नयी दिल्ली 31 दिसम्बर, सेना के मुस्तैद जवानों ने जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तान की ओर से ‘बैट’ हमले को विफल कर जवाबी कार्रवाई में बड़ी संख्या में हथियारों से लैस दो घुसपैठियों को ढेर कर दिया जिनके पास से बरामद हथियारों पर पाकिस्तान के निशान बने हुए हैं। सेना के सूत्रों ने आज यहां बताया कि पाकिस्तान की ओर से पिछले 20 दिनों में बैट हमले की यह चौथी कोशिश की गयी थी। इससे पहले तीन हमले भारतीय सेना ने विफल कर दिये थे। हताशा में यह हमला नये साल से पहले सेना को बड़ा नुकसान पहुंचाने की नियत से किया गया था। सूत्रों ने बताया कि हमलावरों में पाकिस्तान की स्पेशल सर्विस ग्रुप के कमांडो भी शामिल थे। यह कार्रवाई दोनों सेनाओं के बीच मंगलवार को होने वाली सैन्य संचालन महानिदेशकों की बैठक से एक दिन पहले हुआ है। सेना के अनुसार बैट हमला नौगाम सेक्टर से लगती नियंत्रण रेखा के इलाके में हुआ। पाकिस्तान के करालकोट क्षेत्र में किनिस चौकी की ओर से आये घुसपैठिये भारतीय सीमा में 100 मीटर तक घुस आये थे। पाकिस्तानी सेना ने बैट हमले के लिए गत शनिवार को शाम साढे सात बजे संघर्ष विराम का उल्लंघन कर घुसपैठियों को कवर फायरिंग देनी शुरू की। भारतीय जवानों ने अपनी चौकी की ओर संदिग्ध हलचल देखी जिस पर पाकिस्तानी सेना को करारा जवाब देने के साथ-साथ चौकी की ओर फायरिंग कर रहे हमलावरों पर भी जवानों ने गाेलियों की बौछार कर दी। इस जवाबी कार्रवाई में दो घुसपैठिये मारे गये। इन दोनों के शव अगले दिन सुबह तलाशी अभियान के दौरान मिले। इन दोनों ने सेना की ‘वर्दी’ पहन रखी थी जो भारतीय जवानों जैसी लग रही है। घुसपैठिये भारतीय सेना को चकमा देने के लिए अक्सर इस तरह की वर्दी पहनते हैं। सेना ने अभी पुष्टि नहीं की है कि मारे गये हमलावरों में पाकिस्तानी जवान भी हैं लेकिन सूत्रों के अनुसार हमलावरों में पाकिस्तानी एसएसजी का एक कमांडो भी शामिल है। इनमें पास से पाकिस्तान के निशान वाले घातक हथियार मिले हैं। सूत्रों के अनुसार पाकिस्तान की ओर से पिछले 20 दिनों में चौथी बार बैट हमला किया गया था। इनमें से दो हमले उत्तरी पीर पंजाल और दो दक्षिणी पीर पंजाल इलाके में किये गये थे। इन हमलों का मकसद हाल ही में भारतीय सेना द्वारा दुश्मन को पहुंचाये गये भारी नुकसान के बदले की कार्रवाई करना था। तीन हमलों के विफल होने से दुश्मन हताश था और वह नये साल से पहले भारतीय सेना को बडा नुकसान पहुंचाने के साथ साथ घुसपैठ की कोशिश में था जिससे कि घाटी में आतंकी गतिविधियों को अंजाम दिया जा सके। बैट टीम में अक्सर 5-6 हमलावर होते हैं जिनमें आतंकवादियों के साथ पाकिस्तानी सेना के जवान भी शामिल होते हैं और ये घात लगाकर हमला करने के साथ साथ आतंकवादियों की घुसपैठ के लिए किया जाता है।
सोमवार, 31 दिसंबर 2018
नियंत्रण रेखा पर ‘बैट’ हमला विफल, दो घुसपैठिये ढेर
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