फौलादी व्यक्तित्व वाली प्रियदर्शिनी इंदिरा को शत शत नमन !! - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

सोमवार, 19 नवंबर 2018

फौलादी व्यक्तित्व वाली प्रियदर्शिनी इंदिरा को शत शत नमन !!

iron-lady-indira-gandhi
देश की तृतीय प्रधानमन्त्री श्रीमती इंदिरा गाँधी का जन्म 19 नवंबर, 1917 को इलाहाबाद के एक राजनितिक परिवार में हुआ। इंदिरा गाँधी देश की पहली और एकमात्र महिला प्रधानमंत्री हैं। इंदिरा गांधी को राजनीति विरासत में मिली थी वे सियासी उतार-चढ़ाव को बखूबी समझती थीं। 

पिता जवाहरलाल नेहरु के निधन के बाद लाल बहादुर शास्त्री के मंत्रिमंडल में सूचना एवं प्रसारण मंत्री बनीं। शास्त्री जी के निधन के बाद 1966 में वह देश की प्रधानमंत्री बनीं। इंदिरा गांधी 1966 से 1977 तक लगातार तीन बार प्रधानमंत्री बनीं परन्तु राजनीतिक छवि को आपातकाल की वजह से गहरा धक्का लगा। 1977 में देश की जनता ने उन्हें नकार दिया,  पर 1980  में फिर से  सत्ता में उनकी वापसी हुई। 1980 खालिस्तानी आतंकवाद के रूप में बड़ी चुनौती लेकर आया। ऑपरेशन ब्लू स्टार को लेकर उन्हें कई तरह की राजनीतिक समस्याओं का सामना करना पड़ा। 31 अक्तूबर, 1984 को उनकी सुरक्षा में तैनात दो सुरक्षाकर्मियों सतवंत सिंह और बेअंत सिंह ने उन्हें गोली मार दी। दिल्ली के एम्स ले जाते समय उनका निधन हो गया।

अपने फौलादी व्यक्तित्व और सकारात्मक दृष्टिकोण की वजह से इंदिरा गाँधी की गिनती विश्व की सबसे ताकतवर महिलाओं में की जाती है। भारतीय राजनीति में उनके निर्णयों को मिसाल के तौर पर देखा जाता है। फौलादी व्यक्तित्व वाली इंदिरा गांधी को उनके जन्मदिन पर शत शत नमन।

कोई टिप्पणी नहीं: