बिहार : विज्ञान के दौर में 'भगवती' पर जोर - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शनिवार, 24 नवंबर 2018

बिहार : विज्ञान के दौर में 'भगवती' पर जोर

science-and-faith
समेली, 24 नवम्बर।बेशक हमलोग आधुनिक युग में जी रहे हैं.लेकिन कुछ लोग अब भी पुराने रीति-रिवाज और कुप्रथाओं में विश्वास करते हैं.इसी में स्व.गेढ़न पोद्दार की विधवा कृष्णा मुस्मात हैं जो भगवती मइया की कारामात के कायल है.कृष्णा मुस्मात हाथ जोड़कर भगवती मइया को धन्यवाद देती हैं कि आपकी ही अनुकम्पा से परिवार रूपी बगान में चार गुलाब का पेड़ पनप पाया है.विज्ञान के दौर में भी उसका भगवती मइया पर ही आस्था है.कार्तिक पूर्णिमा के दिन पाठी का बलिदान दी.

बकिया पूर्वी मुसहरी टोला में है भगवती मइया के लघु मंदिर
कटिहार जिले के समेली प्रखंड के डूमर ग्राम पंचायत में है बकिया पूर्वी मुसहरी टोला.इसी मुसहरी में है भगवती मइया के लघु मंदिर.इस मंदिर की विशेषता है कम प्रचारित और अधिक लोकआस्था.इसी लोकआस्था को लेकर आयी थीं स्व.गेढ़न पोद्दार की विधवा.भगवती मइया के समक्ष गुहार लगायी थी कि मइया पुत्रवधु को संतान दे दें. एक पुत्रवधु से संजय पोद्दार और मंटु पोद्दार हुआ.दूसरे से अंशु और पतंग पैदा हुए.कुल चार शिशु मइया के वरदार से धरती पर आ सकें. इस तरह की आस्था के सामने प्रकृति व विज्ञान भी लाचार है.नर-नारी के मधुर मिलन के बाद ही शिशु का उत्पति होता है.   

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