मधुबनी : दो दिवसीय कृषि यांत्रिकरण मेला का उदघाटन - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शनिवार, 29 दिसंबर 2018

मधुबनी : दो दिवसीय कृषि यांत्रिकरण मेला का उदघाटन

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मधुबनी, (आर्यावर्त संवाददाता) 29,दिसंबर,: श्री शीर्षत कपिल अषोक,जिला पदाधिकारी,मधुबनी एवं अन्य जनप्रतिनिधियों के द्वारा संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर जिला स्तरीय दो दिवसीय कृषि यांत्रिकरण मेला का शुभारंभ किया गया। इस अवसर पर माननीय विधायक,मधुबनी, श्री समीर कुमार महासेठ,माननीय विधान पार्षद,मधुबनी श्री सुमन महासेठ, अनुमंडल पदाधिकारी,झंझारपुर,श्री अंषुल अग्रवाल, जिला कृषि पदाधिकारी,मधुबनी, श्री सुधीर कुमार,सहायक निदेषक,पौधा संरक्षण,मधुबनी, श्री सतीषचंद्र झा, निदेषक,रसायन मिट्टी जांच प्रयोगषाला,मधुबनी, श्री पी0एन0झा, श्री मंगलानंद झा समेत काफी संख्या में प्रगतिषील एवं अन्य किसान उपस्थित थे। इस अवसर पर विभाग से पंजीकृत 15 यंत्र विक्रेताओं द्वारा यांत्रिकरण मेला में भाग लिया गया। यांत्रिकरण मेला के माध्यम से कुल 69 प्रकार के कृषि यंत्रों को अनुदानित दर पर किसानों को उपलब्ध कराया जायेगा। कृषि यांत्रिकरण मेला के प्रथम दिन दिनांक 29.12.2018 को रोटावेटर-35 अनुदान की राषि-1750000,कल्टीवेटर-37 अनुदान की राषि-370000,चाराकल-13 अनुदान की राषि-39000, बिजली चालित पंपसेट-6 अनुदान की राषि-41400, धान थे्रसर-7 अनुदान की राषि-350000 है। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जिला पदाधिकारी ने कहा कि किसानों को अपनी पैदावार कम खर्च मेें अधिक करने के लिए कृषि यांत्रिकरण बेहतर है। तकनीक को अपना कर वे कम खर्च में काफी उपज कर सकते है। किसान मौजूदा समय में तकनीक को अपना कर अपनी आय अवष्य बढ़ा सकते है। जिले के किसानों को गन्ना से उन्नत किस्म का गुड़ निकालने हेतु आत्मा के माध्यम से प्रषिक्षण दिलाने की व्यवस्था की जायेगी। कृषि यंत्रों पर मिलने वाली सब्सिडी की राषि अब डी0बी0टी0 के माध्यम से काफी सुगम और पारदर्षी हो गयी है। उन्होंने कहा कि मधुबनी जिले का क्षेत्रफल काफी अधिक होने के कारण यहां एक और कृषि विज्ञान केन्द्र की आवष्यकता महसूस की जा रही है। जिसके लिए शीघ्र संभवतः झंझारपुर या फुलपरास हेतु प्रस्ताव तैयार कर विभाग को भेजी जायेगी। साथ ही कृषि काॅलेज की स्थापना के लिए भी लौकही में जमीन चिन्हित किया गया है। शीघ्र ही उसका भी प्रस्ताव भेजा जायेगा। जिससे की मधुबनी जिले में भी कृषि के क्षेत्र में काफी विकास संभव हो पायेगा। जिला पदाधिकारी द्वारा सभी किसानों से सब्सिडी पर निर्भर नहीं रहने,अपितु स्वयं अपने को आत्मनिर्भर बनने पर बल दिया गया। साथ ही कृषि के क्षेत्र में नये-नये प्रयोगों को अपनाकर अपनी आमदनी कैसे अधिक करें इस पर भी बल दिया गया। कार्यक्रम को माननीय विधायक एवं माननीय विधान पार्षद द्वारा भी संबोधित किया गया।

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