बागी बिगाड सकते हे पार्टीयो का गणित
झाबुआ (अनिल श्रीवास्तव) । प्रदेश मे विधानसभा निर्वाचन के चलते 28 नवम्बर को एक साथ सभी जगह पर मतदान होना हे। जेसे जेसे मतदान कि तारीख नजदिक आरही हे। र्निदलीय सहीत सभी पार्टीयो के प्रत्याशी अपने विधानसभा क्षेत्र मे अपने अपने चुनाव चिन्ह लेकर मतदाताओ को रिझाने का प्रयास कर विजयी होने का समीकरण बिठा रहे हे। विधानसभा निर्वाचन 2018 के तहत झाबुआ जिला भी इससे अछुता नही हे। यहा भी जिले मे तीन विधानसभा क्षेत्र झाबुआ पेटलावद व थांदला हे। जिसमे जिले भर के 7 लाख 46 हजार 8 सो 94 मतदाता हे जो मतदान मे भाग लेगे । जिनमे 70 हजार युवा मतदाता हे इसमे भी 30 हजार युवा पहली बार मतदान करेग।राजनितिक दलो मे असंतोष के चलते लगभग सभी जगह पर बागी प्रत्याशी मेदान मे हे। वही निर्दलिय प्रत्याशी भी अपनी जोर आजमाईश कर रहे हे। यहां तीनो ही जगह से कुल 24 प्रत्याशी मेदान मे हे। तीनो विधानसभा क्षेत्र मे बागी प्रत्याशी होने से तीनो ही जगह पर त्रिकोणीय संघर्ष हे। जो कि राजनितिक दलो का खेल बिगाडने पर तुले हुवे हे। बागीयो कि दमदार दावेदारी के चलते जहा राजनितिक दलो कि की पेशानी पर बल हे वही मतदाताओ मे भी इनके प्रति कम आकृषण नही है। मतदाता भी रोजाना इन प्रत्याशीयो के घटते बडते जनाधार को देख कर यह कयास लगाने का प्रयास कर रहा हे कि कोन प्रत्याशी पहले नम्बर रहेगा ओर किसीकी जमानत जप्त होगी। कुल मिला कर प्रत्याशीयो कि इस नुरा कुश्ती के प्रति मतदाताओ मे काफी रोमांच हे।
झाबुआ विधानसभा क्षेत्र--झाबुआ विधानसभा क्रमांक 193 मे कुल 2लाख 70हजार 123 मतदाता हे। जिसमे 1लाख 35 हजार 936 पुरुष व 1लाख 34 हजार 181 महिला व 6 अन्य मतदाता हे। इस विधानसभा क्षेत्र मे कुल 9 प्रत्याशी मेदान मे हे ।जिनमे मे मुख्य मुकाबला भाजपा के गुमानसिह डामोर, कांग्रेस के विक्रांत भुरिया व बागी जेवियर मेडा मे हे। यह जिले की एक मात्र सीट हे जिस पर दोनो ही दलो ने मतदाताओ को नया चेहरा दिया हे। झाबुआ विधानसभा के निर्वाचन पर पुरे प्रदेश की नजर हे जिसका मुख्य कारण हे यहा से कांग्रेस धोषित प्रत्याशी डाक्टर विक्रांत भुरिया जोकि यहा के वर्तमान सांसद कांतिलाल भुरिया के पुत्र हे। वही पार्टी से टिकिट न मीलने से नाराज प्रत्याशी व पुर्व विधायक जेवीयर मेडा पार्टी से बगावत कर मेदान मे डटे हे। श्री मेडा अपनी विशाल टिम के साथ पुरे क्षेत्र भाजपा व कांग्रेस को अच्छी टक्कर दे रहे हे व परिणाम मेब डा भारी उलट फेर कर सकते हे। जिससे दोनो पार्टी के नेताओ की पेशानी पर बल हे। वही तीसरे प्रत्याशी भाजपा के गुमानसिह डामोर हे जोकि पेटलावद तहसील के उमरकोट गांव से हे व पहली बार चुनाव मेदान मे हे। पार्टी ने भी इन पर बडा दांव खेला हे। श्री डामोर राजनिति मे नए होने के साथ ही जिले मे समाज सेवा के माध्यम से सतत सभी के सम्पर्क रह कर पार्टी मे टिकिट के लिए अपनी दावेदारी करने सफल रहे । हांलाकि तीनो ही प्रत्याशी अपनी जीत के प्रति आश्वस्त हे। व अपने अपने समर्थको के साथ सतत मेदान मे हे। बावजुद उंट किस करवट बेठेगा यह तो वक्त ही बताए गा।
थांदला विधानसभा क्षेत्र -- थांदला विधानसभा क्रमांक 194 मे कुल 2लाख 29 हजार 220 मतदाता हे जिसमे 1लाख 14 हजार 869 पुरुष व 1 लाख 14 हजार 347 महिला व 4 अन्य मतदाता हे। इस विधानसभा क्षेत्र मे कुल 8 प्रत्याशी मंेदान मे हे। जिसमे से मुख्य मुकाबला भाजपा के कलसिह भाभर ,कांग्रेस के विरसिह भुरिया व निर्दलिय दिलीप कटारा के बिच हे। थांदला से ही वर्तमान विधायक कलसिह भाभर जोकि पुर्व मे 2013 के निर्वाचन मे भाजपा व कांग्रेस के विरुद्ध निर्दलिय चुनाव जीते थे। आज भाजपा के अधिकृत प्रत्याशी हे। वही कांग्रेस के पुर्व विधायक विरसिह भुरिया भी यही से मेदान मे हे। भाजपा कांग्रेस के दानो ही प्रत्याशी यहा से पंरपरागत चुनाव मेंदान मे हे। किन्तु इन दोनो की जीत का गणित बिगाड ने मे सक्षम भाजपा के बागी दिलीप कटरा भी क्षेत्र मे अपनी जबरजस्त दावेदारी कर रहे हे। बताया जाता हे कि कलसिह भाभर जब निर्दलिय चुनाव लडे थे तब दिलीप कटारा व साथीयो ने मीलकर श्री भाभर को विजयी बनवाया था। आज दिलीप कटारा अपने सभी साथीयो के साथ मेदान मे हे व आनेवाल दिनो मे चैकाने वाला परिणाम दे सकते हे।
पेटलावद विधानसभा क्षेत्र-- पेटलावद विधानसभा क्रमांक 195 मे कुल 2लाख 47 हजार 551 मतदाता हे । जिसमे 1 लाख 23 हजार 565 पुरुष व 1 लाख 23 हजार 980 महीला मतदाता हे। इस विधानसभा मे कुल 7 प्रत्याशी मेदान मे हे। जिसमे मुख्य मुकाबला भाजपा कि निर्मला दिलीप सिह भुरिया ,कांग्रेस के वालसिह मेडा व भाजपा के बागी केहरसिह मेडा के बिच हे। बर्तमान विधायक निर्मला भुरिया यहा से लगातार मेदान मे हे । अपने पिता दिलीपसिह भुरिया की उतकृष्ट छवी के चलते भाजपा ने इक बार फिर से इन पर दांव आजमाया हे। हालांकि निर्मला अपने पिछले निर्वाचन के बाद जनता के बिच बहुत कम देखी गई व क्षेत्र के विकास को विशेष गति नही दे पाई। वही यहा से कांग्रेस के पुर्व विधायक वालसिह मेडा भी मंेदान मे हे। वालसिह मेडा कि जमीनी पकड अच्छी हे क्षेत्र मे इनको सबका सुख दुःख का साथी कहा जाता हे। श्री मेडा विधायक थे तब व नही तब भी पुरे क्षेत्र मे कही भी कोई घटना दुर्घटना हो खबर मीलते हे पहुच कर हर संभव सहायता करते हे जिससे इन की क्षेत्र मे अच्छी छवी हे। देखा जाए को पेटलावद विधानसभा क्षेत्र मे मुख्य मुकाबला भाजपा व काग्रेस के बिच ही पर एक अन्य निर्दलिय प्रत्याशी भाजपा से बागी केहरसिह मेडा भी खंबठोक कर मेदान मे हे पेटलावद क्षेत्र के इनका अच्छा वर्चस्व हे। बावजुद इसके जीत किसकी होगी इसका फेसला 28 को मतदान की समाप्ती के बाद 11 दिसम्बर को ही होगा।
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