ताज दृष्टि पत्र सार्वजनिक करने में कोई बुराई नहीं : सुप्रीम कोर्ट - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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गुरुवार, 29 नवंबर 2018

ताज दृष्टि पत्र सार्वजनिक करने में कोई बुराई नहीं : सुप्रीम कोर्ट

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नयी दिल्ली, 29 नवम्बर, उच्चतम न्यायालय ने गुरुवार को कहा कि ताजमहल पर तैयार किये जा रहे दृष्टि पत्र को सार्वजनिक किया जाना चाहिए।  न्यायमूर्ति मदन बी लोकुर की अध्यक्षता वाली एक पीठ ने दिल्ली के योजना तथा वास्तुकला विद्यालय द्वारा तैयार किये जा रहे दृष्टिपत्र को सार्वजनिक करने की बात कही कि इस दृष्टिपत्र में कुछ भी गोपनीय नहीं है। विद्यालय की ओर से खंडपीठ के समक्ष दलील दी गयी कि आगरा शहर में ताजमहल सुरक्षा एवं संरक्षा के लिए एक दृष्टि पत्र तैयार करने की प्रक्रिया में है। उसने कहा कि यह दस्तावेज राज्य सरकार को सौंपा जायेगा। अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ए एन एस नाडकर्णी ने पीठ से कहा कि ताजमहल के लिए धरोहर योजना के प्रथम प्रारूप को आठ सप्ताह के भीतर अंतिम रूप दिया जायेगा। यह प्रारूप यूनेस्को को सौंपा जाना है।

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