छोड़ दिया जाए बोल तेरे साथ क्या सलूक किया जाए, उप स्वास्थ्य केन्द्र, मलहरिया का हाल
समेली,29 दिसम्बर। बिहार सरकार के स्वास्थ्य विभाग के द्वारा नियमानुसार प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में दवा आपूर्ति की जाती है। इसके बाद प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों के सभी उप स्वास्थ्य केन्द्रों में दवा वितरित की जाती है। सभी उप स्वास्थ्य केन्द्रों पर ए.एन.एम.दीदी की नियुक्त की जाती है। कहीं एक तो कहीं दो ए.एन.एम. कार्यशील रहती हैं। इन लोगों का कार्य है कि नियमित रूप से उप स्वास्थ्य केन्द्र खोले और रोगग्रस्त को दवा-दारू दें। ग्रामीण भी सोच कर केन्द्र में आते हैं। ए.एन.एम.दीदी की सेवा और आवश्यकतानुसार दवा भी लेते हैं।
कुछ वर्षों से उप स्वास्थ्य केन्द्र, मलहरिया है रोगग्रस्तः
कटिहार जिले के समेली प्रखंड में है मलहरिया ग्राम पंचायत। इस प्रखंड के प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र है समेली में। इसका उप स्वास्थ्य केन्द्र है मलहरिया गा्रम पंचायत। उप स्वास्थ्य केन्द्र का तीन-चार भवन है। जिसमें ग्रामीणों का कब्जा है। निर्माण वर्ष के कुछ साल तक जरूर ही केन्द्र संचालित रहा। इधर केन्द्र से ए.एन.एम.दीदी का मोहभंग हो गया है। आंगनबाड़ी केन्द्रों में ही समय बिताकर घर चली जाती है। केन्द्र में नहीं आने का रोग से ए.एन.एम.दीदी को रोगमुक्त करने की जरूरत है। दीवार लेखन कर उप स्वास्थ्य केन्द्र की कार्य गतिविधियों का जिक्र है। इसमें रोजाना केन्द्र खोलकर टीकाकरण करना, प्रसव, बंध्याकरण आदि की सुविधा उपलब्ध करवाना है। जो नहीं हो रहा है।
मिक्स फ्रूट फ्लेवर जिंटोर सिरफ का स्वाद नहीं चखे बच्चेः
इस पंचायत और गांव के बच्चे मिक्स फ्रूट फ्लेवर जिंटोर सिरफ का स्वाद बच्चे नहीं चखे। कल्याणकारी सरकार के द्वारा बच्चों को कुपोषण से बचाने के लिए मिक्स फ्रूट फ्लेवर जिंटोर सिरफ (टानिक) दिया जाता है। जो हेल्थ सिस्टम के षिकार हो गया। दर्जनों बोतल का डेट स्पायर हो गया। अप्रैल 2012 में निर्मित और मार्च 2014 तक चलना था। 4 साल के बाद भी खिड़की पर दर्जनों बोतल पड़ा हुआ है। जिसको जो मन में आता है वे उन बोतलों के साथ किया करते हैं। शोले फिल्म का डायलाग बोलते हैं अरे ओ बोतल फोर दिया जाए कि छोड़ दिया जाए बोल तेरे साथ क्या सलूक किया जाए। धड़ाम से बोतल को धरती फेंककर तोड़ देते हैं। फिलवक्त जानकारी लेते समय कोई खबर नहीं है कि कोई भी लोग एक्सपाइरी दवा का सेवन करते हैं।
आखिर क्यों नहीं उपयोग किया गया़ ?
बड़ा सवाल है कि आखिर क्यों नहीं मिक्स फ्रूट फ्लेवर जिंटोर सिरफ (टानिक) का उपयोग किया गया ? क्या टानिक को अंतिम समय में ही स्वास्थ्य विभाग के द्वारा प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र और उप स्वास्थ्य केन्द्रों में आपूर्ति की गयी ? क्या इस उप स्वास्थ्य केन्द की दोनों कार्यशील ए.एन.एम.दीदी लापरवाह हैं घ् क्या कागज पर रिपोर्ट पेश किया जा रहा है? यह सवाल उठाता जरूरी है। किसी कुपोषित बच्चों की जिंदगी को बचाना है। आम नागरिक का टेक्स का पैसा को बर्बाद करते नहीं देखा जा सकता है। इसकी जांच करनी चाहिए। चार-पांच भवन बने हैं और किसी तरह का उपयोग नहीं हो रहा है। जानवर और मनुष्य का आरामगार बनकर रह गया है। दरवाजा और खिड़की तोड़कर ले जा रहे हैं। वहीं खिड़की पर दर्जनों बोतल जिक सल्फेट आरल सोल्यूसन का जिंटोर सिरफ पड़ा हुआ है। जो खतरनाक बन गया है। उसको सेवन करने से मौत को दावथ देने सदृष्य है।
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