जन शक्ति से ही जल शक्ति को बचाया जा सकता है-पूज्य स्वामी चिदानन्द सरस्वतीजी - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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बुधवार, 28 नवंबर 2018

जन शक्ति से ही जल शक्ति को बचाया जा सकता है-पूज्य स्वामी चिदानन्द सरस्वतीजी

गंगा स्वच्छता हेतु स्पर्श गंगा और नमामि गंगे के संयुक्त तत्वावधान में साइकिल रैली का आयोजन, साइकिल रैली में प्रथम आने वाले जवानों को किया पुरस्कृत, जगतगुरू रामानन्दाचार्य हंसदेवाचार्य जी महाराज, स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज, स्वामी कैलाशानन्द जी महाराज, संसदीय, विधायी, भाषा, वित्त मंत्री श्री प्रकाश पंत जी, विधायक श्री आदेश चैहान जी एवं अनेक पूज्य संतों व विशिष्ट व्यक्तियों ने सहभाग किया, गंगा हमारा जीवन और जीवन रेखा है
जवानों ने ऋषिकेश से हरिद्वार तक साइकिल रैली की, स्कूली छात्रों ने भी किया सहभाग
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ऋषिकेश, 28 नवम्बर। माँ गंगा को स्वच्छ और निर्मल बनाने के लिये स्पर्श गंगा और नमामि गंगे के संयुक्त तत्वावधान में साइकिल रैली का आयोजन किया गया इसमें सैकड़ों स्कूली छात्रों, जवानों, पूज्य संतों एवं अनेक लोगों ने सहभाग किया। जवानों ने त्रिवेणी घाट, ऋषिकेश से हरिद्वार तक साइकिल रैली का आयोजन कर गंगा को स्वच्छ और निर्मल बनाने का संकल्प लिया। स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज ने कहा कि स्पर्श गंगा का जन्म परमार्थ निकेतन में गंगा के किनारे माननीय लालकृष्ण अडवानी जी, परम पावन दलाई लामा जी, तत्कालीन मुख्यमंत्री श्री रमेश पोखरियाल जी तथा देश के अनेक पूज्य संतों के सान्निध्य में  हुआ। स्वामी जी ने कहा कि आज मुझे प्रसन्नता हो रही है कि स्पर्श गंगा की आठ सालों की यात्रा में अनेक जवानों और भाई बहनों ने स्पर्श गंगा की यात्रा में जो आहुतियां दी उन सब का सम्मान करता हूँ।  स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज ने कहा कि गंगा, हमारा जीवन और जीवन रेखा है; हमारे देश का मान; स्वाभिमान और शान है।  हम बहुत सौभाग्यशाली है कि हमारे प्रदेश से गंगा बहती है और जाकर गंगा सागर बनती है इसलिये हमारा तो कर्तव्य बनता है कि हम पूरे भारत को स्वच्छ और निर्मल गंगा दे सके यही हमारी सबसे बड़ी साधना, ध्यान और पुजा हो।

 स्वामी जी ने सभी छात्रों को सम्बोधित करते हुये कहा, समय आ गया है कि हम सभी फोर टी प्रोग्राम करे जिसमें अपना टाइम, टेलैंट, टेक्नोलाॅजी और टुगेदर्नेस अर्थात सारे मिलकर कार्य करे। सारी संस्थायें, स्कूल और सारी जनशक्ति अगर मिल जाती है तो जन शक्ति से ही जल शक्ति को बचाया जा सकता है। स्वामी हंसदेवाचार्य जी महाराज ने कहा कि गंगा हमारे देश का स्वाभिमान है। गंगा केवल बाहर ही नहीं बल्कि हमारे दिलों में बहती है, गंगा के प्रति हमारा विशेष कर्तव्य है कि उसमें कभी भी और कहीं भी कूडा-कचरा न जाये और उसमें प्रदूषण न हो तथा पालिथिन का उपयोग न करे और इस पर विशेष ध्यान दे। स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज ने वहां उपस्थित सभी लोगों एवं सैकड़ों की संख्या में उपस्थित छात्रों को संकल्प कराया कि न तो में गन्दगी करूंगा और न करने दूंगा, न मैं प्रदूषण करूंगा और न प्रदूषण करने दूंगा। उन्होने कहा कि वृक्ष लगाकर अपनी धरती को हरा-भरा बनायेंगे और इसकी शुरूआत अपनी गली से, अपने गांवों से करना होगा इस कार्य के लिये हम खुद भी जुटेंगे और दूसरों को भी जोड़ेंगे। उन्होने कहा कि स्वच्छता में ही ईश्वर का निवास है स्वच्छता ईश्वर को बहुत प्रिय है अतः स्वच्छता हमारा संस्कार बने, स्वच्छता हमारा धर्म बने, स्वच्छता हमारी संस्कृति बने।  स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज ने दिव्यांग जवान को पर्यावरण का प्रतीक रूद्राक्ष का पौधा भेंट किया। इस दिव्यांग जवान ने साइकिल रैली में भाग लिया। दिव्यांग छात्र को स्वामी जी महाराज, श्री प्रकाश पंत जी और पूर्व मुख्यमंत्री जी ने सम्मानित किया।

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