नियम आधारित विश्व व्यवस्था बनाने की अगुवाई करे ब्रिक्स : मोदी - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शनिवार, 1 दिसंबर 2018

नियम आधारित विश्व व्यवस्था बनाने की अगुवाई करे ब्रिक्स : मोदी

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ब्यूनर्स आयर्स, 30 नवम्बर, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विश्व राजनीति के मंच पर ब्राजील, रूस, भारत, चीन एवं दक्षिण अफ्रीका (ब्रिक्स) की महत्ता को नयी ऊँचाई देने के मकसद से सदस्य देशों का आज आह्वान किया कि वे नियम आधारित विश्व व्यवस्था सुनिश्चित करने की अगुवाई करें और इसके लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद सहित सभी बहुपक्षीय मंचों पर विकासशील देशों को प्रतिनिधित्व दिये जाने का मुद्दा एक सुर से उठायें। श्री मोदी ने यहां ब्राज़ील के राष्ट्रपति मिशेल तेमेर, दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सीरिल रामाफोसा, रूस के राष्ट्रपति व्लादीमिर पुतिन और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ ब्रिक्स की शिखर बैठक में अपने संबोधन में आतंकवाद और कट्टरवाद को विश्व शांति एवं आर्थिक विकास के समक्ष बड़ी चुनौती बताया और इससे मुकाबले के लिए ब्रिक्स एवं जी-20 देशों को मिलकर काम करने की जरूरत पर बल दिया।  उन्होंने कहा कि हम ब्रिक्स में विश्व की 42 प्रतिशत जनसंख्या का प्रतिनिधित्व करते हैं। पिछले कुछ वर्षों से ब्रिक्स वैश्विक प्रगति का इंजन बना हुआ है। अभी भी विश्व की सकल घरेलू उत्पाद (23%) और व्यापार (16%) में ब्रिक्स की हिस्सेदारी जनसंख्या के अनुरूप नहीं है। इस हिस्सेदारी के बढ़ने की बहुत अधिक संभावनाएं हैं।
उन्होंने कहा कि वैश्वीकरण ने लाखों लोगों को गरीबी से बाहर निकाला है। इसके फायदों के समान वितरण को लेकर हमारे सामने चुनौतियां हैं। बहुपक्षवाद और नियम-आधारित विश्व-व्यवस्था के सामने निरंतर कठिनाइयाँ आ रही हैं और संरक्षणवाद बढ़ रहा है। मुद्रा अवमूल्यन और तेल कीमतों में तेज बढ़ोत्तरी पिछले कुछ वर्षों में अर्जित लाभ को चुनौती दे रहे हैं। 

प्रधानमंत्री ने कहा कि ब्रिक्स देश वैश्विक स्थिरता और विकास में योगदान देते रहे हैं। हमने विश्व की आर्थिक और राजनीतिक संरचना को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। हमने विश्व आर्थिक शासन के ढांचे को और अधिक प्रतिनिधित्व वाला और लोकतांत्रिक बनाने में सार्थक योगदान दिया है और इस दिशा में आगे भी कार्य करते रहेंगे।  उन्हाेंने कहा, “ हमें संयुक्त राष्ट्र और इसकी सुरक्षा परिषद सहित बहुपक्षवादी संस्थाओं में विकासशील देशों को और अधिक प्रतिनिधित्व दिए जाने पर एक सुर में बात करनी चाहिए। यह वही मकसद है जिसके लिए हम ब्रिक्स में एक साथ आए हैं।” उन्होंने जोहानसबर्ग में पेश किये गये रिफॉर्म्ड मल्टीलैटेरिज़्म के विचार को आगे बढ़ाते हुए कहा,“ हमें नियम-आधारित विश्व-व्यवस्था को सुनिश्चित करने के लिए संयुक्त राष्ट्र, विश्व व्यापार संगठन, यू.एन.एफ़.सी.सी., विश्व बैंक इत्यादि जैसे बहुपक्षीय संस्थानों के साथ मिलकर काम करना होगा जिससे इनकी प्रासंगिकता बनी रहे और वह समय की वास्तविकताओं को दर्शाएं।” श्री मोदी ने कहा कि नयी आैद्योगिक क्रांति, कार्य के भविष्य आदि विषयों के जी-20 एजेंडा में समावेश ने वैश्विक विकास की चर्चा को समृद्ध किया है। हम ब्रिक्स देश नयी औद्योगिक क्रांति में सहयोग करने के लिए उत्सुक हैं।

इस संदर्भ में, वैश्वीकरण और आव्रजन के विषयों को बेहतर बहुपक्षीय समन्वय और सहयोग के द्वारा संबोधित करना होगा। ग्लोबल सप्लाई चेन में श्रमिक मुद्दों का प्रबंधन, पूरी वैल्यू चेन में उत्कृष्ट काम को सुनिश्चित करने के लिए जरूरी होगा। विश्व भर में कामगारों की सामाजिक संरक्षण योजनाओं की पोर्टेबिलिटी और मजदूरों की सहज आवाजाही महत्वपूर्ण है। उन्होंने सतत विकास और आधारभूत ढांचे को आपदाओं से बचाव में सक्षम बनाने की जरूरत दोहरायी और यह भी कहा कि महिलाओं के सशक्तिकरण और सतत खाद्य सुरक्षा जैसे सामाजिक-आर्थिक मामले जी-20 शिखर बैठक में उठाए जाएंगे। उन्होंने प्रधानमंत्री ने ब्रिक्स में राजनीतिक अादान प्रदान में प्रगति की सराहना की और इसमें विदेश मंत्रियों, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों और पश्चिम एशिया के विशेष दूतों की मुलाकातों के योगदान को रेखांकित किया। उन्होंने कहा, “ हम सभी इस बात पर सहमत हैं कि आज आतंकवाद और कट्टरवाद पूरी दुनिया के सामने सबसे बड़ी चुनौतियां हैं। यह न केवल शांति और सुरक्षा के लिए ख़तरा है, यह आर्थिक विकास के लिए भी एक चुनौती है।”  उन्होंने कहा कि हमने सभी देशों से एफएटीएफ मानकों के कार्यान्वयन का आग्रह किया है। आतंकवादियों के नेटवर्क, उनकी फाइनेंसिंग और उनकी आवाजाही को रोकने के लिए संयुक्त राष्ट्र के काउंटर टेरेरिज़्म फ्रेमवर्क को मजबूत करने के लिए ब्रिक्स एवं जी-20 देशों को साथ मिलकर काम करना होगा। उन्होंने आर्थिक अपराधियों और भगोड़ों के विरुद्ध हमें मिलकर काम करने की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि यह समस्या विश्व की आर्थिक स्थिरता के लिए गंभीर ख़तरा बन सकती है।

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