दरभंगा (आर्यावर्त डेस्क) आज विश्वविद्यालय सभागार में माननीय कुलपति प्रो॰सुरेन्द्र कुमार सिंह की अध्यक्षता में विज्ञान एवं सामाजिक विज्ञान संकाय के सभी विषयों के शोध प्रारूपों की स्वीकृति हेतु पी॰जी॰आर॰ सी॰ की बैठक हुई। बैठक को सम्बोधित करते हुए कुलपति प्रो॰ सिंह ने कहा कि ऐसा देखा गया है कि कुछ शोधार्थी शोध -प्रबन्ध जमा करने के समय एक साथ प्रगति प्रतिवेदन जमा करतेहैं जबकि प्रतिवेदन प्रत्येक छ:महीने पर जमा होनी चाहिये ।परन्तु अब शोधार्थियों को शोध- कार्य सम्बन्धी प्रगति प्रतिवेदन विनियमानुसार छ:महीने पर स्नातकोत्तर विभागों में अनिवार्य रूप से जमा करना होगा जिसे विभागीय परिषद् समीक्षा करेगी तथा समीक्षोपरान्त विभागाध्य़क्षों द्वारा अनुमोदन किया जायगा ।शोध कार्य के गुणवत्ता हेतु यह आवश्यक है।प्रतियेक वर्ष जनवरी से जून तक का प्रगति प्रतिवेदन को जूलाई में तथा जूलाई से दिसम्बर तक का प्रगति प्रतिवेदन शोधार्थी को जनवरी में जमा करना अनिवार्य होगा ।उन्होंनें कहा कि विज्ञान एवं प्रायोगिक से सम्बन्धित विषयों के शेधार्थियों से तो यह अपेक्षा की ही जाती है अन्य विषयों के शोधार्थी पर भी यह लागू होगा।परीक्षा नियंत्रक -प्रथम डा॰ अरूण कुमार सिंह के अनुसार विज्ञान संकाय के जन्तु विज्ञान के पॉच, रसायनशास्त्र के चार,भौतिकी के तीन , बायोटेकनॉलॉजी के तीन , वनस्पति के एक कुल सोलह तथा सामाजिक विज्ञान संकाय के अर्थशास्त्र के तेरह,मनोविज्ञान के उन्नतीस ,ए॰आइ॰एच॰ के दो,इतिहास के आठ, राजनीति शास्त्र के अठारह, समाजशास्त्र के चार एवं भूगोल के छ: कुल अस्सी शोध प्रारूपों को स्वीकृत किया गया। बैठक में प्रतिकुलपति प्रो॰ जय गोपाल ,राजनीतिशास्त्र के विषय विशेषज्ञ कामेश्वर सिंह संस्कृत विश्वविद्यालय के प्रतिकुलपति प्रो॰ चण्डेश्वर प्रसाद सिंह ,सामाजिक विज्ञान संकायाध्यक्ष प्रो॰ अनिल कुमार झा, विज्ञान संकायाध्यक्ष प्रो॰ शीला चौधरी ,सभी सम्बन्धित विषयों के विभागों के विभागाध्य़क्ष एवं विषय विशेषज्ञ उपस्थित थे ।
गुरुवार, 29 नवंबर 2018
दरभंगा : शोध प्रारूपों की स्वीकृति हेतु पी॰जी॰आर॰ सी॰ की बैठक
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