पूर्णिया : जिले के कसबा प्रखंड में 12 सूत्रीय मांगों को ले आशा कार्यकर्ताओं व आशा फैसिलेटरों की अनिश्चितकालीन हड़ताल मंगलवार से प्रारंभ हो गई। स्थानीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भी आशा कार्यकर्ताओं ने हड़ताल करने के साथ सरकार के विरुद्ध जमकर नारेबाजी की। वहीं धरना प्रदर्शन कर रहे आशा संघ कसबा के अध्यक्ष सिंधु भारती ने कहा कि हमलोगों की बदौलत ही संस्थागत प्रसव, मातृ-शिशु मृत्यु दर में उपलब्धियां हासिल हुई है। उनके बदौलत ही राज्य सरकार/स्वास्थ्य विभाग को केंद्र सरकार से प्रशस्ति पत्र एवं पुरस्कार मिले हैं। लेकिन हमारे साथ बिहार सरकार नाइंसाफी कर रही है। वहीं अपनी 12 सूत्रीय मांगों को रखते हुए कार्यकर्ताओं ने कहा कि 29 जून 2015 के समझौता के मानदेय निर्धारण सहित अन्य कार्यान्वित बिंदुओं को लागू किया जाए। आशा कार्यकर्ताओं को सरकारी सेवक घोषित किया जाए और ऐसा किए जाने तक न्यूनतम 18 हजार रुपए मासिक मानदेय लागू किया जाए। साथ ही आशा फैसिलेटर को तदनुरूप समानुपातिक उच्चतर मानदेय भुगतान किया जाए। योग्यताधारी आशा के नर्सिंग ट्रेनिंग के लिए नर्सिंग स्कूलों में 50 प्रतिशत सीट आरक्षित किया जाए। प्रशिक्षण के बाद आशा कार्य अवधि वर्ष तक उम्र सीमा में छूट देते हुए एएनएम के पद पर पदस्थापन किया जाए। इस मौके पर पार्वती देवी, माहे जहां, संजीदा खातून, रीता देवी, किरण देवी, प्रमिना देवी, बंदना देवी सहित सभी आशा कार्यकर्ता मौजूद थे।
मंगलवार, 25 दिसंबर 2018
पूर्णिया : 12 सूत्रीय मांगों को ले धरना पर बैठी आशा कार्यकर्ता
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