बिहार : बिहार की महिलाओं की जीत : मीना तिवारी - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

शनिवार, 22 दिसंबर 2018

बिहार : बिहार की महिलाओं की जीत : मीना तिवारी

bihar-women-win
पटना, 22 दिसम्बर। अखिल भारतीय प्रगतिशील महिला एसोसिएशन( ऐपवा ) की राष्ट्रीय महासचिव मीना तिवारी ने विधायक राजवल्लभ यादव को मिली सजा का स्वागत किया है और उम्मीद जताई है कि ऊपर की अदालत भी इस सजा को बरकरार रखेगी. मीना तिवारी ने कहा कि राजवल्लभ यादव को मिली सजा  बिहार की महिलाओं  के संघर्ष की जीत है. 6फरवरी2016की इस घटना पर आरंभ में सरकार द्वारा लीपापोती करने की कोशिश के खिलाफ और राजवल्लभ की गिरफ्तारी के लिए महिलाओं को आवाज उठानी पड़ी.बाद में चार्जशीट दाखिल करने में भी देर किया जा रहा था.30मार्च को जब दुबारा तारीख बढ़ा दी गई तो स्पष्ट हो गया कि  सरकार की कोशिश है कि राजवल्लभ यादव को जमानत मिल जाए . तब 21अप्रैल 2016 को ऐपवा ने राजभवन मार्च निकाला. मार्च करती हुई महिलाएं विधानसभा के गेट के अंदर प्रवेश कर गईं तब जाकर सरकार जागी और 22 अप्रैल 2016 को पुलिस ने चार्जशीट दाखिल किया.23 अप्रैल को जेल के भीतर राजवल्लभ को विशेष सुविधाएं दिए जाने का ऐपवा ने विरोध किया.26 अप्रैल 2016 को ऐपवा के प्रतिनिधि मंडल ने राज्यपाल से मुलाकात की. इस प्रतिनिधि मंडल में मीना तिवारी, सरोज चौबे, शशि यादव, भारती एस कुमार, अनीता सिन्हा शामिल थीं. इस प्रतिनिधि मंडल ने मई 2016 में ही विधानसभा अध्यक्ष से भी मुलाकात कर कार्रवाई की मांग की थी.महिलाओं के आंदोलन का ही दबाव था कि सरकार को ऊपरी अदालत में भी राजवल्लभ की जमानत याचिका का विरोध करना पड़ा.ऐपवा उम्मीद करती है कि ऊपर की अदालत भी राजवल्लभ यादव की सजा को बरकरार रखेगी. आज भाजपा के राज में दलित, गरीब,कमजोर तबकों पर अत्याचार बढ़ गया है खासकर महिलाओं पर बलात्कार और हिंसा थम नहीं रही है ऐसे समय में आया यह फैसला सत्ता संरक्षित अपराधियों के लिए एक सबक है.

कोई टिप्पणी नहीं: