वाराणसी : रिफंड के लिए वाराणसी में हो ‘पीएओ’ की तैनाती - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शुक्रवार, 14 दिसंबर 2018

वाराणसी : रिफंड के लिए वाराणसी में हो ‘पीएओ’ की तैनाती

सपोर्टर-रिफंड प्रक्रिया के सरलीकरण और हार्डकॉपी की अनिवार्यता समाप्त करने को उद्यमियों ने उठायी आवाज
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वाराणसी (सुरेश गांधी) । इंडियन इंडस्ट्री एसोसिएशन (आईआईए) मंडल इकाई ने आयात-निर्यात की कठिनाइयों, रिफंड प्रक्रिया की दिक्कतों, प्रवासी भारतीय सम्मेलन में जोरदार भागीदारी समेत अनेक मुद्दों पर गहन विचार-विमर्श किया। उद्यमियों ने जीएसटी रिफंड प्रक्रिया के सरलीकरण की जहां मांग की वहीं रिफंड को शत-प्रतिशत आॅनलाइन करने की जोरदार आवाज उठायी। विनायक प्लाजा (मलदहिया) स्थित संगठन कार्यालय में शुक्रवार को हुई बैठक में उद्यमियों ने कहा कि जीएसटी रिफंड में हार्डकॉपी की अनिवार्यता से काफी दिक्कतें आ रही है जबकि सरकार ने जीएसटी में समस्त प्रक्रियाएं आॅनलाइन कर दी है। ऐसे में हार्डकॉपी की अनिवार्यता को भी समाप्त कर देना चाहिए। उद्यमियों ने कहा कि वर्तमान में जीएसटी रिफंड प्रयागराज (इलाहाबाद) भेजकर पीएओ (पे एण्ड एकाउंट आॅफिसर) से कराना पड़ता है। 

इलाहाबाद में कई डिवीजनों का भार होने के कारण रिफंड में काफी विलम्ब होता है। ऐसे में वाराणसी में जीएसटी आयुक्त कार्यालय में पीएओ की नियुक्ति हो जाए तो रिफंड प्रोसेस में काफी तेजी आएगी। वैसे भी वाराणसी में अत्यधिक रिफंड लेने वालों की संख्या अपने आप में बहुत अधिक है। डिवीजनल चेयरमैन आरके चैधरी ने कहा कि प्रदेश का सर्वांगीण विकास औद्योगिक विकास से ही संभव है। सरकार इस प्रदेश को उद्योग प्रदेश बनाने के लिए कृत संकल्पित है, परंतु पूर्व में भी कई बार अनुरोध किया गया कि औद्योगिक विकास एवं इनकी समस्याओं के निस्तारण के लिए बने फोरमों को प्रभावी बनाते हुए कानून के दायरे में लाया जाए, जिससे इसके गठन के मूल उद्देश्य की प्राप्ति हो सके तथा औद्योगिक विकास को गति मिले। सरकार को इस दिशा में त्वरित निर्णय लेना चाहिए। बैठक में राजेश भाटिया, अवधेश गुप्ता, नीरज पारिख, राहुल मेहता, अरविंद नाथ तिवारी, रतन कुमार सिंह, सुभाष पिपलानी, अनुज डिडवानिया, राजकुमार शर्मा, यूआर सिंह आदि थे। 

पूर्ववत हो आयात-निर्यात का प्रावधान
उद्यमियों ने कहा कि आयात-निर्यात में पहले कोई ऐसा नियम नहीं था कि पहले आयात करके ही निर्यात करना होगा। लेकिन अब सरकार ने यह नियम बना दिया है कि पहले आयात करके ही निर्यात कर सकते हैं। इस नियम के लागू होने से निर्यातकों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि कभी-कभी कई कारणों से आयात करने में विलम्ब होता है, जिसके कारण निर्यात भी रूक जाता है। फलस्वरूप निर्यात में कमी आ रही है। जबकि पहले के नियम में सरकार को किसी प्रकार के राजस्व का नुकसान नहीं था। ऐसे में आयात-निर्यात का प्रावधान पूर्व की भांति करने में न सिर्फ कारोबार में वृद्धि होगी बल्कि राजस्व भी बढ़ेगा।

परिचर्चा के लिए सीएम को लिखा पत्र
उद्यमियों ने प्रवासी भारतीय सम्मेलन के दौरान काशी की औद्योगिक पृष्ठभूमि, विकास की संभावनाओं और सम्मेलन में आने वाले उद्योग-व्यापार से संबंधित अतिथियों के साथ एक बैठकध्परिचर्चा करने पर बल दिया। कहा कि यदि ऐसा होता है तो न सिर्फ विदेशों से आने वाले अतिथियों को यहां के औद्योगिक वातावरण से रुबरू होने का अवसर मिलेगा बल्कि स्थानीय उद्यमियों को विदेशी औद्योगिक नीति की जानकारी हो सकेगी। इसके लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र भेजकर अनुरोध करने का निर्णय हुआ। बैठक के तत्काल बाद सीएम को पत्र भेज भी दिया गया।

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