब तन पर कपड़ा भी नहीं मिल रहा है। बीमार पड़ने पर बेस्ट डाक्टरों से दिखाकर इलाज नहीं करा पा रहे है। केवल हाल बताकर फार्मेसी से दवा लेने को बाध्य हो रहे हैं। बच्चों को स्कूल,काॅलेज,प्रशिक्षण आदि की फीस समय पर नहीं देने से लेट फाइन देना पड़ रहा है। बैंक से ऋण लेकर मकान आदि निर्माण करने वालों को अधिक व्याज देना पड़ रहा है। अल्प बिजली बिल भुगतान करने पर अधिक चार्ज देना पड़ रहा है। इससे साफ जाहिर हो रहा है कि वेतनभोगी कर्मियों को वेतन नहीं देने पर अधिक राशि व्यय करना पड़ेगा। वहीं राज्यकर्मियों को अतिरिक्त व्यय करना पड़ रहा है। इसके विरूद्ध सरकार के द्वारा किसी तरह की भरपाई नहीं की जाती है। अंत में अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रदेश मंत्री राजन क्लेमेंट साह ने स्वास्थ्य मंत्री मंगल पाण्डेय से आग्रह है कि जल्द से जल्द प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में राशि आवंटन करने का आदेश निर्गत करें ताकि कर्मियों को वेतनादि नियमित मिल सकें।

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