पटना 25 नवंबर 2018, अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर अध्यादेश लाने की चर्चा के बीच हम के राष्ट्रीय अध्यक्ष व बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने अयोध्या राम मंदिर निर्माण के मुद्दे पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की चुप्पी पर एक बड़ा सवाल पूछते हुए कहा कि उनकी चुप्पी से यह साबित होता है कि भाजपा द्वारा प्रायोजित अयोध्या राम मंदिर निर्माण का वह कहीं ना कहीं समर्थन करती है ? पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने नीतीश कुमार से सवाल पूछा है कि क्या वो राम मंदिर के निर्माण को लेकर केन्द्र सरकार द्वारा अध्यादेश लाने के पक्ष में हैं? पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने कहा कि राम मंदिर के नाम पर बीजेपी देश को जलाने की साजिश रच रहे हैं और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मौन धारण किए हुए हैं । श्री मांझी ने कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपनी कुर्सी बचाने के लिए कब तक खामोश रहेंगे। श्री मांझी ने कहा कि आज पूरे देश में अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर एक बड़ी बहस छिड़ी हुई है उसके बावजूद बिहार के मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार की खामोशी से अल्पसंख्यक समाज को भी उनकी नियति पर संदेह होने लगा है | उन्हें यह लगने लगा है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को सिर्फ अपनी कुर्सी से ही प्यार है अल्पसंख्यक हितों से उन्हें कोई लेना देना नहीं नहीं तो वह इस मुद्दे पर खुलकर सामने क्यों नहीं आते कि वह क्या चाहते हैं | उन्होंने कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एक तीर से दो निशाना साधने के फेर में लगे हुए हैं उनकी मानसा से यह स्पष्ट होता है कि वह राष्ट्रहित से ज्यादा अपने हित के प्रति जागरूक दिखाई दे रहे हैं उन्हें अल्पसंख्यक हितों के साथ साथ राष्ट्रहित से कोई लेना देना नहीं | पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने नीतीश पर करारा वार करते हुए कहा कि नीतीश जी कुर्सी आएगी जाएगी पर इतिहास आपको इस काम के लिए हमेशा काले अध्याय के तौर पर याद रखेगा। माँझी ने कहा कि मंदिर मस्जिद का मामला कोर्ट में लंबित है ऐसी स्थिति में न्यायालय पर किसी तरह का दबाव बनाना देश के संविधान के लिए ख़तरा है।कोर्ट से फ़ैसला जिन के पक्ष में आता है उस पक्ष को ही मंदिर बनाने का अधिकार होगा, कोर्ट के फ़ैसले के बीच इस मामले को लेकर किसी तरह की टिप्पणी करना संविधान के ऊपर उंगली उठाने के बराबर है। जीतन राम माँझी ने मंदिर मामले पर भाजपा की रणनीति पर सवाल उठाते हुए कहा कि आज देश के युवा रोज़गार चाहते हैं | देश और राज्य में दलित उत्पीड़न में चौगुना बढोतरी हुई है | इन सभी गंभीर मुद्दों से लोगों का ध्यान भटकाने के लिए अब मंदिर मुद्दे को तूल दिया जा रहा है | जिससे सामाजिक और आर्थिक विषमता आएगी | सही मायने में अगर देश का विकास भारतीय जनता पार्टी और नरेंद्र मोदी चाहते हैं तो ऐसी परिस्थिति में विकास की राजनीति करें न कि मंदिर की |
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