बिहार : बहुसंख्यक और अल्पसंख्यक समुदाय का वेतनादि नहीं मिलने की समस्या को उठाया - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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सोमवार, 26 नवंबर 2018

बिहार : बहुसंख्यक और अल्पसंख्यक समुदाय का वेतनादि नहीं मिलने की समस्या को उठाया

अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रदेश मंत्री राजन क्लेमेंट साह स्वास्थ्य मंत्री मंगल पाण्डेय से मिलाबिहार सरकार के द्वारा प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र के हेड 2211 में राशिआवंटित नहीं करने से 9 से 18 माह से वेतन नहीं मिल रहा है
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पटना,26 नवम्बर। अल्पसंख्यक समुदाय की तरह ही ईसाई समुदाय भी दूरियाबनाकर रखना चाहते हैं भारतीय जनता पार्टी से। जब से बीजेपी के अल्पसंख्यकमोर्चा के प्रदेश मंत्री राजन क्लेमेंट साह बने हैं तब से ईसाई समुदाय कीनजरिया बदला-बदला दिखायी दे रहे हैं। प्रदेश मंत्री राजन सबका साथ सबकाविकास करने में लगे हैं। हरदम ईसाई समुदाय की समस्याओं का समाधान करने कोलेकर प्रत्यनशील रहते हैं। आज बहुसंख्यक और अल्पसंख्यक समुदाय का वेतनादिनहीं मिलने की समस्या को लेकर स्वास्थ्य मंत्री मंगल पाण्डेय से मिले। बताते चले कि अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रदेश मंत्री राजन क्लेमेंट साह नेस्वास्थ्य मंत्री मंगल पाण्डेय से मिलकर कहा कि पटना जिले के विभिन्न प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में बहुसंख्यक और अल्पसंख्यक कार्यरत हैं। इनको 2211 हेड से वेतनादि मिलता है। इस हेड में राशि आवंटित न होने के कारण से स्वास्थ्यकर्मियों को नियमित वेतनादि नहीं मिल रहा है। जिसके कारण कर्मियों की आर्थिक स्थिति खराब हो गयी है। तब स्वास्थ्य मंत्री मंगल पाण्डेय ने आष्वासन दिया कि हेड को देखकर राशि आंवटित करवा दूंगा। इस समय प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र की स्थिति यह है कि कर्मियों को नियमित वेतनादि नहीं मिल रहा है। किसी केन्द्र कर्मियों को 9 महीने तो किसी को 18 माह से वेतनादि नहीं मिल रहा है। आवंटन के अभाव में नियमित वेतनादि नहीं मिल रहा है। जिसके कारण परिवार की माली हालत चरमरा गयी है। अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रदेश मंत्री राजन क्लेमेंट साह ने कहा कि आवेदन में पटना जिले में स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में कार्यरत कर्मियों को आवंटन के अभाव में नियमित वेतन नहीं मिलने की मसला उठाया गया है। बच्चों को स्कूल,काॅलेज,प्रशिक्षण आदि की फीस जमा नहीं हो पा रही है।आवासीय स्थल में रहने वाले बच्चों को खासा परेशानी है। किराया पर रहने वालों को मकान मालिक के द्वारा मकान खाली करने का धमकी मिल रहा है। किस तरह से समझाकर मकान में रहा जा रहा है। जो बैंक से ऋण लेकर मकान आदि निर्माण किये हैं ऐसे लोग नियमित किस्त नहीं दे पा रहे हैं। प्रत्येक माह लाइन कटने की धमकी के साथ अल्प बिजली बिल भुगतान कर रहे हैं। पटना नगर निगम के द्वारा निर्धारित टैक्स नहीं दे पा रहे हैं। आंवटन नहीं होने के कारण वेतनादि नहीं मिलने से लोकल दुकानदारों से दाल-रोटी खाने के लिए समान उधार लिया जाता है। दुकानदार भी उधार नहीं देने पर अमादा है। बहुसंख्यक और अल्पसंख्यक कर्मियों ने पर्व-त्योहारों को सूखा-सूखी मना
रहे हैं। अभी 25 दिसम्बर को क्रिसमस और 1 जनवरी को नूतन वर्ष आने वाला है। ऐसा प्रतीक हो रहा है। वह भी सूखा-सूखी ही चला जाएगा। आसन्न ठंड मौसम में गर्म कपड़े खरीदने से वंचित होना पड़ रहा है। पेट में अन्न नहीं है और अब तन पर कपड़ा भी नहीं मिल रहा है। बीमार पड़ने पर बेस्ट डाक्टरों से दिखाकर इलाज नहीं करा पा रहे है। केवल हाल बताकर फार्मेसी से दवा लेने को बाध्य हो रहे हैं। बच्चों को स्कूल,काॅलेज,प्रशिक्षण आदि की फीस समय पर नहीं देने से लेट फाइन देना पड़ रहा है। बैंक से ऋण लेकर मकान आदि निर्माण करने वालों को अधिक व्याज देना पड़ रहा है। अल्प बिजली बिल भुगतान करने पर अधिक चार्ज देना पड़ रहा है। इससे साफ जाहिर हो रहा है कि वेतनभोगी कर्मियों को वेतन नहीं देने पर अधिक राशि व्यय करना पड़ेगा। वहीं राज्यकर्मियों को अतिरिक्त व्यय करना पड़ रहा है। इसके विरूद्ध सरकार के द्वारा किसी तरह की भरपाई नहीं की जाती है। अंत में अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रदेश मंत्री राजन क्लेमेंट साह ने स्वास्थ्य मंत्री मंगल पाण्डेय से आग्रह है कि जल्द से जल्द प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में राशि आवंटन करने का आदेश निर्गत करें ताकि कर्मियों को वेतनादि नियमित मिल सकें।

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