बिहार : कुर्जी पल्ली में किया गया शताब्दी वर्ष का वृक्षारोपण - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शुक्रवार, 30 नवंबर 2018

बिहार : कुर्जी पल्ली में किया गया शताब्दी वर्ष का वृक्षारोपण

भारत और नेपाल के राजदूत महाधर्माध्यक्ष जियामबतिस्ता डिक्वाटो ने उद्घाटन किया शताब्दी वर्षकुर्जी पल्ली में स्थित प्रेरितों की रानी ईष मंदिर में पवित्र मिस्सा किया
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पटना,29 नवम्बर। आज गुरूवार को ‘धन्य‘ हो गया है कुर्जी पल्ली। यहां संत पिता फ्रांसिस के रोम में रहने वाले भारत और नेपाल के राजदूत महाधर्माध्यक्ष जियाबतिस्ता डिक्वाटो का आगमन हुआ। कुर्जी पल्ली के विषालकाय प्रेरितों की रानी ईश मंदिर में पवित्र मिस्सा पूजा किया। इनका साथ पटना धर्मप्रांत के आर्च बिशप विलियम डिसुजा, पटना आर्च बिशप के कोऐजटर सेवास्टियन,मुजफ्फरपुर धर्मप्रांत के काजिटेन ओस्ता,बेतिया धर्मप्रांत के सेवास्टियन गोबियस के साथ नेपाल,भागलपुर,पूर्णिया आदि धर्मप्रांतों के बिशप आए। इनके साथ फादर सिस्टर और लोकधर्मी भी थे। कुर्जी पल्ली के लिए गुरूवार 29 नवम्बर, 2018 ऐतिहासिक रहा। संत पिता फ्रांसिस के भारत और नेपाल के राजदूत राजदूत महाधर्माध्यक्ष जियामबतिस्ता डिक्वाटो आए। यहां के भव्य चर्च प्रेरितों की रानी ईश-मंदिर में पवित्र मिस्सा पूजा अर्पित किए। भक्तों को अपने हाथों से परमप्रसाद दिए। भक्तों ने पूर्ण धार्मिक रीति से ग्रहण किए। ईश्वर और संत पिता को धन्यवाद दिए कि आपने एक सुअवसर प्रदान किया है कि महाधर्माध्यक्ष जियामबतिस्ता डिक्वाटो के हाथों से परमप्रसाद ग्रहण किए। ईश मंदिर में बैठे लोगों को संत पिता की ओर से महाधर्माध्यक्ष ने आर्शीवाद दिया। इस बीच महाधर्माध्यक्ष जियामबतिस्ता डिक्वाटो ने पटना धर्मप्रांत की स्थापना की शताब्दी वर्ष का उद्घाटन कर दिए। इसके साथ ही 100 साल का पटना धर्मप्रांत होने के अवसर पर विभिन्न तरह का कार्यक्रम साल भर होते रहेगा।  इस अवसर पर महाधर्माध्यक्ष जियामबतिस्ता डिक्वाटो ने आकाश में बैलून छोड़ा। वहीं शताब्दी वर्ष के वृक्षारोपण भी किया। इसके बाद रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम किया गया। कुर्जी पल्ली के विभिन्न स्कूलों और संस्थाओं के बच्चों द्वारा प्रस्तुत कार्यक्रम को देखकर महाधर्माध्यक्ष जियामबतिस्ता डिक्वाटो काफी प्रंशन्नचीत नजर आए। यह भी देखा गया कि भक्तगण मौका मिलते ही महाधर्माध्यक्ष की अंगूठी को चुम्बन करने से बाज नहीं आए। यहां अंगूठी संत पापा द्वारा आषीष देकर ही बिशप लोगों को पहनाया जाता है। संत पापा को ईश्वर का प्रतिनिधि माना जाता है। 

इलाहाबाद धर्मप्रांत से अलग होकर बना है पटना धर्मप्रांत
आपको मालूम है कि इलाहाबाद धर्मप्रांत से अलग होकर बना है पटना धर्मप्रांत। जी हां, संत पिता बेनेडिक्ट 15 वें के कार्यकाल में 10 सितम्बर 1919 को इलाहाबाद धर्मप्रांत से अलग करके पटना धर्मप्रांत की स्थापना की गयी थी। इसके 2 साल के बाद पटना धर्मप्रांत को प्रथम धर्माध्यक्ष मिला। प्रथम धर्माध्यक्ष बनने का श्रेय फादर लुइस वानहुक को प्राप्त हुआ। 1921 में विधिवत फादर लुइस वानहुक को पटना धर्मप्रांत के प्रथम  धर्माध्यक्ष के रूप में अभिषिक्त किया गया। पटना धर्मप्रांत का शताब्दी वर्ष प्रारंभ होने के अवसर पर विभिन्न धर्मप्रांत के धर्माध्यक्ष, फादर, सिस्टर और ईसाई धर्मावलम्बी लिए। पटना महाधर्मप्रांत के महाधर्माध्यक्ष विलियम डिसुजा, महाधर्माध्यक्ष के कोऐजटर सेवास्टियन,बेतिया धर्मप्रांत के बिशप सेवास्टियन गोबिएस, मुजफ्फरपुर के बिशप काजीटेन ओस्ता, कुर्जी पल्ली के पल्ली पुरोहित फादर रेमंड केरोबिन, एंग्लो इंडियन समुदाय के झारखंड विधान सभा में मनोनीत जीजे गोलस्टेन, राजन क्लेमेंट साह आदि के साथ नेपाल, पूर्णिया, और भागलपुर के धर्माध्यक्ष भी उपस्थित थे। बक्सर धर्मप्रांत के बिशप का पद रिक्त हैं वहां से प्रशासक बने विकर जेनरल जेम्स आमाकाट भी आएं थे। 

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