विकास और हिंदुत्व के मुद्दे को समान महत्व दे भाजपा: आरएसएस - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

बुधवार, 26 दिसंबर 2018

विकास और हिंदुत्व के मुद्दे को समान महत्व दे भाजपा: आरएसएस

bjp-should-give-equal-importance-to-development-and-hindutva-issue-rss
नयी दिल्ली, 26 दिसंबर, देश के तीन हिंदी भाषी राज्यों के विधानसभा चुनावों में हार के कारणों पर मंथन कर रही भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने सुझाव दिया है कि वह विकास और हिंदुत्व के मुद्दे को एक समान अहमियत दे।  संघ के मुख्यपत्र ‘ऑर्गेनाइजर’ ने हालिया विधानसभा चुनावों के परिणाम पर अपने संपादकीय में लिखा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी विकास संबंधी नीतियां निश्चित ही भाजपा के लिए वोट हासिल करने का जरिया रही हैं लेकिन मतदाताओं को बांधे रखने के लिए हिंदुत्व को भी समान महत्व देना होगा। संपादकीय में कहा गया है, “हिंदुत्व की विचारधारा तब अधिक महत्वपूर्ण हो जाती है जब कांग्रेस हिन्दुत्व के रास्ते पर चलकर अपनी धर्मनिरपेक्ष और 'अल्पसंख्यक समर्थक' छवि को खत्म करने की कोशिश कर रही है।”  आर्गेनाइजर के मुताबिक भाजपा के समक्ष सबसे बड़ी चुनौती इस बात की है कि श्री मोदी के नेतृत्व में विकास और हिंदुत्व को एक-दूसरे के पूरक के तौर पर कैसे प्रस्तुत करें।  चुनावों के दौरान ‘इनमें से कोई नहीं’ विकल्प चुनने वाले मतदाताओं की बढ़ती संख्या भारत जैसे लोकतंत्र के लिए चिंता का विषय है। इन दिनों उम्मीदवार का प्रदर्शन और चुनावी परिणाम का कोई संबंध नजर नहीं आता बल्कि झूठे वादे, विभाजनकारी राजनीति और लुभावने तोहफे करने वालों को प्राथमिकता मिल रही है। यह अच्छा संकेत नहीं है। 

कोई टिप्पणी नहीं: