आगमन के बाद वृहस्पतिवार को पटना में स्थित कुर्जी पल्ली जाएंगे, यहां पर पटना धर्मप्रांत की शताब्दी वर्ष का उद्घाटन करेंगे
पटना,28 नवम्बर। भारत और नेपाल के राजदूत हैं महाधर्माध्यक्ष जियाबतिस्ता डिक्वाटो।संत पिता फ्रांसिस,रोम के राजदूत हैं।उनका आगमन बिहार में हो रहा है। यहां पर आगमन होने के बाद पटना में स्थित कुर्जी पल्लाी चले जाएंगे। वृहस्पतिवार 29 नवम्बर, 2018 को 3ः30 बजे से प्रेरितों की रानी ईष-मंदिर में मिस्सा पूजा अर्पित करेंगे। इसी अवसर पर पटना धर्मप्रांत की स्थापना की शताब्दी वर्ष का उद्घाटन कर देंगे। इसके साथ ही विभिन्न तरह का कार्यक्रम साल भर चलता रहेगा। कई धर्मप्रांत के धर्माध्यक्ष भी रहेंगे मौजूद
अब से कुछ घंटे के बाद पटना धर्मप्रांत का शताब्दी वर्ष प्रारंभ हो जाएगा। विभिन्न धर्मप्रांत के धर्माध्यक्ष, फादर, सिस्टर और ईसाई धर्मावलम्बी आने लगे हैं। यह सुनिश्चित है कि पटना महाधर्मप्रांत के पटना, बेतिया, मुजफ्फरपुर, नेपाल, पूर्णिया, और भागलपुर के धर्माध्यक्ष आएंगे। बक्सर धर्मप्रांत के बिषप का पद रिक्त हैं वहां से प्रषासक बने विकर जेनरल आएंगे। पटना धर्मप्रांत के बिषप विलियम डिसुजा हैं। जो पटना महाधर्मप्रांत के महाधर्मायक्ष भी हैं। इन लोगों के साथ धर्मी भी आएंगे। कुल मिलाकर धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम भव्य होगा। आगत सभी लोग इस ऐतिहासिक पल का गवाह बन जाएंगे।
इलाहाबाद धर्मप्रांत से अलग होकर बना है पटना धर्मप्रांत
आपको मालूम है कि इलाहाबाद धर्मप्रांत से अलग होकर बना है पटना धर्मप्रांत। जी हां, संत पिता बेनेडिक्ट 15 वें के कार्यकाल में 10 सितम्बर 1919 को इलाहाबाद धर्मप्रांत से अलग करके पटना धर्मप्रांत की स्थापना की गयी थी। इसके 2 साल के बाद पटना धर्मप्रांत को प्रथम धर्माध्यक्ष मिला। प्रथम धर्माध्यक्ष बनने का श्रेय फादर लुइस वानहुक को प्राप्त हुआ। 1921 में विधिवत फादर लुइस वानहुक को पटना धर्मप्रांत के
प्रथम धर्माध्यक्ष के रूप में अभिषिक्त किया गया।
शताब्दी वर्ष का विधिवत उद्घाटन पर सांस्कृति कार्यक्रम
भारत और नेपाल के राजदूत महाधर्माध्यक्ष जियामबतिस्ता डिक्वाटो के सम्मान में सांस्कृतिक कार्यक्रम किया जाएगा। कुर्जी पल्ली के प्रधान पल्ली पुरोहित फादर रेमंड केरोबिन के अनुसार पल्ली के स्कूल और संस्थानों के बच्चे सांस्कृतिक कार्यक्रम पेश करेंगे। सभी कार्यक्रम नयना विराम होगा।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें