पटना 24 दिसम्बर 2018 भाकपा-माले विधायक दल के नेता महबूब आलम, दरौली से विधायक सत्यदेव राम और तरारी से विधायक सुदामा प्रसाद ने आज संयुक्त प्रेस बयान जारी करके कहा है कि लंबे समय से चल रही आशाकर्मियों की हड़ताल के कारण आज बिहार की ग्रामीण स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है, लेकिन न तो मुख्यमंत्री को इसकी चिंता है और न स्वास्थ्य मंत्री को. हम चाहते हैं कि मुख्यमंत्री महोदय को इस मामले में तत्काल पहलकदमी लेनी चाहिए और जनता के हित में हड़ताल को अविलंब खत्म कराना चाहिए. माले विधायकों ने कहा कि आशाकर्मियों की मांग हर लिहाज से जायज है. 18000 रुपये मासिक मानदेय के साथ सेवा के स्थायीकरण के सवाल पर जारी इस हड़ताल के प्रति सरकार का रवैया उपेक्षा का है. जगह-जगह आशाकर्मी आंदोलित हैं, मंत्रियों और अधिकारियों का घेराव कर रही हैं, पटना में भी आकर हजारों आशाकर्मियों ने 2 दिन तक लगातार डेरा जमाए रखा, वावजूद सरकार ने कोई नोटिस नहीं ली. यह कहीं से उचित नहीं है. माले विधायकों ने आगे कहा कि इस मसले पर सरकार पर दवाब बनाने के लिए विपक्ष के अन्य विधायकों से भी हमने समर्थन मांगा है. राजद सहित कई पार्टियों के विधायकों का हमें समर्थन भी मिल रहा है. माले विधायक दल के नेता महबूब आलम ने कहा कि मुख्यमंत्री आशाकर्मियों से वार्ता के लिए समय निर्धारित करें और अनिश्चितकालीन हड़ताल को समाप्त कराएं.
सोमवार, 24 दिसंबर 2018
बिहार : आशाकर्मियों की हड़ताल समाप्त कराने के लिए मुख्यमंत्री पहलकदमी करें : माले
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