मार्च तक सरकारी बैंकों में होगा 83 हजार करोड़ का निवेश : जेटली - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

गुरुवार, 20 दिसंबर 2018

मार्च तक सरकारी बैंकों में होगा 83 हजार करोड़ का निवेश : जेटली

govt-to-infuse-rs-83-000-cr-in-public-sector-banks
नयी दिल्ली 20 दिसंबर, सरकार ने चालू वित्त वर्ष में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के पुन:पूँजीकरण के लिए निर्धारित राशि 65 हजार करोड़ रुपये से बढ़ाकर एक लाख छह हजार करोड़ रुपये करने का प्रस्ताव किया है और इसके लिए चालू वित्त वर्ष की शेष अवधि में प्रतिभूतियों से 41 हजार करोड़ रुपये जुटाये जायेंगे। कुल मिलाकर मार्च 2019 तक बैंकों में 83 हजार करोड़ रुपये निवेश किये जायेंगे।  वित्त मंत्री अरुण जेटली ने गुरुवार को लोकसभा में अनुदानों की पूरक माँगे पेश करने के बाद संवाददाताओं से कहा कि इसमें 41 हजार करोड़ रुपये सरकारी प्रतिभूतियों के जरिये जुटाने का प्रस्ताव किया गया है जो सरकारी बैंकों के पुन: पूँजीकरण के लिए है। उन्होंने कहा कि चालू वित्त वर्ष में 65 हजार करोड़ रुपये इन बैंकों में लगाने की योजना थी, लेकिन अब इसे बढ़ाकर 1,06,000 करोड़ रुपये कर दिया गया है।  उन्होंने कहा कि इंद्रधनुष योजना के तहत बैंकों में तीन साल में 70 हजार करोड़ रुपये निवेश करने की योजना थी। अब तक 52 हजार करोड़ रुपये निवेश किये जा चुके हैं और 18 हजार करोड़ रुपये निवेश करना शेष है। इसके साथ ही बैंकों को नियामक वैधानिकता पूरी करने के लिए दो लाख 11 हजार करोड़ रुपये लगाना था। इनमें से बैंकों ने एक लाख 35 हजार करोड़ रुपये जुटाये हैं। शेष में से कुछ राशि जुटाने की प्रक्रिया जारी है जबकि 42 हजार करोड़ रुपये जुटाये जाने शेष हैं। सरकारी प्रतिभूति से 41 हजार करोड़ रुपये जुटाये जायेंगे। इस तरह इन बैंकों में मार्च 2019 तक 83 हजार करोड़ रुपये का निवेश होगा जिससे बैंकों की ऋण देने की क्षमता बढ़ेगी और कुछ बैंकों को पीसीए से बाहर निकलने में भी मदद होगी।  श्री जेटली ने कहा कि बैंकों के एनपीए वसूली में भारी बढ़ोतरी हुयी है। चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में 60,726 करोड़ रुपये की वसूली हुयी है जो पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि के 29,302 करोड़ रुपये की तुलना में दोगुने से भी अधिक है। उन्होंने कहा कि एनपीए से निपटने के लिए बैंकों से अधिक प्रावधान किये थे, लेकिन अब इसमें कमी आने लगी है।

कोई टिप्पणी नहीं: