नयी दिल्ली 24 नवंबर, केंद्रीय जांच ब्यूरो और भारतीय रिजर्व बैंक के कामकाज में हस्तक्षेप के मोदी सरकार पर लग रहे आरोपों के बीच पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने आज कहा कि संस्थानों के सुचारु रुप से काम नहीं करने से किसी भी देश का असफल होना निश्चित है। डा. सिंह ने ‘शांति, सदभावना एवं प्रसन्नता की ओर: संक्रमण से परिवर्तन’ पर यहां एक राष्ट्रीय सम्मेलन के समापन सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि समाज में शांति एवं सदभावना बनाए रखने के लिये शासन व्यवस्था के सभी संस्थानों का सुचारु रुप से काम करना आवश्यक है। इसके अलावा इन संस्थानों को अनिवार्य रुप से पक्षपात रहित, तथ्यपरक तथा समाज के सभी वर्गों के हित में काम करना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘ दुर्भाग्य से प्रमुख संस्थानों को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। संस्थानों के कमजोर होने से शासन व्यवस्था के अन्य निकायों के कामकाज पर विपरीत असर पड़ता है और उन पर भरोसा घटता है। ऐसी स्थिति में समाज, अर्थव्यवस्था और शासन व्यवस्था में अराजकता पैदा हो सकती है। संस्थानों की सुचारु रुप से काम नहीं करने से किसी भी देश का असफल होना निश्चित है।” इस अवसर पर पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी, पूर्व उप राष्ट्रपति मोहम्मद हामिद अंसारी और पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी समेत कई प्रमुख हस्तियां मौजूद थी। सम्मेलन का आयोजन श्री मुखर्जी के प्रणव मुखर्जी फाउंडेशन की ओर से किया गया था। उल्लेखनीय है कि कांग्रेस समेत विपक्षी दल मोदी सरकार पर सीबीआई और रिजर्व बैंक जैसे प्रमुख संस्थानों के कामकाज में हस्तक्षेप का आरोप लगा रहे हैं।
शनिवार, 24 नवंबर 2018
संस्थानों की विश्वसनीयता जरुरी: मनमोहन सिंह
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